CBSE की तरह सरकारी स्कूलों की भी होगी ग्रेडिंग, टॉप ग्रेड के 100% रिजल्ट जरूरी Jalandhar News
शिक्षा विभाग की तरफ से अब सीबीएसई की तर्ज पर सूबे के सरकारी स्कूलों को भी ग्रेडिंग की कैटेगरी के हिसाब से बांटा जाएगा। स्कूलों के बीच मुकाबले करवाने की रूपरेखा तैयार की गई है
जालंधर, [अंकित शर्मा]। शिक्षा विभाग की तरफ से अब सीबीएसई की तर्ज पर सूबे के सरकारी स्कूलों को भी ग्रेडिंग की कैटेगरी के हिसाब से बांटा जाएगा। टॉप ग्रेडिंग में वही स्कूल शामिल हो सकेंगे, जिनका नतीजा 100 फीसद रहा है। इसके साथ ही छात्रों की हाजिरी, वेल डिसप्लिन, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि पैमाने के तहत भी पहचान होगी। यह मास्टर प्लान विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों के छात्रों के बेहतर विकास के उद्देश्य से प्राइमरी, मिडिल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के शिक्षकों में कंपीटिशन की भावना पैदा करने के लिए है इसलिए स्कूलों के बीच मुकाबले करवाने की रूपरेखा तैयार की गई है।
ग्रेडिंग सिस्टम के तहत टॉप रैंक में वह शामिल होंगे, जिन्होंने सरकारी व गैर सरकारी मदद से स्कूल की बिल्डिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह से बदल दिया, डिसप्लिन को मेनटेन किया, सालाना बोर्ड की परीक्षाओं में 100 फीसद रिजल्ट, पढ़ाई के साथ-साथ को-कुरिकुलर एक्टिविटीज के जरिए सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले में बराबर कर दिया। इसके लिए डायरेक्टोरेट ने स्कूल मुखियों व इंचार्जों को हिदायतें जारी कर कहा कि अपने-अपने स्कूल संबंधी पूरी जानकारी शिक्षा विभाग के ई-पंजाब वेब पोर्टल पर अपलोड की जाए।
स्कूल मुखियों को निमंत्रण
वहीं स्कूल मुखियों को इस कंपीटिशन में भाग लेने का निमंत्रण दिया है जो स्कूल खुलते ही तीन दिन के भीतर यानी कि तीन जुलाई तक शिक्षा विभाग के ई-पंजाब वेब पोर्टल पर ग्रेडिंग में क्लेम करने के लिए डाटा अपलोड करेंगे।
लो ग्रेड वाले स्कूलों की होगी मार्किंग
स्कूलों में इस तरह के कंपीटिशन की भावना पैदा करने के साथ ही लो ग्रेड वाले स्कूलों की भी मार्किंग होगी। वहीं डाटा बैंक भी बनेगा जिससे उन स्कूलों में सुविधाओं के अभाव की भी जानकारी डिपार्टमेंट के पास मुहैया होगी, फिर उसके बाद टॉप ग्रेड स्कूलों के मुखी उन स्कूलों में विजिट करके अपनी तरफ से किए गए प्रयासों के जरिए बात करके मोटिवेट करेंगे।