प्रदूषण के खिलाफ जंगः सिविल अस्पताल में इमरजेंसी रूम बना, 24 घंटे मौजद रहेगा स्टाफ
सिविल अस्पातल में 10 बेड वाला इमरजेंसी कक्ष स्थापित कर दिया है जिसमें सभी बेड के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर वेंटिलेटर का इंतजाम किया गया है।
जालंधर, जेएनएन। ओस ने सोमवार को प्रदूषण का स्तर काफी कम किया है। रविवार शाम को प्रदूषण का स्तर 400 के पार था, जो कि सोमवार को घटकर 130 के आसपास रहा। हवा में नमी की मात्रा बढ़कर 77 प्रतिशत तक हो गई है, जिससे प्रदूषण बैठ रहा है। ऐसे में अगर वीरवार व शुक्रवार को बरसात हुई तो लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है।
मौसम में प्रदूषण के खतरनाक स्तर की स्थिति 25 अक्टूबर से बनी हुई है। सोमवार पूरा दिन प्रदूषण स्तर एक बार भी 200 के पार नहीं गया। इससे पहले रविवार को प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद पंजाब सरकार के सेहत विभाग के अधिकारियों ने सिविल सर्जनों को एडवाइजरी जारी कर दी थी। इसके तहत जालंधर के सिविल अस्पातल में 10 बेड वाला इमरजेंसी कक्ष स्थापित कर दिया है, जिसमें सभी बेड के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर का इंतजाम किया गया है। छाती रोग विशेषज्ञ और मेडिकल स्टाफ 24 घंटे तैनात रहेंगे। प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर दमा, एलर्जी के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में सरकार का आदेश है कि सिविल अस्पताल में इन हालातों से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम होने चाहिए।
अगले हफ्ते प्रदूषण का स्तर कम रहने का अनुमान
एयर क्वालिटी इंडेक्स की सरकारी वेबसाइट के मुताबिक अगले सप्ताह में हवा में प्रदूषण का स्तर कम रहेगा। किसान फसल काटकर पराली जलाने का काम काफी हद तक निपटा चुके हैं। ऐसे में अब लोगों के लिए राहत की उम्मीद है। मौसम में ठंडक आ रही है और नमी बढ़ने से प्रदूषण कम होने का अनुमान बताया गया है।
एलर्जी पीड़ित मरीजों की गिनती बढ़ी
डॉ. राजीव शर्मा सिविल अस्पताल के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. राजीव शर्मा ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने से मरीजों की संख्या बढ़ी है। हालांकि अभी तक कोई ऐसा मरीज नहीं आया, जिसकी हालत इतनी गंभीर हो कि उसे अस्पताल में दाखिल किया जाए। दमा और एलर्जी से पीड़ित मरीज बढ़े हैं। प्रदूषण के स्तर को देखते हुए सेंसेटिव लोगों को बाहर निकलते समय पूरी एहतियात बरतनी चाहिए। साथ ही सिविज अस्पताल में इलाज का पूरा इंतजाम है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
पराली की आग से उठा धुआं, संतुलन बिगड़ने से कार खेत में घुसी खेतों में पराली को आग लगाने से जहां प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, वहीं इससे दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। सोमवार सुबह नकोदर रोड पर गांव बादशाहपुर से सटे गांव नंगलपुरदिल में एक किसान ने पराली को अगा लगा दी। पराली का धुंआ फैलने से पास ही सड़क से जा रहे कार चालक की आंखों में धुआं पड़ गया और सड़क साफ न दिखने से बैलेंस बिगड़ गया। इससे बेकाबू होकर कार खेतों में जा घुसी। कार चालक ने गांव के सरपंच को फोन किया, लेकिन सरपंच ने फोन नहीं उठाया।