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भ्रष्टाचार की नींव पर तैयार कराई इमारत के नाम पर कर रहे थे ब्लैकमेल

नगर निगम में जिन आरोपों के कारण निगम के अधिकारियों ने सदन हाउस की बैठक का बहिष्कार किया था, उस मामले में रामामंडी इलाके की दो बि¨ल्डग मामलों में निगम के बि¨ल्डग ब्रांच के अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 07:34 AM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 07:34 AM (IST)
भ्रष्टाचार की नींव पर तैयार कराई इमारत के नाम पर कर रहे थे ब्लैकमेल
भ्रष्टाचार की नींव पर तैयार कराई इमारत के नाम पर कर रहे थे ब्लैकमेल

जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम में जिन आरोपों के कारण निगम के अधिकारियों ने सदन हाउस की बैठक का बहिष्कार किया था, उस मामले में रामामंडी इलाके की दो बि¨ल्डग मामलों में निगम के बि¨ल्डग ब्रांच के अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप लगाए गए हैं। एक बि¨ल्डग मालिक ने तीन लाख तो दूसरे ने 60 हजार रुपये रिश्वत मांगने के आरोप लगाए हैं। दोनों ने खुलासा किया है कि निगम अधिकारियों ने पहले खुद नियम के विरुद्ध जाकर बि¨ल्डग तैयार कराई, बाद में उसी को आधार बनाकर उन्हें ब्लैक मे¨लग कर रिश्वत मांगना शुरू कर दिया था। रिश्वत भी एक आरटीआइ एक्टिविस्ट के नाम पर मांगी जा रही थी, जिसे अधिकारी कथित रूप से पत्रकार भी बता रहे थे।

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प्रेस क्लब में शनिवार को निगम अधिकारियों पर सनसनीखेज आरोप लगाने वाले बि¨ल्डग मालिक अमनदीप ¨सह परमार व डॉ. गोपाल शर्मा के साथ क्षेत्रीय कांग्रेस पार्षद शमशेर खैहरा, मंदीप जस्सल, पार्षद पति विजय दकोहा, गुरनाम ¨सह मुल्तानी भी मौजूद थे। दोनों ने बताया कि विधायक रा¨जदर बेरी को भी उन्हें ब्लैक मे¨लग किए जाने की जानकारी उन्होंने दे दी थी। इमारत मालिक अमनदीप परमार और डॉ. गोपाल शर्मा ने निगम की बि¨ल्डग ब्रांच के इंस्पेक्टर नीरज शर्मा, ड्राफ्टसमैन राजेश भगत एवं सस्पेंड चल रहे एटीपी नरेश मेहता पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। रिश्वत नहीं दी तो मेरी बिल्डिंग सील कर दी : परमार

रामामंडी में कामर्शियल इमारत का निर्माण कराने वाले अमनदीप ¨सह परमार ने कहा रिश्वत की राशि न देने पर उनकी बि¨ल्डग गैर कानूनी ढंग से सील कर दी गई, बाद में खुद ही खोल भी दी, जबकि उन्होंने सीएलयू फीस जमा कराने के साथ नक्शा भी पास कराया है। अधिकारी निजी रूप में तीन लाख रुपये निजी खाते में चाहते थे। अमनदीप ¨सह ने बताया कि उन्होंने मकान के लिए 10 मरले जमीन के साथ ही कुछ विवादास्पद जगह खरीदी थी। निगम अधिकारियों ने पहले तो उन्हें नक्शा न बनाने की सलाह दी, बाद में उन्हें कहा कि नक्शा रजिस्ट्री वाली जगह का ही बनवा लो, साथ में ली दूसरी जगह को बिना नक्शे के ही बना लो। बि¨ल्डग बना ली तो उसी को आधार बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया, उन्होंने कहा कि अगर ऐसा उन्होंने किया भी है तो निगम उस जगह को सिर्फ कंपाउंड कर सकता था, सील नहीं। मेरी आवासीय बिल्डिंग को कामर्शियल बता सील कर दिया : डॉ. गोपाल

डॉ. गोपाल शर्मा ने आरोप लगाया कि निगम इंस्पेक्टर ने उनके मकान के पास ही अवैध रूप से बनी दो मंजिला बि¨ल्डग को बचाने के लिए उनकी आवासीय बि¨ल्डग को कॉमर्शियल बि¨ल्डग बताकर सील कर दिया था। जिस बि¨ल्डग को सील करने से बचाया गया उस बि¨ल्डग को निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू को अवैध बि¨ल्डग की सौंपी गई सूची में जिक्र है, लेकिन उसे बचाने के लिए उनकी बि¨ल्डग सील कर मंत्री की आंखों में भी धूल झोंक दी, वर्तमान में उस बि¨ल्डग में एक ब्रांडेड कंपनी का शो रूम चल रहा है। शो रूम शुरू होने के दो दिन बाद ही उनकी बि¨ल्डग की सील भी निगम अधिकारियों ने खुद ही खोल दी थी। डॉ. गोपाल शर्मा ने आरोप लगाया है कि बि¨ल्डग इंस्पेक्टर ने उन्हें सिमरनजीत ¨सह नामक एक आरटीआइ एक्टिविस्ट का नंबर देकर कहा था कि उसे मैनेज कर लो, अन्यथा उन्हें फिर कार्रवाई के लिए आना पड़ेगा। अफसरों ने आरोपों को नकारा

सस्पेंड एटीपी नरेश मेहता, इंस्पेक्टर नीरज शर्मा व ड्राफ्ट मैन राजेश भगत ने आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि जो लोग फंसते हैं वे आरोप ही लगाते हैं।


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