Festival Season में जालंधर के बजारों में हुए अवैध कब्जे, ट्रैफिक जाम की समस्या हुई विकराल
जालंधर शहर के अटारी बाजार पीर बोदलां बाजार बर्तन बाजार व भैरों बाजार में कब्जों के कारण हालत इतनी खराब हो गई है कि ग्राहकों का मूव करना भी मुश्किल हो गया है। दुकानदार अपना सामान दुकान से बाहर निकालकर सड़कों पर डिस्प्ले कर रहे हैं।
जालंधर, जेएनएन। फेस्टिवल सीजन का असर जालंधर के बाजारों में दिखने लगा है। ग्राहकों की भीड़ के साथ-साथ दुकानदारों ने भी दुकानों के आगे कब्जे करने शुरू कर दिए हैं। एक-दूसरे को देखकर शहर के सभी अंदरूनी बाजारों में अतिक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। दुकानदार अपना सामान दुकान से बाहर निकालकर सड़कों पर डिस्प्ले कर रहे हैं। इसके अलावा दुकानों के बाहर खड़े दोपहिया वाहन आने-जाने वालों के लिए रुकावट बन रहे हैं। नतीजा भारी भीड़ के रूप में सामने आ रहा है।
शारदीय नवरात्र के साथ ही फेस्टिवल सीजन का आगाज हो जाता है। इसके बाद महिलाओं का प्रमुख त्योहार करवाचौथ, दशहरा, धनतेरस, अहोई का व्रत, दशहरा, दीवाली औऱ उसके बाद भैया दूज तक बाजारों में भीड़ रहती है। इसकी शुरुआत बाजारों में हो चुकी है। हालांकि नगर निगम, प्रशासन और तहबाजारी विभाग की उदासीनता के चलते लगभग सभी बाजारों में दुकानदार धड़ल्ले से कब्जा कर रहे हैं।
बड़े हादसे का कारण बन सकता है अतिक्रमण
तंग बाजारों में दुकानदारों का अतिक्रमण कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। अटारी बाजार, पीर बोदलां बाजार, बर्तन बाजार व भैरों बाजार सहित कई ऐसे तंग बाजार हैं, जहां से इन दिनों दोपहिया वाहन से दूर, पैदल गुजरना भी आसान नहीं है। ऐसे में अगर इलाके में किसी तरह की आगजनी की घटना होती है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
एसोसिएशन तैयार, साथ दे प्रशासन
इस बारे में बाजार शेखां शॉपकीपर एसोसिएशन के प्रधान हरप्रीत सिंह किवी ने कहा कि एसोसिएशन के सभी सदस्य अतिक्रमण के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम प्रशासन सभी बाजारों में सख्ती के साथ अतिक्रमण पर कार्रवाई करें। इससे कोई भी दुकानदार अतिक्रमण करने की हिम्मत नहीं करेगा।
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