Move to Jagran APP

ट्रस्ट ने निगम, केंद्र और पावरकॉम की जमीन पर भी वसूल लिया इन्हांसमेंट

सूर्या एन्क्लेव में इन्हांसमेंट के नाम पर एक और बड़ा घपला सामने आया है, इन्प्रूवमेंट ट्रस्ट साल 2011 से सूर्या एन्क्लेव के आवंटियों से 56.46 एकड़ उस समय का भी इन्हांसमेंट 390 रुपये प्रति गज के हिसाब से वसूल रहा है, जो जगह नगर निगम, केन्द्र सरकार व पॉवर कॉम की थी। इन विभागों ने कभी न तो ट्रस्ट से इन्हांसमेंट मांगा न ही ट्रस्ट ने उन्हें दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 08:58 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 11:19 AM (IST)
ट्रस्ट ने निगम, केंद्र और पावरकॉम की जमीन पर भी वसूल लिया इन्हांसमेंट
ट्रस्ट ने निगम, केंद्र और पावरकॉम की जमीन पर भी वसूल लिया इन्हांसमेंट

सत्येन ओझा, जालंधर

loksabha election banner

सूर्या एन्क्लेव में इन्हांसमेंट के नाम पर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का एक और कारनामा सामने आया है। ट्रस्ट साल 2011 से सूर्या एन्क्लेव के आवंटियों से 56.46 एकड़ उस जमीन का भी इन्हांसमेंट 390 रुपये प्रति गज के हिसाब से वसूल रहा है, जो नगर निगम, केंद्र सरकार व पावरकॉम की थी। इन विभागों ने कभी न तो ट्रस्ट से इन्हांसमेंट मांगा न ही ट्रस्ट ने उन्हें दिया।

मामले का खुलासा वीरवार को उस समय हुआ जब सूर्या एन्क्लेव के 14 मरले प्लॉट्स के आवंटी सेवानिवृत जज जेके सभरवाल के नेतृत्व में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ईओ सु¨रदर कुमारी से मिलने पहुंचे। आवंटियों ने सवाल किया कि 14 मरले के प्लॉट नगर निगम से मिली छप्पड़ वाली जगह पर बने हैं। निगम इन्हांसमेंट के लिए कोर्ट में गया ही नहीं, फिर उस जगह पर इन्हांसमेंट क्यों?

खुलासा होने पर ईओ ने ट्रस्ट के एटीपी रामजीदास भाटिया से पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है। इस पर वे यह कहकर टालमटोल करते रहे कि इन्हांसमेंट 2011 में लागू कर दिया गया था, उसी के आधार पर इस बार भी ड्राफ्ट तैयार किया है। ईओ ने पूछा 2011 में किसके आदेश पर ये कैलकुलेशन की, वो आदेश दिखाएं पर भाटिया आदेश नहीं दिखा सके। उल्लेखनीय है कि 14 मरले वाले इन प्लॉट्स में ईओ सु¨रदर कुमारी की भी कोठी है। इस मौके पर क्षेत्रीय पार्षद शैली खन्ना के पति विवेक खन्ना भी मौजूद थे।

-------------------

प्रतिनिधिमंडल ने दी दलीलें

ट्रस्ट ने किसानों से 12000 रुपये प्रति मरले के हिसाब से जमीन खरीदी थी। 4, 6 व 8 मरले प्लॉट्स 50 हजार रुपये प्रति मरला, 14 मरले के प्लॉट 75 हजार रुपये प्रति मरला, 20 मरले के प्लॉट 1 लाख रुपये प्रति मरला के हिसाब से बेचे गए थे। इन्हांसमेंट की जो शर्तें थी, उसके अनुसार किसान को मूल कीमत की अधिकतम 66 प्रतिशत इन्हांसमेंट दिया जा सकता है। मूल कीमत 12000 रुपये प्रति मरले के हिसाब से इन्हांसमेंट 18730 रुपये प्रति मरला बनती है। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट खरीदी जमीन की कीमत पर तीन गुना डवलपमेंट चार्ज भी लगा ले तो भी ये 3600 रुपये प्रति मरले बनती है। इन्हांसमेंट लगाकर राशि 42730 रुपये प्रति मरले हो जाती है। तीनों कैटेगरी में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट आवंटियों से पहले ही इससे ज्यादा राशि वसूल कर मोटा प्रोफिट कमा चुका है। ईओ ने प्रतिनिधिमंडल के सामने स्वीकार किया कि ट्रस्ट नो प्रोफिट नो लॉस के आधार पर काम करता है। यहां तो प्रोफिट हुआ है तब इन्हांसमेंट तो किसी भी कैटगिरी के आवंटियों पर बनता ही नहीं है। इसका स्पष्ट जबाव न तो ईओ के पास था न एटीपी के पास। ईओ ट्रस्ट की कंगाली का रोना रोती रही। इन्हांसमेंट का गणित स्पष्ट नहीं कर पाईं।

ये है फैक्ट फाइल

सूर्या एन्क्लेव 166.46 एकड़ क्षेत्र में बसाई गई थी। इसमें से 110 एकड़ जगह किसानों से ली गई थी। 56.46 एकड़ जगह नगर निगम, पॉवरकाम व केंद्र सरकार की थी। साल 2007 में जब किसान इन्हांसमेंट की मांग को लेकर अदालत गए थे, तब इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने पूरी 166.46 एकड़ जगह के आवंटियों पर 390 रुपये प्रति गज के हिसाब से इन्हांसमेंट लगाकर नोटिस जारी कर दिए थे। तब से लेकर अब तक जो भी आवंटी ट्रस्ट में रजिस्ट्री, प्रॉपर्टी ट्रांसफर आदि के काम के लिए जाता है, तो ट्रस्ट पहले इन्हांसमेंट की निर्धारित राशि जमा कराने के बाद ही उसकी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री या प्रॉपर्टी ट्रांसफर करता है।

ये रहे मौजूद

प्रतिनिधिमंडल में जीके सभरवाल, बीएम बल, एनके धीर, अतुल चड्ढा, अर¨वद गुप्ता, एएस पायलट, मनोज अग्रवाल, दिनेश महाजन, गुरवीर ¨सह शामिल थे।

----------

इन्हांसमेंट पूरी तरह गलत

ट्रस्ट में कुछ अधिकारियों का ग्रुप बना हुआ है, वे जो मनमाना फैसला ले लेते हैं वही अमल में लाया जाता है। कोई नियम नहीं है, कोई कानून नहीं है। इन्हांसमेंट पूरी तरह गलत है।

-जीके सभरवाल

----------------

इन्हांसमेंट गैरकानूनी

मसला सिर्फ 14 मरले के प्लॉट्स के आवंटियों का नहीं है, सूर्या एन्क्लेव के सभी आवंटियों का मसला है। इन्हांसमेंट किसी भी आवंटी पर लगता है वह पूरी तरह गैरकानूनी है। ट्रस्ट पहले सार्वजनिक करे कि सूर्या एन्क्लेव से कितना लाभ या हानि हुई है तभी नो प्रोफिट न लॉस के आधार पर वह इन्हांसमेंट वसूलने का अधिकारी बनता है। अगर लाभ कमाया है तो ट्रस्ट दे किसानों को इन्हांसमेंट, आवंटियों से वसूलने का तो उसे कानूनी अधिकार ही नहीं है।

-विवेक खन्ना, पार्षद पति।

----------------

प्रतिनिधिमंडल नगर निगम वाली जगह पर इन्हांसमेंट न लगाने का प्रस्ताव लेकर आए थे। इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। ट्रस्ट की एक्जीक्यूटिव में इस प्रस्ताव को शामिल कर आवंटियों को राहत दिलाने के लिए पूरी कोशिश करूंगी।

-सु¨रदर कुमारी, ईओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.