धार्मिक स्थल की प्रधानगी को लेकर चाचा-भतीजा हो गए आमने-सामने Jalandhar News
कमेटी सदस्य रूपलाल ने बताया कि गुरुद्वारा कमेटी के 21 रजिस्टर्ड सदस्य हैं और वही चुनाव करवाते हैं। इससे पूर्व 25 वर्ष तक विक्की के पिता मुल्क राज इस गुरुद्वारा के प्रधान रहे हैं।
जालंधर छावनी, जेएनएन। भारी सुरक्षा बल की मौजूदगी में रोहित कुमार उर्फ विक्की तुलसी को गुरुद्वारा श्री गुरु रविदास कैंट के चुनाव में प्रधान नियुक्त किया गया। सुबह से ही पुलिस ने गुरुद्वारा साहिब के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था, ताकि किसी तरह का कोई विवाद न हो।
चुनाव में बहुत कम लोगों ने हिस्सा लिया परंतु विवाद उस समय गहरा गया जब रामा मंडी के पार्षद पति विजय ने अपने ही सगे भतीजे विक्की तुलसी को जो नवंबर महीने में प्रधान चुने गए थे, को प्रधान मानने से इन्कार कर दिया। विजय ने अचानक अपने समर्थक बुलाकर गुरुद्वारा साहिब में चुनाव करवाने की घोषणा की। जब इसकी सूचना विक्की तथा समर्थकों को मिली तो वे गुरुद्वारा साहिब पहुंच गए।
इसी बीच भारी संख्या में पुलिस बल भी अधिकारियों के नेतृत्व में वहां पहुंच गया। कमेटी सदस्य रूपलाल ने बताया कि गुरुद्वारा कमेटी के 21 रजिस्टर्ड सदस्य हैं और वही चुनाव करवाते हैं। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 25 वर्ष तक विक्की के पिता मुल्क राज इस गुरुद्वारा के प्रधान रहे। उनके निधन के बाद कमेटी ने उनके पुत्र रोहित कुमार विक्की को नवंबर माह में प्रधान नियुक्त कर दिया था परंतु परिवारिक विवाद के चलते विजय कुमार ने आज जबरन गुरुद्वारा साहिब में कब्जा जमाने हेतु चुनाव कराने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जांच के बाद विक्की तुलसी को श्री गुरुद्वारा रविदास कैंट का सही प्रधान पाया गया।
मौके पर पहुंचे एडीसीपी परमिंदर भंडाल, एसीपी मेजर सिंह का रवैया विजय के प्रति सख्त रहा। भंडाल का कहना था कि जो रजिस्टर्ड बॉडी जो पिछले 30 वर्षों से गुरुद्वारा प्रबंध को संभालती आ रही है, उन्होंने जो फैसला किया है वह उचित है। इस मौके पर कैंट थाना प्रभारी रामपाल, सदर थाना प्रभारी सुलखन सिंह व अन्य पुलिस मुलाजिम उपस्थित थे।
गुरुद्वारा तुलसी परिवार की विरासत नहीं: नंबरदार
नंबरदार पिंक राज ने कहा कि गुरुद्वारा श्री रविदास जी को तुलसी परिवार ने अपनी विरासत समझ रखा है। उन्होंने कहा कि जब 25 वर्षों तक मुल्क राज प्रधान रहे हैं तो इनको परिवार को चाहिए कि सेवा का मौका किसी दूसरे व्यक्ति को दे जो उनके परिवार से भिन्न हो परंतु चाचा-भतीजा का विवाद यह संदेह उत्पन्न करता है कि तुलसी परिवार इस गुरुद्वारे को अपनी विरासत समझ रहे हैं जो सरासर रविदास समाज के लिए घातक है। पिंक राज के इन शब्दों पर पार्षद पति विजय भड़क गए। मौके पर पुलिस की मौजूदगी के चलते मामला संभल गया।
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