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बाजारों में अब नजर नहीं आएंगे जानलेवा बिजली की तारों के जाल

शहर के प्रमुख बाजारों में जानलेवा साबित हो रहे बिजली की तारों के जाल समेटने की तैयारी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 06:00 AM (IST)
बाजारों में अब नजर नहीं आएंगे जानलेवा बिजली की तारों के जाल
बाजारों में अब नजर नहीं आएंगे जानलेवा बिजली की तारों के जाल

जागरण संवाददाता, जालंधर

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शहर के प्रमुख बाजारों में जानलेवा साबित हो रहे बिजली की तारों के जाल को समेटने की तैयारी है। इसके लिए सबसे पहले रैनक बाजार में पायलट प्रोजेक्ट के तहत ओवर हेड डक्टिंग (खुली तारों को ढंकना) से सभी तारों को एक पाइप में डाल दी जाएंगी। इस काम के लिए कई बार टेंडर लगाने के बावजूद कोई कंपनी आगे नहीं आ रही थी। अब तीन कंपनियों ने काम के लिए टेंडर भरा है। इन कंपनियों के तकनीकी प्रोफाइल की जांच के बाद वित्तीय बिड ओपन कर टेंडर अलाट कर दिया जाएगा।

स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ करनेश शर्मा का कहना है कि सभी औपचारिकताएं पूरी कर लेने के बाद नए साल में काम शुरू हो जाएगा। दुकानों के बाहर लटकती तारों को ओवर हेड डक्टिंग के जरिए समेटने से आग लगने की घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकेगा। सीईओ ने कहा कि जब बार-बार टेंडर लगाने पर भी रिस्पांस नहीं आया तो यह इस प्रोजेक्ट की जिम्मेवारी पावरकाम को सौंप दी थी। इसका नतीजा अच्छा रहा। रैनक बाजार में प्रोजेक्ट कामयाब रहने पर इसे शहर के अन्य बाजारों में भी लागू किया जाएगा। बाजारों में नजर नहीं आएंगी किसी भी तरह की तारें

अगर नए साल में प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया तो अगले छह महीने में रैनक बाजार में बिजली, टेलीफोन, केबल नेटवर्क की तारों के गुच्छे नजर आने बंद हो जाएंगे। स्मार्ट सिटी के सेफ्टी-सिक्योरिटी एंड यूटीलिटी डक्टिंग प्रोजेक्ट की पूरी प्लानिग स्मार्ट सिटी कंसलटेंट और पावरकाम के अफसरों ने मिलकर की है। पुराने बाजारों में बिजली, केबल, टेलीकाम की तारों के जाल इतने ज्यादा हैं कि शार्ट सर्किट से कई बार आग लग चुकी है। 15 फुट ऊंची होगी ओवर हेड डक्टिंग

स्मार्ट सिटी के सर्वे में तय किया गया है कि ओवर हेड डक्टिंग के तहत जमीन से 12 से 15 फुट की ऊंचाई पर पाइप में तारों को डाला जाएगा। पहले यह योजना थी कि अंडरग्राउंड डक्टिंग की जाए, लेकिन निगम के पास यह रिकार्ड नहीं है कि सीवरेज लाइन और वाटर सप्लाई लाइन की लोकेशन कहां है। ऐसे में खोदाई से सीवर और वाटर सप्लाई के इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचने का खतरा था। रैनक बाजार शहर के ज्यादातर बाजारों का एंट्री प्वाइंट माना जाता है। करीब छह महीने चलने वाले प्रोजेक्ट के लिए खोदाई से दुकानदारों का कारोबार भी प्रभावित होता। ट्रांसफार्मरों की जगह भी बदलेंगे

रैनक बाजार में लगे ट्रांसफार्मरों की जगह में बदलाव किया जाएगा। बाजार के चौकों में लगे ट्रांसफार्मर की जगह नई तकनीक के छोटे ट्रांसफार्मर लगाने की योजना है। बाजार के बिजली कनेक्शनों का लोड ज्यादा है, इसलिए पुरानी तारों को पावरफुल आप्टिकल फाइबर से बदला जाएगा। पीरबोदला बाजार में करंट लगने से हुई थी पिता-पुत्र की मौत

बेतरतीब बिजली की तारों के जाल 11 जुलाई 2020 को एक परिवार पर कहर बन कर टूटे थे। छोटा अली मोहल्ले के रहने वाले गुलशन और उसके 11 साल के बेटे मुन्ना की पीर बोदला बाजार में नंगी तारों से करंट लगने से मौत हो गई थी। पीर बोदला बाजार में शार्ट सर्किट के कारण 14 अक्टूबर 2020 को कपड़ों की दुकान में आग लग गई थी। 6 नवंबर 2019 को शेखां बाजार में भी शार्ट सर्किट से आग लगी थी और लाखों का नुकसान हुआ था। हर साल शार्ट सर्किट के कारण बाजारों में आग से करोड़ों रुपये का नुकसान होता है।


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