श्री गुरु नानक देव महाराज ने कुदरत और मानवता से प्यार करना सिखायाः डॉ. सुरजीत पातर
21वीं सदी में गुरु नानक दर्शन की प्रासंगिकता पर लायलपुर खालसा कॉलेज फॉर वीमेन में राष्ट्रीय सेमिनार करवाया गया। इसमें विख्यात साहित्यकार डॉ. सुरजीत पातर ने हिस्सा लिया।
जालंधर, जेएनएन। लालपुर खालसा कॉलेज फॉर वूमेन मैं पंजाबी विभाग ने पंजाब कला परिषद चंडीगढ़ के सहयोग से गुरु नानक देव महाराज के 550 में प्रकाशोत्सव को समर्पित राष्ट्रीय सेमिनार करवाया। इसका विषय 21वीं सदी में गुरु नानक दर्शन की प्रासंगिकता था।
इस विचार चर्चा के दौरान पंजाब कला परिषद के चेयरमैन पद्मश्री डॉ. सुजीत पातर ने कहा कि इस तरह के आयोजनों के लिए विद्यक और साहित्यक संस्थाओं को इकट्ठा होना चाहिए। गुरु नानक देव महाराज ने अपनी नानकता से कुदरत और मानवता से प्यार करना सिखाया है। उन्होंने तो रास्ता दिखाया है कि परमात्मा की मेहर जाप व पाठ करने से नहीं, गरीबों को उनकी गरीबी से ऊपर उठाना और गिरे हुए की मदद करके उसे उठाने से मिलेगी। उन्होंने पुरुष और नारी में कोई भेद नहीं रखा, वह तो यही कहते हैं हर पुरुष में एक नारी है और हर एक नारी में एक पुरुष है। दोनों में कैसे अंतर हो सकता है।
डॉ. पातर के अलावा पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के श्री गुरु ग्रंथ साहिब अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सरबजिंदर सिंह, जीएनडीयू अमृतसर सेंटर फॉर इमीग्रांट्स स्टडीज के पूर्व डायरेक्टर डॉ. हरचंद सिंह बेदी, जीएनडीयू अमृतसर के पूर्व कुलपति डॉ. एसपी सिंह, डॉ. दरिया, बलजीत सिंह, डॉ. विनयनीत कौर, डॉ. जगविंदर जोधा, डॉ राजेंद्र सिंह आदि ने भी अपने विचार रखें।
कायर्क्रम में केसीएल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की प्रधान बलबीर कौर, जसपाल सिंह वड़ैच विशेष तौर पर पहुंचे। सेमिनार का आगाज शबद गायन से हुआ। प्रिंसिपल डॉ. नवजोत ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और पंजाबी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अकाल अमृत कौर को सेमिनार के लिए की गई मेहनत को सराहा।
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