Exam Time: जिला साइंस सुपरवाइजर बोले- टेंशन न लें बच्चे, टाइम टेबल बनाकर करें पढ़ाई
बलजिंदर सिंह ने कहा कि अभिभावकों को भी चाहिए कि वे भी बच्चों पर पढ़ते रहने का दवाब न डालें। पढ़ाई के दौरान बच्चों को कुछ समय के लिए आराम जरूर करने दें।
जालंधर, जेएनएन। सीबीएसई और पीएसईबी की परीक्षाएं शुरू हैं। परीक्षाओं को लेकर बच्चों के साथ-साथ अभिभावक भी तनाव में हैं। बच्चों को लगता है कि तैयारी करते-करते पीछे का सिलेबस भूलता जा रहा है। वहीं, अभिभावकों को लगता है कि बच्चा लगातार नहीं पढ़ रहा। उसका तैयारी के बजाए खेलने की तरफ ध्यान ज्यादा है। दैनिक जागरण की ओर से वीरवार को करवाए गए हेलो जागरण (Hello Jagran) प्रोग्राम में जिला साइंस सुपरवाइजर बलजिंदर सिंह से पाठकों ने एेसे ही सवाल पूछे। सिंह ने अपने जवाब में कहा कि बच्चे तनाव रहित होकर परीक्षा दें। टाइम टेबल के अनुसार रिवीजन करें। लगातार पढ़ने के बजाए ब्रेक लेकर पढ़ें। जैसे दोपहर का खाना खाने के बाद रेस्ट।
सुबह दो-तीन बजे तक पढ़ने के बजाए रात 12 बजे तक पढ़कर सुबह जल्दी उठकर पढ़ें। नींद पूरी होने से सुबह माइंड फ्रेश होगा और तैयारी अच्छे से होगी। अभिभावकों को भी चाहिए कि वे भी बच्चों पर पढ़ते रहने का दवाब न डालें। पढ़ाई के दौरान बच्चों को कुछ समय के लिए आराम जरूर करने दें।
प्रश्न: बच्चे के प्री बोर्ड में अच्छे नंबर थे, अब फाइनल परीक्षाओं को लेकर बेहद नर्वस है।
उत्तर: परीक्षाओं का अंतिम समय है। बेटे के प्री बोर्ड में अच्छे नंबर आ चुके हैं तो उसे समझाएं की नर्वस होने की जरूरत नहीं हैं। फिजिक्स और कैमिस्ट्री की रियेक्शन को मिक्सअप न होने दें। जिस प्रकार से पहले टाइम टेबल के अनुसार तैयारी की है, उसी हिसाब से फाइनल में तैयारी करते रहें। वैसे तो तैयारी पहले से ही हो चुकी है और अब तो बस अच्छे से रिवीजन करना है। परीक्षा से कुछ समय पहले अंतिम तीन-चार घंटे पहले फार्मूलों पर गहनता से नजर डालें।
प्रश्न: बेटा पेपर के बाद आने वाली छुट्टी में आलसी हो जाता है?
उत्तर: परीक्षाओं के समय बच्चों के पेपरों की अच्छे से तैयारी करने के लिए मोटिवेट करें। अगर किसी आसान परीक्षा के दिन अधिक छुट्टियां आती हैं, तो इसमें से मुश्किल विषय के तैयारी के लिए भी समय निकालें। छुट्टियों में आराम करने की आदत घटाएं और बेटे को टाइम टेबल को बरकरार रखन के लिए प्रोत्साहित करें। अच्छे अंक लाने के लिए प्लानिंग बेहद जरूरी है।
प्रश्न: बेटा बाकी सभी विषय में ठीक है पर उसे पंजाबी विषय बेहद मुश्किल लगता है?
उत्तर: अगर बच्चा बाकी विषयों में ठीक है और वो पंजाबी भाषा लिख व समझ सकता है तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं। वो बाकी विषयों की तरह पंजाबी विषय को भी समय दें। अच्छे अंक लाने के लिए पंजाबी में बेहतर अंक लाने जरूरी है।
प्रश्न: बेटे को ट्रिग्नोमेट्री में परेशानी आती है?
उत्तर: ट्रिग्नोमेट्री की परेशानी को दूर करने के लिए रिटन प्रेक्टिस बढ़ाएं। किसी आसान विषय की परीक्षा में ज्यादा छुट्टियां हैं तो उस दौरान भी इसकी प्रेक्टिस करते हुए रिवीजन करें। परीक्षा से पहले अच्छे से नजर जरूर मार कर जाएं।
प्रश्न: बेटे की ट्यूशन भी रखवाई, पर वह गणित विषय में अब भी कमजोर है?
उत्तर: सेल्फ स्टडी बेहद जरूरी है। बच्चा पहले स्कूल में पढ़ेंगा और फिर ट्यूशन में। इस तरह से बार-बार पढ़ने के दौरान उसकी खुद की प्रेक्टिस तो हुई नहीं। ट्यूशन रखवा देना उचित नहीं हैं क्योंकि यह कोई दवाई नहीं हैं। बच्चे को खुद ज्यादा प्रेक्टिस करने के लिए प्रोत्साहित करें। कहीं परेशानी आए तो उसकी मदद करें। इसके लिए स्कूल में जो भी पढ़ाया जाता है उस काम को रोज के रोज करें।
प्रश्न: परीक्षाओं में मेरिट लाने के लिए क्या करना चाहिए।
उत्तर: मैरिट फरवरी में परीक्षाओं की तैयारी करके नहीं आती। मैरिट लाने के लिए पहले से ही टार्गेट तय करना पड़ता है। फिर सेशन शुरू होते ही प्लानिंग और टाइम टेबल तैयार करें। हर विषय को बराबर समय दें। स्कूल में जो भी काम करवाया जाए उसकी घर आकर प्रेक्टिस करें। लिखित रूप से प्रेक्टिस की प्रक्रिया को अपनाएं। फार्मूलों का चार्ट बनाकर कहीं भी चिपकाएं, जहां आते-जाते नजर पड़ती रहे। सप्ताह भर में किए काम को एक दिन में तैयार करते जाएं। इस तरह से प्लानिंग पर काम होते रहने से परीक्षाओं के दिनों में दिमाग पर जोड़ नहीं पड़ेगा और महर रिवीजन से ही सारी तैयारी अच्छे से हो जाएगी।
इन्होंने पूछे सवाल
अरुण कुमार (लाजपत नगर), सुशील (शेखां बाजार), अविनाश कुमार (मकसूदां), चंद्रमोहन (माडल टाउन),
शालिनी (गुरु नानक पुरा), सुमन शर्मा (अर्बन ईस्टेट)।