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smartphone बांटने के बाद शिक्षा विभाग काे छात्राें व फोन का रिकॉर्ड ई-पंजाब पर करना हाेगा अपडेट

पंजाब आइसीटी एजुकेशन सोसायटी के डिप्टी स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर करमजीत ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों स्कूल प्रिंसिपलों को तुरंत प्रभाव से रिकार्ड अपडेट करने काे कहा है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 01:00 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 01:00 PM (IST)
smartphone बांटने के बाद शिक्षा विभाग काे छात्राें व फोन का रिकॉर्ड ई-पंजाब पर करना हाेगा अपडेट
smartphone बांटने के बाद शिक्षा विभाग काे छात्राें व फोन का रिकॉर्ड ई-पंजाब पर करना हाेगा अपडेट

जालंधर, [अंकित शर्मा]। शिक्षण संस्थान पांच महीनों से बंद हैं। पढा़ई  का एकमात्र सहारा इस समय स्मार्टफोन ही है पर आर्थिक तंगी की वजह से फोन खरीद न पाने से विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित रह रहे हैं। इसलिए कोविड-19 काल में चल रही ऑनलाइन शिक्षा से कोई भी वंचित न रहे इसलिए सरकार की तरफ से फिल्हाल 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्मार्टफोन कनेक्ट स्कीम शुरू की है।

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इसे लेकर अब शिक्षा विभाग की तरफ से स्मार्टफोन बच्चों का बांटने के साथ-साथ उनकी सारी डिटेल भी रिकार्ड करनी होगी। इसलिए विभाग ने अपने ई-पंजाब पोर्टल पर एक और माड्यूल जोड़ दिया है। जहां स्कूल लेवल एंट्री माड्यूल और स्मार्ट फोन रिसीव्ड स्टेट्स बाय स्टूडेंट्स की मदद से बच्चों को दिए गए फोन की जानकारी अपडेट करनी होगी।

पंजाब आइसीटी एजुकेशन सोसायटी के डिप्टी स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर करमजीत सिंह ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, स्कूल प्रिंसिपलों को तुरंत प्रभाव से रिकार्ड अपडेट करने के लिए कह दिया है। उन्होंने आदेशों में साफ कहा है कि विद्यार्थी का पूरा रिकार्ड अपडेट करने के साथ-साथ दिए गए फार्मेट को पूरी तरह से भरना अनिवार्य होगा। यानी कि एक भी पड़ाव उसका खाली नहीं छूंटना चाहिए। इसे लेकर कुछ चीजों की मुखियों को स्क्रीन शार्ट भी रिकार्ड के तौर पर फार्मेट में अटैच करनी अनिवार्य हैं।

जिले के 11894 बच्चों को मिलने मोबाइल
इस स्मार्टफोन कनेक्ट स्कीम के तहत जिले के सरकारी स्कूलों से 12वीं कक्षा में पढ़ाई करते 11894 विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन दिए जाने हैं। जिसमें 5509 लड़के और 6385 छात्राएं शामिल हैं। अध्यापकों की तरफ से लगाई जाने वाली निरंतर ऑनलाइन क्लासें लगाई जा रही थी। जिसमें से विद्यार्थी निरंतर ऑनलाइन क्लास से मिस रह रहे थे।

जब उन बच्चों से संपर्क किया तब जाकर स्थिति स्पष्ट हुई कि या तो बच्चों के घर में स्मार्टफोन नहीं है, जिनके पास है वह उनके पिता के पास रहता है। जब वे शाम को पिता के घर लौटने पर ही फोन की मदद से पढ़ाई करते थे। जिसके आधार पर ही शिक्षकों ने  स्कूल का रिकार्ड तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारियों को दिया था।

स्कूल मुखियों को इन बातों का रखना होगा ध्यान
प्रत्येक विद्यार्थी को दिए जाने वाली मोबाइल फोन की जानकारी ई-पंजाब पोर्टल पर स्कूल लॉगिन करने के बाद दिए गए माड्यूल में रिकार्ड के तौर पर भरनी अनिवार्य होगी। इसमें फोन का नाम, स्कूल का नाम, बच्चे का नाम, आइडी कोड, आइएमईआइ नंबर, मोबाइल का स्कैन बार कोड, फोन प्राप्त करने वाले विद्यार्थी की तस्वीर, छात्र की पहचान आईडी, गार्डियन का मोबाइल नंबर आदि जानकारी अपडेट करन होगी।

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