पंजाब में 'आप' में नहीं थम रहा घमासान, वरिष्ठ नेता आमने-सामने
मनुपाल शर्मा, जालंधर : कभी कांग्रेस के साथ जा मिलने की बात, तो कभी 2020 सिख रेफरेंडम पर विवाद। लगाता
मनुपाल शर्मा, जालंधर : कभी कांग्रेस के साथ जा मिलने की बात, तो कभी 2020 सिख रेफरेंडम पर विवाद। लगातार चुनाव हारने और इस्तीफों के झटके सह रही आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई अभी भी एकमत नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ही आमने-सामने हो गए हैं। आप पंजाब विधानसभा में विपक्ष में बैठी है, लेकिन नेता प्रतिपक्ष सुखपाल ¨सह खैहरा अधिकतर मौकों पर अकेले ही खड़े नजर आते हैं। विवाद उठता है तो पार्टी लीडरशिप उनके बयान अथवा तर्क को उनकी निजी बता कर खुद को अलग रखने की कोशिश करती नजर आती है। भगवंत मान का तो गणित ही फिलहाल समझ से परे नजर आ रहा है।
सिख रेफरेंडम 2020 के मसले पर सुखपाल खैहरा की ओर से दिए गए बयान को आप पंजाब के सह अध्यक्ष डॉ. बलबीर ¨सह ने इसे यह खैहरा की निजी राय बताया है और कहा कि पार्टी का इससे लेना-देना नहीं। पार्टी के लिए यह बेहद जरूरी है कि सभी पार्टी की राष्ट्रीय नीति के मुताबिक चलें और पार्टी प्लेटफार्म को ही प्राथमिकता दें। उन्होंने सांसदों समेत तमाम लीडरशिप से पार्टी लाइन पर ही चलने को कहा। वहीं इसके बाद पार्टी लीडरशिप कांग्रेस और अकाली भाजपा के ट्रैप में फंस गई और उन्होंने मौका भुनाने का फायदा उठाया। हालांकि खैहरा ने डॉ. बलबीर की प्रतिक्रिया के बाद कहा कि उनको कुछ भी कहने से पहले उनसे संपर्क कर सच्चाई जाननी चाहिए थी। उनका कहना है कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कभी 2020 सिख रेफरेंडम का समर्थन नहीं किया। खैहरा ने कहा है कि सरकार मामले की जांच कराए, अगर कुछ गलत है तो मैं सामना करने को तैयार हूं।