हो गया खुलासा, पिंगलाघर में मानसिक रोगी को इन लोगों ने बनाया था शिकार
जालंधर के पिंगलाघर में मानसिक रोगी युवती से वहां के तीन कर्मचारियों ने ही दुष्कर्म किया था। जांच में इन कर्मचारियों के बारे में खुलासा हो गया है और अब इनके खिलाफ केस दर्ज होगा।
जेएनएन, जालंधर। गुलाबदेवी रोड स्थित पिंगलाघर में गर्भवती हुई जिस मानसिक रोगी की शादी करवा दी गई थी, उसके साथ दुष्कर्म हुआ था। पिंगलाघर के ही तीन मुलाजिमों के नाम सामने आ रहे हैं। इस मामले की जांच कर रही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। जालंधर के डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने पुलिस कमिश्नर प्रवीण कुमार सिन्हा को पत्र लिखकर आरोपितों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है। पिंगलाघर के प्रबंधकों की कारगुजारी की जांच रिपोर्ट अलग से दी जाएगी।
पूछताछ में तीन मुलाजिमों के नाम आए सामने, केस दर्ज होगा
जांच रिपोर्ट के अनुसार, गर्भवती मानसिक रोगी ने पिंगलाघर के तीन मुलाजिमों की तरफ दुष्कर्म में शामिल होने का इशारा किया है। पुलिस इसकी बारीकी से जांच करेगी। इसके साथ ही युवती की शादीशुदा जिस अधेड़ फूलकांत से शादी कराई है, पिंगला घर प्रबंधकों ने उससे युवती के गर्भवती होने की बात छिपाकर उसके साथ भी धोखाधड़ी की है। साथ ही मानसिक रोगी युवती से फूलकांत के शादीशुदा होने की बात भी छिपाई है। इस मामले में ङ्क्षपगला घर प्रबंधकों के खिलाफ अलग से रिपोर्ट दर्ज करने की सिफारिश की है।
जांच रिपोर्ट के बाद डीसी ने पुलिस कमिश्नर को लिखा कार्रवाई के लिए
एसडीएम की जांच रिपोर्ट में इसका स्पष्ट उल्लेख है कि जब 37 वर्षीय मानसिक रोगी युवती से गहनता से पूछताछ की तो उसने दुष्कर्म के लिए तीन मुलाजिमों की तरफ इशारा किया। महिला के गर्भवती होने के बाद पूरे मामले को दबाने के लिए पिंगलाघर के प्रबंधकों ने उसकी शादी अधेड़ फूलकांत से कराई थी।
जांच में प्रबंधकों ने कहा कि उक्त महिला को उन्होंने अधेड़ के साथ देखा था। इस वजह से उन्हें लगा था कि युवती के उसके संबंध है। इसी वजह से उन्होंने उसके साथ शादी कराई थी। रिपोर्ट बताया गया है कि शादी रचाने वाले फूलकांत के बारे में मानसिक रोगी गर्भवती ने एक बार भी संकेत नहीं किया कि उसने उसके साथ कोई गलत काम किया था। रिपोर्ट कहा गया है कि शादी के लिए तैयार हुए बिहार के मूल निवासी फूलकांत से भी संचालकों ने युवती के गर्भवती होने की बात छुपा कर धोखाधड़ी की थी।
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जागरण ने इस मामले का 4 सितंबर को खुलासा किया था। एसडीएम नवनीत कौर बल ने डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा को सौंपी जांच रिपोर्ट में जांच के हर पहलू का बारीकी से उल्लेख किया है। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पिंगलाघर प्रबंधकों ने जांच टीम का पूरी तरह से सहयोग नहीं किया। कई महत्वपूर्ण रिकार्ड देने में भी आनाकानी करते रहे।
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यह थे जांच टीम में शामिल
मामले के खुलासे के बाद डीसी ने एसडीएम नवनीत कौर बल की अध्यक्षता में जिस जांच कमेटी का गठन किया था, उसमें जिला प्रोग्राम अधिकारी नङ्क्षरदर ङ्क्षसह, चाइल्ड प्रोटक्शन अफसर अवनीत कौर, लीगल प्रोटेक्शन अफसर संदीप कुमार, सिविल अस्पताल की एसएमओ कुलङ्क्षवदर कौर, इंस्पेक्टर प्रवीण कुमारी को शामिल किया गया था।
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गैरचिकित्सक की भूमिका संदेह के घेरे में
पिंगलाघर में काम करने वाले एक गैर चिकित्सक की भूमिका भी संदेह में पाई गई है। ङ्क्षपगलाघर प्रबंधकों ने जांच टीम को ये रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया कि उसे किस हैसियत से उसे यहां आने की इजाजत थी, क्या वह ङ्क्षपगला घर का मुलाजिम था। मुलाजिम था तो उसका काम क्या था? चिकित्सक न होने के बावजूद वह चिकित्सा सुविधाएं किस हैसियत से उपलब्ध कराता था?