सिविल अस्पताल में नवजात की मौत पर हंगामा, गुस्साए परिजनों ने लगाया जाम Jalandhar News
परिजनों का आरोप है कि बार-बार बुलाने पर भी डॉक्टर नवजात के इलाज के लिए नहीं पहुंचा। बच्चे की मौत डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही के कारण हुई है।
जालंधर, जेएनएन। सिविल अस्पताल एक बार फिर इलाज में लापरवाही के आरोपों में घिर गया है। मंगलवार रात को जच्चा-बच्चा वार्ड में नवजात की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने डाक्टरों और स्टाफ पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। गुस्साए परिजनों ने सड़क पर धरना प्रदर्शन किया।
भार्गव कैंप के गुरविंदर सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी पूजा (25) ने रविवार को लड़के को जन्म दिया था। मंगलवार को सुबह तक बच्चा ठीक था। दोपहर को उसकी अचानक तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टर को बुलाया पर मौके पर कोई नहीं पहुंचा। बच्चे को उठाकर निक्कू में डाला गया। वहां भी डॉक्टर जांच करने के लिए नहीं पहुंचा। करीब आधे घंटे बाद स्टाफ ने बताया कि बच्चे की मौत हो गई है। इस पर गुस्साए परिजनों की स्टाफ के साथ गहमा-गहमी भी हुई। बच्चे की दादी जसबीर कौर ने कहा कि अगर डॉक्टर मौके पर जांच कर इलाज शुरू करता या फिर रेफर कर देता तो बच्चे की जान बच सकती थी।
देर रात तक परिजनों ने समर्थकों के साथ सिविल अस्पताल में जमकर हंगामा किया और स्वास्थ्य विभाग और डाक्टरों के खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद उन्होंने अस्पताल के गेट बंद कर सड़क पर बच्चे के शव का रख कर धरना प्रदर्शन किया। रोड जाम होने से वहां गुजरने वालों को खासी परेशानियों से जूझना पड़ा। बाद में उन्होंने थाना नंबर चार में शिकायत दी। पुलिस ने मौके पर बयान दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। बच्चे का शव पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखवाया गया है। सिविल अस्पताल के कार्यकारी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. चन्नजीव सिंह का कहना है कि बुधवार को बच्चे का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा और मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करवाई जाएगी।
11 जुलाई को लड़की की मौत पर भी हुआ था हंगामा
बता दें कि 11 जुलाई को बस्ती बावा खेल के नजदीक स्कूली ऑटो को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी थी, जिसमें ट्रोमा वार्ड में इलाज के दौरान लड़की रानी की मृत्यु हो गई थी। इस दौरान भी पीड़ित परिवार ने ट्रोमा वार्ड के स्टाफ पर बदसलूकी व ईलाज में लापरवाही करने के आरोप लगाए थे।