Move to Jagran APP

ईएसआइ अस्पताल में डॉक्टर पूरे, इलाज अधूरा

जगदीश कुमार, जालंधर कर्मचारी अपने वेतन का एक अहम हिस्सा ईएसआइसी के खाते में हर माह इस उ

By Edited By: Published: Mon, 12 Dec 2016 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 12 Dec 2016 06:42 PM (IST)
ईएसआइ अस्पताल में डॉक्टर पूरे, इलाज अधूरा

जगदीश कुमार, जालंधर

loksabha election banner

कर्मचारी अपने वेतन का एक अहम हिस्सा ईएसआइसी के खाते में हर माह इस उम्मीद से जमा करवाते रहते हैं कि वहां से उन्हें जरूरत पर अच्छी सेहत सुविधा मिल जाएगी। जबकि ईएसआइ अस्पताल व डिस्पेंसरियों में मिल रही मानसिक प्रताड़ना उनकी स्वास्य सुविधा में सेंध लगा रही है। वैसे तो जालंधर के ईएसआइ अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या पूरी है, लेकिन माहिर नहीं हैं। इसके अलावा मूलभूत सुविधाएं भी ईएसआइ अस्पताल के लिए नासूर बनी हुई हैं।

वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी ईएसआइ अस्पतालों व डिस्पेंसरियों की सेवाओं में सुधार लाने की जहमत जहमत नहीं उठाना चाहते हैं। जबकि ईएसआइसी के अधिकारियों की दौड़ सेहत विभाग के साथ पत्राचार तक सीमित रह जाती है। गौर हो कि जिले में पांच डिस्पेंसरियां तथा एक ईएसआइ अस्पताल लोगों को सेवाएं मुहैया करवा रहा है।

अस्पताल में महिला डॉक्टर चार, प्रसव करवाने से इंकार

ईएसआइ अस्पताल में 4 महिला रोगों की माहिर डाक्टर तैनात हैं। इसके बावजूद गर्भवती महिलाओं को प्रसव करवाने के लिए सिविल अस्पताल में परेशान होना पड़ रहा है। गत माह इसी चक्कर में एक नवजात की मौत भी हो गई थी। पिछले तीन माह में अस्पताल में 16 प्रसव ही हुए।

माह प्रसव

सितंबर 5 (2 नार्मल, 3 सिजेरियन)

अक्टूबर 8 (1 नार्मल, 7 सिजेरियन)

नवंबर 3 (3 नार्मल)

अस्पताल में माहिर डाक्टरों का टोटा

ईएसआइ अस्पताल में 9 सीनियर मेडिकल अफसरों तथा 5 मेडिकल अफसरों के पद हैं। सभी पद भरे हुए हैं, जबकि अस्पताल मिस मैचिंग का शिकार हो चुका है। सभी पद होने के बावजूद भी अस्पताल में सर्जिकल, मेडिकल, हड्डियों तथा आंखों की बीमारियों का इलाज करने वाले डॉक्टर नही हैं। इसके अलावा हमीरा में दो तथा ईएसआइ डिस्पेंसरी नंबर 2, 4 तथा पांच नंबर में एक-एक डाक्टर का पद खाली है। नतीजतन इनसे संबंधित मरीजों को सेवाएं लेने के लिए सिविल अस्पताल की चौखट पर जाना पड़ रहा है। डाक्टरों की कमी के चलते अस्पताल में मरीजों की संख्या का ग्राफ तेजी गिर रहा है।

ईएसआइ अस्पताल में औसतन प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या

साल ओपीडी इनडोर

पिछले साल 425 50

इस साल 350 25

ठेकेदार और मरीजों का कर्जदार है अस्पताल

ईएसआइसी बीमाकृत लोग इलाज करवाने के बाद अपनी जेब से खर्च किए रुपये लेने के लिए पिछले दो साल से चक्कर काट रहे हैं। वहीं अस्पताल में विकास के कार्य करने वाले ठेकेदार भी लाखों रुपये के लेनदार हैं। अस्पताल मरीजों का एक करोड़ तथा ठेकेदार का 6 लाख का कर्जदार है।

विभाग को करवाया गया स्थिति से अवगत

ईएसआइ अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. जीएस पवार का कहना है कि अस्पताल में माहिर डाक्टरों की कमी के बारे में कई बार विभाग के आला अधिकारियों को सूचित किया गया है। उन्होंने समस्या का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया है। दो करोड़ रुपये के मरीजों के बिल पेडिंग थे। नवंबर के अंत तक एक करोड़ की अदायगी कर दी है। अस्पताल की कार्यक्षमता को देखते हुए तीन महिला रोग माहिर डाक्टरों की ड्यूटी सिविल अस्पताल में लगाई गई है। उधर, एसआइओ के डिप्टी डायरेक्टर बलदेव राज का कहना है कि इस संबंध में सेहत विभाग के लोकल व स्टेट लेवल के अधिकारियों को कई बार सूचित किया जा चुका है, परंतु मरीजों की समस्याएं बरकरार है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.