डाक्टरी के पेशे को साथ रखकर डा.अनूप बौरी ने मां के सपने को आगे बढ़ाया
Gems of Jalandhar जालंधर की शान डा. अनूप बौरी के पिता शहर के पहले अस्पताल में बतौर डाक्टर मरीजों की सेवा करते थे। मां स्कूल में टीचर थीं। आज वह दोनों के सपने को आगे बढ़ाकर समाज की सेवा में जुटे हैं।
जालंधर [मनोज त्रिपाठी]। मेरे पिता मनोहर दत्त बौरी डाक्टर थे और मां कमलेश बौरी टीचर थीं। मेरे अंदर दोनों के गुण हैं। यही वजह है कि दिन में मैं मां के सपने को आगे बढ़ाने के लिए स्कूलों व कालेजों का काम देखता हूूं और शाम को बतौर डाक्टर मरीजों की सेवा करता हूं। दोनों के संस्कारों को साथ लेकर चलने की पूरी कोशिश करता हूं। आज समय बदल रहा है, लोग बदल रहे हैं, लेकिन मेरी कोशिश रहती है मैं समाज को जो दे सकता हूं, जरूर दूं।
पिता जी लुधियाना से जालंधर के पहले अस्पताल गुलाब देवी अस्पताल में बतौर डाक्टर तैनात हुए थे। 1960 की बात है जब पिता जी परिवार के साथ जालंधर आ गए थे। उसके बाद जालंधर से ऐसा जुड़ाव हुआ कि हम सभी यहीं के होकर रह गए। पिता जी शहर के पहले अस्पताल में बतौर डाक्टर मरीजों की सेवा करते थे। मां स्कूल में टीचर थीं। उन्होंने हमेशा एक ही बात सिखाई कि अगर जिंदगी में किसी को शिक्षित कर सकते हो तो जरूर करो। अगर आप एक युवा को शिक्षित कर देते हो तो समझो उसकी आने वाली पूरी जनरेशन को आपने शिक्षित कर दिया। यही वजह रही कि मां हमेशा से टीचिंग के प्रोफेशन के साथ जुड़ी रहीं। दयानंद माडल स्कूल में मां पढ़ाती थीं। उसके बाद उन्होंने इनोसेंट हार्टस नाम से माडल टाउन में पहला स्कूल खोला। लोगों के प्यार व मां की कठिन मेहनत से स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना अलग मुकाम हासिल किया।
मां के बनाए नियम आज भी स्कूल में लागू हैं। वह पूरे स्टाफ के साथ पर्सनली कनेक्ट रहती थीं। उनके सुख-दुख में सहभागी बनती थीं। हमने उस परंपरा को आगे बढ़ाया। आज पांच स्कूल व कालेजों में करीब 40 कोर्सों के साथ युवाओं का भविष्य तराशा जा रहा है। मां का सपना था कि कोशिश करनी चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिक्षित करें, हम उसी सपने को आगे बढ़ा रहे हैं। आज हजारो बच्चों व युवाओं का भविष्य इनोसेंट स्कूल व कालेजों में तराशा जा रहा है।
दो अस्पतालों में करते हैं मरीजों की सेवा
बौरी मेडिकल सेंटर व इनोसेंट हार्टस मेडिकल सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में हम मरीजों की कम से कम कीमत पर इलाज करते हैं। हमारी कोशिश रहती है कि किसी भी मरीज को इलाज में कोई परेशानी न आने दी जाए। यही वजह है कि हमारे पास नए मरीजों के साथ-साथ सालों पुराने मरीजों के आने का सिलसिला आज तक जारी है। जो मरीज एक बार हमारे अस्पताल से ठीक होकर जाता वह दूूसरों को भी हमारे अस्पतालों में भेजता है। हमने अस्पतालों में कमाई की बजाय मरीजों की सेवा पर फोकस रखा है।
युवाओं को लक्ष्य पर फोकस रखना चाहिए
आज के युवा अपने लक्ष्य से भटक रहे हैं। उन्हें अपने लक्ष्य पर फोकस रखना चाहिए। अगर जिंदगी में किसी गोल को हासिल करना है तोे ईमानदारी के मेहनत करना जरूरी है। भगवान पर भऱोसा करें और अपने जीवन को सार्थक बनाएं। इतिसाह गवाह है कि जिन भी युवाओं ने अपने लक्ष्य पर ईमानदारी के साथ फोकस करके काम किया है उन्हें सफलता जरूर मिली है। थोड़ी देर हो सकती है, लेकिन परेशान न हों।
पंजाब का सबसे शानदार शहर है जालंधर
जालंधर को मैं पंजाब का सबसे अच्छा व शानदार शहर मानता हूं। डा. बौरी बताते हैं सफाई से लेकर तमाम मामलों में जालंधर बाकी शहरों की तुलना में आज भी काफी अच्छा है। ग्रीन बेल्ट बढ़ानी चाहिए। शहर को हरियाली युक्त करना होगा। प्रदूषण बढ़ रहा है इसे लेकर सभी को गंभीर होने की जरूरत है। जालंधर की सबसे बुरी बात मुझे यही लगती है कि समय के साथ लोगों में अपनापन खतम हो रहा है। इस शहर की सबसे अच्छी बातों में कभी यह बार शुमार होती थी, लेकिन सभी लोगों को इस बात पर भी गंभीर होना चाहिए।
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