Dussehra 2022:...यूं ही नहीं खाई जाती दशहरे पर जलेबी, भगवान श्रीराम से जुड़ा है दिलचस्प किस्सा
Dussehra 2022 पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान श्री राम को शशकुली नामक मिठाई बेहद पसंद थी। अब इस मिठाई को जलेबी के नाम से जाना जाता है। भगवान श्री राम इस मिठाई के लिए प्यार इतना था कि उन्होंने जलेबी खाकर रावण पर अपनी जीत का जश्न मनाया था।
आनलाइन डेस्क, जालंधर। Dussehra 2022: पूरे देश में दशहरे का पर्व 5 अक्टूबर को बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस दिन लोग रावण दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत को मनाते हैं और साथ ही घर में स्वादिष्ट पकवान भी बनाते हैं। वहीं, दशहरे पर जलेबी खाने की परंपरा भी सदियों से चलती आ रही है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर दशहरे पर जलेबी क्यों खाई जाती है? दरअसल, इसके पीछे अलग-अलग कारण और कहानियां प्रचलित हैं, जिससे आज हम आपको रूबरू करवाएंगे।
जलेबी खाकर भगवान राम ने मनाया था जीत का जश्न
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान श्रीराम को शशकुली नामक मिठाई बेहद पसंद थी। अब इसी मिठाई को जलेबी के नाम से जाना जाता है। भगवान श्री राम इस मिठाई के लिए प्यार इतना था कि उन्होंने जलेबी खाकर रावण पर अपनी जीत का जश्न मनाया था, तभी से दशहरे पर इसे खाने का रिवाज बन गया। इसी कारण रावण दहन के बाद भगवान राम की जीत का जश्न मनाने के लिए हर कोई जलेबी से मुंह मीठा करता है। इस दिन गर्म-गर्म जलेबियां बड़े ही चाव से खाई जाती हैं।
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जलेबी के साथ फाफड़ा खाने का क्या है कारण?
माना जाता है कि भगवान श्रीराम के सबसे प्रिय भक्त हनुमान उनके लिए फाफड़ा के साथ जलेबी तैयार करते थे। तब से मान्यता है कि जलेबी खाकर ही दशहरे पर व्रत खत्म करना चाहिए। इससे भगवान श्रीराम प्रसन्न भी होते हैं।
जलेबी खाने के फायदें भी हैं कमालः-
- जलेबी का सेवन करने से सिरदर्द की समस्या दूर हो जाती है और आराम मिलता है।
- जलेबी की मिठास आपकी चिंता और तनाव को भी दूर करती है।
- इसके अलावा जो लोग दुबलेपन से परेशान है वो जलेबी खाकर अपना वजन बढ़ा सकते हैं।
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