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अगर आपका भी ESI कटता है तो पढ़ लें यह खबर, एेसे बढ़ने जा रही परेशानी

ESI से जुड़े करीब 90 निजी अस्पतालों में कोई भी मरीज ESI अस्पताल से रेफर नहीं किया जाएगा। इस फैसले से गंभीर मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 01:55 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 09:07 PM (IST)
अगर आपका भी ESI कटता है तो पढ़ लें यह खबर, एेसे बढ़ने जा रही परेशानी
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जालंधर [जगदीश कुमार]। ESI अस्पतालों में डॉक्टरों व मूलभूत सुविधाओं के अभाव के चलते निजी कंपनियों में काम करने वाले बीमाकृत मुलाजिम और उनके परिवार के सदस्य अब ESI से जुड़े निजी अस्पतालों में इलाज नहीं करवा पाएंगे। मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर करने की गड़बड़ी की शिकायतों की जांच के बाद सेहत विभाग ने आदेश जारी किया है कि प्रदेश में ESI से जुड़े करीब 90 निजी अस्पतालों में कोई भी मरीज ESI अस्पताल से रेफर नहीं किया जाएगा। इस फैसले से उन लोगों की मुश्किलें जरूर बढ़ गई हैं जिनका केस सही होने पर ही रेफर किया गया था।

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सेहत विभाग के पास शिकायतें आ रही थीं कि ESI अस्पतालों में तैनात डॉक्टर ESI से जुड़े निजी अस्पतालों के साथ मिलीभगत कर एक बड़ा रैकेट चला रहे हैं। इन निजी अस्पतालों में तय मानकों के अनुसार इलाज की सुविधाएं न होने पर भी मरीज को वहां रेफर कर दिया जाता है।

ESI अस्पतालों व सरकारी अस्पतालों में जो सुविधाएं थीं उनके लिए भी मरीजों को निजी अस्पताल में रेफर किया जा रहा था। इसकी जांच के बाद हकीकत सामने आई। अब विभाग ने सभी ESI अस्पतालों के प्रभारियों को मरीजों के निजी अस्पतालों में रेफर करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। हालांकि इस आदेश से ESI अस्पतालों में गंभीर बीमारियों के मरीजों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं।

इस संबंध में डॉ. जगपाल सिंह बासी (डायरेक्टर सेहत विभाग ESI) ने बताया कि सरकार का आदेश मिला है, जिसमें कहा गया है कि ESI के मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर नहीं किया जाएगा। इसके आधार पर हिदायतें जारी की गई हैं। हालांकि इस आदेश से मरीजों को परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है।

न ESI, न सिविल अस्पताल में इलाज, मरीज परेशान

जालंधर के अशोक नगर में रहने वाली गुरमेल कौर का कूल्हा टूट गया। उनके बेटे का ESI कटता है और उन्होंने ESI अस्पताल में भर्ती करवाया। ESI अस्पताल में सुविधाओं का अभाव व डॉक्टर न होने के कारण उसे सिविल अस्पताल जालंधर में रेफर किया गया। सिविल अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ ने अस्पताल में मरीज के कूल्हे के इलाज की सुविधा न होने से उन्हें दाखिल करने से पहले ही लौटा दिया।

परिजनों ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है और निजी अस्पताल में इलाज नहीं करवा सकते हैं। मामला उन्होंने अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के समक्ष भी रखा। अब निजी अस्पताल में ESI के मरीज का इलाज न होने से उन्हें चंडीगढ़ रेफर किया जाएगा, जहां इलाज करवाने में मरीज के परिजन सक्षम नहीं हैं।

ESI अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर भर्ती

एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सेहत विभाग सतीश चंद्रा का कहना है कि सेहत विभाग को मिली शिकायतों की जांच रिपोर्ट के आधार पर तुरंत प्रभाव से ESI अस्पतालों से जुड़े निजी अस्पतालों में मरीज रेफर करने पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। विभाग ने स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भर्ती कर ली है, जिन्हें ESI अस्पतालों में तैनात किया जाएगा। अस्पतालों में आधुनिक उपकरण भी मुहैया करवाए जाएंगे। इसके बाद जहां स्पेशलिस्ट डॉक्टरों व सुविधाओं का अभाव होगा वहां नए सिरे से निजी अस्पतालों के साथ संपर्क किया जाएगा।

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