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अंधविश्वास का अंधेरा बढ़ा रहा मिरगी बीमारी का प्रकोप

यूनान का विश्व विजयी सम्राट सिकंदर रोमन साम्राज्य का राजा जूलियस सीजर फ्रांस का महान सेनापति व सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट व साउथ अफ्रीका का किक्रेट खिलाड़ी जॉनटी रॉडस जैसी कई महान हस्तियां मिरगी होने के बावजूद भी अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहे। इसी तरह विश्व की कुल जनसंख्या का एक फीसदी हिस्सा मिरगी का शिकार है। आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की खोज से तैयार दवाईयों के बल पर जिदगी का आनंद ले सकते है। जबकि इसे जड़ से खत्म करने लिए खोज

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 07:51 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 07:51 PM (IST)
अंधविश्वास का अंधेरा बढ़ा रहा मिरगी बीमारी का प्रकोप
अंधविश्वास का अंधेरा बढ़ा रहा मिरगी बीमारी का प्रकोप

जगदीश कुमार, जालंधर

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यूनान का विश्व विजयी सम्राट सिकंदर, रोमन साम्राज्य का राजा जूलियस सीजर, फ्रांस का महान सेनापति व सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट व साउथ अफ्रीका का किक्रेट खिलाड़ी जॉन्टी रॉडस जैसी कई महान हस्तियां मिरगी होने के बावजूद भी अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहे। इसी तरह विश्व की कुल जनसंख्या का एक फीसदी हिस्सा मिरगी का शिकार है। आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की खोज से तैयार दवाईयों के बल पर जिदगी का आनंद ले सकते हैं। जबकि इसे जड़ से खत्म करने लिए खोज अधूरी है। सिस्टी सिरोसिस कीड़ा मिरगी की जड़

एनएचएस अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट संदीप गोयल ने सिस्टी सिरोसिस नामक कीड़े का लारवा भी मरीज के दिमाग में पनपने से मिरगी रोग पनपता है। कीड़ा गंदगी भरे खाद्य के सेवन से जन्म लेता है। दस फीसदी मरीज दिमाग में कीड़े तथा दो फीसदी के करीब मरीज सिर में गहरी चोट की वजह से मिरगी की गिरफ्त में आ जाते हैं। 70 फीसदी के मरीजों में मिरगी जेनेटिक पाई जाती है जो जन्म से लेकर 18 से 20 साल की आयु तक असर दिखाने लगती है। 70 से 80 फीसदी लोग अंधविश्वास की आड़ में दवाइयों को दरकिनार कर बीमारी को बढ़ावा दे रहे हैं। जागरुकता से मरीजों को अंधविश्वास से मुक्ति संभव

सोच संस्था की अंजली दादा कहती हैं कि डॉक्टर की सलाह के अनुसार रूटीन में दवाइयों के सेवन से बीमारी पर काबू पाना संभव है। लोगों में जागरुकता लाकर बीमारी को लेकर अंधविश्वास का भ्रम से मुक्ति दिलाई जा सकती है। आर्टिजम के बच्चों में भी मिरगी के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने ऐसे बच्चों की खास केयर करने के अलावा डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा देने की बात कही।

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सिविल सर्जन डॉ. गुरिदर कौर चावला ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में मिरगी की बीमारी की जांच करने के अलावा ईलाज की व्यवस्था है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों के ईलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाइयों का स्टाक है जो मरीजों को मुफ्त दी जाती हैं।

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क्या करें

-यदि मरीज व घर वालों को पहले से ही दौरा पड़ने का अंदेशा हो तो संभल कर लेट जाएं।

- मरीज दौरे में बेहोश हो जाए या झटके खा रहा हो उसे नरम जगह पर करवट से लेटाएं व सिर को थोड़ा ऊंचा रखें।

-आसपास से वस्तुएं दूर हटा दें।

- मरीज के कपड़े ढीले कर दें।

- मुंह में जमा लार या थूक को साफ करें।

- घड़ी से दौरे की अवधि नोट करे।

- दौरा देखने में भयानक होता है, हिम्मत बनाए रखें कुछ ही मिनटों में दौरा अपने आप समाप्त हो जाता है।

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क्या न करें

- जूता व प्याज न सुंघाएं इससे बदबू व कीटाणु फैलते हैं।

- हाथ-पांव को न तो दबाएं व न ही मालिश करें। चोट व रगड़ लगने का डर रहता हैं।

- मुंह में पानी, दवा, चमच व कपड़ा न डालें।

- मुंह पर पानी के छींटे न डालें।

- जीभ यदि दांतों में फंसी है तो उसे अंदर कर दें।

- बाथरूम अंदर से लॉक कर न नहाएं।

- कमरे बंद कर न सोएं।

- तैराकी और ड्राइविग से परहेज करें।


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