खबरनामाः काम हो तो ही ऑफिस आएं और हरजीत नू नीदरलैंड तों कडवा लो
कोच दिल से भगवान से अरदास कर रहे थे कि ग्रैंड प्रिक्स रद हो जाए। जब 19 मार्च को प्रिक्स रद हुई तो कोचों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
जालंधर, जेएनएन। जिले के विभिन्न खेलों के कोच अब फ्री होकर खेल विभाग के कार्यालय में नहीं बैठ सकेंगे। इससे पहले कोच खिलाड़ियों को अभ्यास करवाकर फ्री समय में कार्यालय में आकर बैठ जाते थे। कोरोना वायरस के खौफ के चलते जिला खेल अधिकारी ने कोचों को कार्यालय में आने से मना कर दिया है। सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना मतलब से कोई भी कोच कार्यालय ना पहुंचे। अगर कोई जरूरी काम है तो वे फोन करके आएं। अपना अधिक समय घर में ही बिताएं। खेल अधिकारी गुरप्रीत सिंह ने कहा कि कोच खिलाड़ियों को अभ्यास करवाने के बाद तीस कोच आफिस पहुंच जाते थे। घर में बैठकर स्वयं को स्वस्थ रखें। पहले ही आफिस में मात्र चार कर्मचारी आ रहे हैं। काम प्रभावित ना हो इसलिए आफिस का कामकाज देख रहे हैं।
नीदरलैंड में फंसा हॉकी चैंपियन...
वर्ष 2016 में जूनियर वल्र्ड कप जीतने वाले टीम के कप्तान हरजीत सिंह नीदरलैंड में फंस गए हैं। हरजीत सिंह पर पंजाबी फिल्म भी बन चुकी है जिसमें पंजाबी गायक ऐमी विर्क ने हरजीत सिंह का किरदार निभाया था। हरजीत सिंह प्रीमियर डिवीजन क्लब एचजीसी की ओर से खेलने के लिए गए थे। हॉकी पंजाब के सदस्यों ने खेल मंत्री से गुहार लगा दी है कि हरजीत सिंह व खिलाड़ी कोरोना की चपेट में ना आ जाएं नीदरलैंड से कडवा लो। हॉकी पंजाब सदस्य उनके फिट रहने की बात कर रहे हैं। हॉकी पंजाब के संयुक्त सचिव सुरिंदर भापा ने कहा कि हॉकी जगत में खौफ है कि नीदरलैंड में खेलने गए हरजीत सही सलामत देश में लौट आएं। खिलाड़ी उनके भारत लौटने की आस लगाए बैठे हैं। सभी ने खेल मंत्री से मांग की है कि कोरोना को देखते हुए उन्हें वहां से निकालकर लाया जाए।
कोरोना ने बचाया फंड
कोरोना के डर से खेल विभाग की चाय पर खर्च होने वाली राशि बच जाएगी। आफिस में रोजाना जिला खेल अधिकारी को कोई ना कोई मिलने के लिए पहुंच जाता था। रोजाना तीस कप चाय के लग जाते थे। कोरोना के डर से लोग या फिर कोई कोच भी मिलने नहीं पहुंच रहा है। अब रोजाना छह कप चाय के लग रहे हैं। चाय कप की राशि में हुई कटौती से जिला खेल अधिकारी के चेहरे पर खुशी होगी। पहले से ही खेल विभाग हेड आफिस चंडीगढ़ ने फंड में कटौती कर रखी थी। विभाग सामान की खरीदारी भी सोच समझकर रहा था। अब डीएसओ को अपने पॉकेट से राशि नहीं डालनी पड़ेगी। जिला खेल अधिकारी गुरप्रीत सिंह कहते हैं कि मिलने वाले अब कम आ रहे तो चाय की लागत भी कम हुई है। फंड भी बच जाएगा।
रब्ब ने सुन ली साडी गल्ल
पंजाब एथलेटिक्स फेडरेशन की ओर से 20 व 25 मार्च को पटियाला में इंडियन ग्रैंड प्रिक्स होनी थी। पंजाब के छह खिलाड़ियों ने हिस्सा लेना था। कोरोना वायरस के चलते खिलाड़ियों के साथ कोच व पारिवारिक सदस्यों को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। कोच दिल से भगवान से अरदास कर रहे थे कि ग्रैंड प्रिक्स रद हो जाए। जब 19 मार्च को प्रिक्स रद हुई तो कोचों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कोचों ने कहा कि रब्ब ने साड्डी मन दी गल्ल सुन लई है। अगर एसी रब्ब कोलो कुछ होर मंगदे ओ वी मिल जाणा सी। अब प्रिक्स कब होती है यह आने वाला समय बताएगा। फिलहाल कोचों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती है। कोच सर्बजीत सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों को नए सिरे से प्रिक्स की तैयारी में जुटना व मेहनत करनी होगा।