बलदेव देव के घर समागम, वेस्ट से केपी के लिए मांगी टिकट
पंजाब टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन मोहिदर सिंह केपी को कैबिनेट रैंक मिलने पर जिला कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष बलदेव सिंह देव के वेस्ट हलके में आयोजित सम्मान समारोह ने नई राजनीतिक चर्चा छेड़ दी है।
जागरण संवाददाता जालंधर : पंजाब टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन मोहिदर सिंह केपी को कैबिनेट रैंक मिलने पर जिला कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष बलदेव सिंह देव के वेस्ट हलके में आयोजित सम्मान समारोह ने नई राजनीतिक चर्चा छेड़ दी है। कार्यक्रम में केपी के करीबी नेताओं प्रदीप सिंह राय, बलबीर चौहान व अन्य ने केपी के लिए वेस्ट विधानसभा हलके से टिकट की मांग कर डाली। बस्ती पीर दाद रोड पर हुए कार्यक्रम में बड़ी गिनती में इलाके के लोग शामिल हुए लेकिन वेस्ट के विधायक सुशील रिकू के करीबी कार्यकर्ताओं ने दूरी बनाए रखी। कार्यक्रम में बलदेव सिंह देव ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मोहिदर सिंह केपी को पूरा सम्मान दिया है और कैबिनेट रैंक देकर सभी कांग्रेसियों का सम्मान बढ़ाया है। पूर्व पार्षद प्रदीप सिंह राय ने कहा कि पार्टी हाईकमान मोहिदर सिंह केपी जनता के लोकप्रिय नेता हैं और उन्हें पार्टी इस बार वेस्ट हलके से चुनाव लड़ाए क्योंकि जनता की यही मांग है। केपी के करीबी बलबीर सिंह चौहान ने भी वेस्ट हलके का मुद्दा उठाया और केपी का समर्थन किया। मोहिदर सिंह केपी ने कहा कि उनका लक्ष्य पार्टी की मजबूती करना है और पार्टी के आदेश का हमेशा की तरह पालन करेंगे। ..इसलिए उठ रही मांग
वेस्ट हलके को लेकर राजनीति कई सालों से गर्म है। 2017 में पार्टी ने केपी की वेस्ट हलके से टिकट काटकर युवा नेता सुशील रिकू को दी थी जबकि केपी को आदमपुर विधानसभा से चुनाव लड़ाया था। रिकू चुनाव जीत गए थे जबकि आदमपुर से केपी को हार मिली थी। केपी को करीब साढे़ चार साल तक हाशिए पर रहना पड़ा लेकिन चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद केपी का पार्टी में कद बढ़ गया। केपी और चन्नी में करीबी रिश्तेदारी है जिस वजह से यह चर्चा बनी हुई है कि कांग्रेस केपी को वेस्ट से टिकट में सकती है। चन्नी आदमपुर आए तो बदल जाएंगे समीकरण
विधायक सुशील रिकू के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह से करीबी संबंध है जबकि केपी और राणा में 36 का आंकड़ा है। राणा को कैबिनेट मंत्री बनने से रोकने के लिए भी केपी ने अभियान चलाया था लेकिन सफल नहीं हो पाए थे। हालांकि मुख्यमंत्री चन्नी के आदमपुर दौरे के दौरान मोहिदर सिंह केपी को आगे करने से यह लगने लगा है कि केपी आदमपुर से चुनाव लड़ेंगे। अगर चन्नी आदमपुर से चुनाव लड़ते हैं तो केपी को आदमपुर में चुनाव इंचार्ज के रूप में जिम्मेदारी संभालनी होगी।