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पहली बार जालंधर में रहा भूकंप का केंद्र

विकास वोहरा, जालंधर बुधवार सुबह 10 बजकर 37 मिनट पर जिले के लोगों ने भूकंप के हलके झ

By Edited By: Published: Thu, 17 Nov 2016 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 17 Nov 2016 03:01 AM (IST)
पहली बार जालंधर में रहा भूकंप का केंद्र

विकास वोहरा, जालंधर

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बुधवार सुबह 10 बजकर 37 मिनट पर जिले के लोगों ने भूकंप के हलके झटके महसूस किए। खास बात यह थी कि पहली बार किसी भूकंप का केंद्र जालंधर में रहा। भूकंप का केंद्र आदमपुर और भोगपुर के बीच जमीन से 13 किमी की गहराई में था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.6 आंकी गई। यह जानकारी दिल्ली स्थित मौसम विभाग की अर्थ साइंस विंग की ओर से जारी की गई है।

कम तीव्रता व समय की वजह से कोई नुकसान नहीं हुआ, अन्यथा बड़े स्तर पर तबाही हो सकती थी। भूकंप की संवेदनशीलता के मद्देनजर जालंधर सीस्मिक जोन 4 में है जो कि बेहद गंभीर बात है। जालंधर में भूकंप का केंद्र होने से यह बात साफ हो गई है कि यहां की जमीन के नीचे टेक्टोनिक गतिविधियां चल रहीं है जो कि हमारे लिए खतरे की बड़ी घंटी है। भविष्य में जालंधर से और भी भूकंप पैदा हो सकते है।

आपदा प्रबंधन के इंतजाम लचर, दो साल पहले बंद किया इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर : जालंधर में आपदा प्रबंधन की तैयारियां बेहद खराब है। बाढ़ को छोड़कर किसी भी तरीके की दूसरी बड़ी आपदा से निपटने में हम काफी पीछे है। शर्मनाक बात यह है कि सरकार ने पैसों के अभाव में जालंधर में चलने वाला इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर दो साल पहले बंद कर दिया है। सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग में 45 जिला रिसोर्स पर्सन नियुक्त किए थे, जिन्हे फंड्स नहीं होने की वजह से निकाल दिया गया। सरकारी महकमों के पास आपदा के समय बचाव कार्यो के लिए जरूरी साजोसामान भी 65 फीसद कम है।

हर साल 45 मिमी चीन के नीचे जा रही इंडियन प्लेट : प्रो. दीपक

डीएवी कॉलेज में भूगोल के प्रो. कुंवर दीपक के मुताबिक यह एक बड़ा खतरा है। उन्होंने बताया कि भू-गर्भ में स्थित इंडियन प्लेट हर साल चीन की प्लेट्स के नीचे उत्तर दिशा में खिसक रही है। यह खिसाव 45 एमएम तक है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से हिमालय व इसके आसपास का एरिया हाई रिस्क पर रहता है। जो एरिया बॉर्डर के नजदीक है, वह अति संवेदनशील और जो थोड़ा दूर है वह संवेदशील कहलाता है। प्रो. दीपक ने बताया कि इन प्लेट्स के खिसकने की वजह से जमीन के नीचे हर साल प्रेशर बनता जा रहा है। यह प्रेशर कहीं से भी रिलीज हो सकता है। जहां से ये प्रेशर रिलीज होता है, उसे टेक्टोनिक एक्टिविटी कहते है। उन्होंने कहा कि बुधवार को यह प्रेशर जालंधर की जमीन में रिलीज हुआ, जिसकी वजह से यहां भूकंप का केंद्र बना।

बेहद गंभीर मामला और पुख्ता करेंगे प्रबंध : डीसी

डीसी कमल किशोर यादव ने कहा कि भूकंप का केन्द्र जालंधर में बनना बेहद गंभीर मामला है। इससे पहले ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमारा डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार है इसके अलावा पीएपी में स्टेट डिजास्टर रेसक्यू फोर्स की एक टुकड़ी भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह प्रबंध और भी पुख्ता कर दिये जाएंगे। सभी बिल्डिंगों का सिस्मिक ऑडिट करवाया जाएगा ताकि संभावित नुकसान को न्यूनतम किया जा सके। सभी विभागों के अधिकारियों को नये सिरे से निर्देश जारी किये जाएंगे।


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