काम नहीं आया DCP का नाम, जमकर लगी मुलाजिमों की क्लास
सरकारी खजाना भरने के लिए पुलिस कर्मियों को साफ कहा गया है कि किसी की भी नहीं सुनें सीधा चालान काटें।
जालंधर, [सुक्रांत]। शहर में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क नहीं लगाने, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने व अन्य नियम तोडऩे वालों का चालान किया जा रहा है। सरकारी खजाना भरने के लिए पुलिस कर्मियों को साफ कहा गया है कि किसी की भी नहीं सुनें, सीधा चालान काटें। हालांकि अफसरों के इस आदेश का असर अफसरों पर ही पड़ेगा, यह तो किसी ने सोचा ही नहीं। ऐसा ही कुछ बीते दिनों पठानकोट चौक के पास देखने को मिला। वहां से निकल रहे बाइक सवार युवक का मास्क थोड़ा नीचे खिसक चुका था। पुलिस ने उसे रोका और चालान काटने लगा। इतने में वह युवक बोल पड़ा, 'मैं डीसीपी ट्रैफिक साहिब दा रीडर हां।' इस पर पुलिसकर्मी ने कहा, 'फेर मैं की करां, चलान तां करना ही ए ते जुर्माना वी लैणा ही ए।' रीडर ने ये बात डीसीपी नरेश डोगरा से बताई। इसके बाद मुलाजिमों की जमकर क्लास लगी।
शराब वाले को क्वारंटाइन करवा दिया
लोगों को कोरोना से बचाने के लिए फ्रंट लाइन पर रहकर सेवाएं दे रहे पुलिस कर्मियों के संक्रमित पाए जाने पर शहर में हड़कंप मच गया था। कारण, लोगों के चालान पुलिस वाले ही काट रहे थे। हालांकि असल में जब पुलिस वाले कोरोना संक्रमित निकले तो उन्होंने खुद ही लोगों से दूरी बना ली थी। इसी बीच जालंधर के ज्योति चौक में स्पीकर लेकर लोगों को जागरूक करने व रक्तदान करने के बाद चर्चा में आए एएसआइ सुङ्क्षरदर सिंह भी संक्रमित पाए गए। वह खुद ही सिविल अस्पताल पहुंच गए। उन्हें मेडिकल टीम के साथ आने को कहा गया तो बोले, 'मैं घर देयां लोकां च डर नईं सी पाना जांदा। ऐसे लई आप ही आ गया। मैं तां शराब वाले नूं फड़ के दो थप्पड़ वी मारे सी। मैं ओहनां नूं वी फोन करके दस दित्ता के मैनूं कोरोना हो गया, तूं वी हुण ष्ठ क्वारंटाइन हो जा।'
टाइम पास लई मजाक करदे सी
इस समय प्रशासन की हिदायतों पर पुलिस वीकेंड लॉकडाउन के तहत शनिवार शाम पांच बजे के बाद और रविवार पूरा दिन कफ्र्यू का पालन करवा रही है। लोग भी काफी हद तक जागरूक हुए हैं और नियमों का पालन कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस कर्मियों को खाली सड़कें देखने के अलावा कोई काम नहीं रहता। इस वजह से नाकों पर खड़ी पुलिस वहां से गुजरने वाले इक्का-दुक्का लोगों से हंसी-मजाक कर टाइम पास कर लेती है। बीते रविवार को मास्टर तारा सिंह नगर के पास नाका लगा था। वहां से एक कार सवार निकला तो पुलिस ने उसे रोककर कहा, 'भाजी, तुहानूं नहीं पता बाहर निकलना मना है।' कार सवार ने कफ्र्यू पास दिखाया तो मुलाजिम हंसकर बोला, भाजी असीं तां तां रोकेया सी कि हेलमेट क्यों नहीं पाया। इस पर आदमी सोच में पड़ गया तो सभी मुलाजिम हंसे और बोले, 'भाजी टाइम पास लई मजाक करदे सी।
डीसीपी बनने की खुशी डीपी पर
तरक्की मिलने पर खुशी हर किसी को होती है और इसका इजहार करने का तरीका भी सभी का अलग होता है। हालांकि तरक्की अगर लंबे समय बाद मिले तो लोग उसका इजहार ऐसे करते हैं कि सभी को पता चल जाए कि उसे कितनी अधिक खुशी हुई है। ऐसे ही पिछले दिनों पुलिस विभाग में दिखा। शहर में नशा तस्करों व अन्य अवैध कारोबार करने वालों के लिए काल बनीं आइपीएस मैडम को काफी समय से डीसीपी बनने का इंतजार था। खैर, इंतजार खत्म हुआ और बीते तीन-चार साल से क्राइम से लड़ रहीं सुडरविली को भी खुशी का इजहार करने का मौका मिला। मैडम ने अपनी डीपी पर लिख दिया- 'डीसीपी'। ऐसा इसलिए किया कि उनसे जुड़े हर व्यक्ति को उनकी खुशी के बारे में पता चल जाए। इसी के साथ लोगों को यह भी पता चल गया कि मैडम इतने दिनों से किस खुशी के इंतजार में थीं।