Move to Jagran APP

पंजाब की जेलों में सेटिंग का खतरनाक खेल, नापाक गठजोड़ उजागर, बड़़े खतरे के संकेत

पंजाब के जेलों में सेटिंग का खतरनाक खेल चल रहा है। जेल में बंद गैंगस्‍टरों व कर्मियों में नापाक गठजोड़ है। दावाें के बावजूद कैदियों तक माेबाइल पहुंचना बड़े खतरे का संकेत है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 12:24 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 07:32 AM (IST)
पंजाब की जेलों में सेटिंग का खतरनाक खेल, नापाक गठजोड़ उजागर, बड़़े खतरे के संकेत
पंजाब की जेलों में सेटिंग का खतरनाक खेल, नापाक गठजोड़ उजागर, बड़़े खतरे के संकेत

जालंधर/चंडीगढ़, जेएनएन। सीमावर्ती राज्य पंजाब की जेलों में सेटिंग का खतरनाक खेल चल रहा है। जेल में बंद खूंख्‍यार अपराधियों और गैंगस्‍टरों का जेल के कुछ कर्मियों से नापाक गठजोड़ उजागार हाे रहा है। जेल मंत्री से लेकर आला अफसरों के तमाम दावों के बावजूद कैदियों तक मोबाइल और नशा पहुंच रहा है। यह बड़े खतरे का संकेत दे रहा है। जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए आठ माह पहले सीआरपीएफ तैनात करने के बावजूद जेलों में मोबाइल फोन पहुंचने का सिलसिला जारी है। हालात पर अब बड़े अफसर बहानेबाजी करते ही नजर आते हैं।

loksabha election banner

जेलों से इस साल छह माह में ही पिछले साल से दोगुने मोबाइल बरामद

एडीजीपी (जेल) पीके सिन्हा ने हैरानीजनक दावा किया कि मोबाइल सिर्फ प्रवेश मार्गों से नहीं आए रहे, बल्कि बाहर से भी फेंके जा रहे हैं। वहीं, इस दावे पर पूर्व डीजीपी शशिकांत ने कहा है कि बिना जेल स्टाफ की सेटिंग के ऐसा संभव नहीं है। गौरतलब है कि पिछले साल राज्य की 24 जेलों से कुल 1125 मोबाइल बरामद हुए थे, लेकिन इस वर्ष मध्य जून तक ही 1177 मोबाइल बरामद हो चुके हैैं।

एडीजीपी जेल का दावा- बाहर से फेंके जा रहे मोबाइल, पूर्व डीजीपी बोले- बिना सेटिंग ऐसा संभव नहीं

एडीजीपी (जेल) पीके सिन्हा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि जेलों में मोबाइल या अन्य आपत्तिजनक सामान सिर्फ प्रवेश मार्गों से अंदर नहीं जाता। लुधियाना जेल में सामान्यतया मोबाइल या अन्य नशीले पदार्थ बाहर से अंदर फेंके जाते हैं। इसी प्रकार अन्य जेलों में भी ऐसी संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

एडीजीपी का यह बयान किसी के गले नहीं उतर रहा है। जेल के बाहर से मोबाइल फेंकना और उसे उठाकर बैरक में बंद कैदी तक पहुंचाना जेल प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है।

दूसरी ओर, पूर्व डीजीपी (जेल) शशिकांत भी कहते हैैं कि जेल में मोबाइल और नशा प्रत्येक रास्ते से पहुंच रहा है। फेंका गया मोबाइल कभी-कभार ही जेल में बंद संंबंधित कैदी तक पहुंच पाता है। ज्यादा संभावना अन्य रास्तों से ही होती है। फेंके गए मोबाइल के टूटने का खतरा होने के साथ-साथ सुरक्षा कर्मी के हाथ पड़ जाने का डर सदैव बना रहता है। लुधियाना जेल के आसपास बेशक आबादी है, लेकिन अमृतसर सेंट्रल जेल की चारों तरफ पक्की सड़कें बन चुकी हैं जहां सुरक्षा कर्मी नजरें टिकाए रहते हैं। आम नागरिक जेल की चारदीवारी के करीब नहीं पहुंच सकते। जेल की दीवारों के साथ 13 वाच टावर बना रखे हैं जहां तीन शिफ्टों में मुलाजिम बदले जाते हैं।

सीआरपीएफ की तैनाती के बाद भी पंजाब की जेलों में पहुंच रहे मोबाइल फोन

दूसरी तरफ अमृतसर जेल की गारद के एक सदस्य ने बताया कि जेल में मोबाइल कैदियों तक पहुंचाना काफी आसान है। जेल प्रशासन चाहे जितने बंदोबस्त कर ले, लेकिन यह रुकने वाला नहीं है क्योंकि इसमें जेल के चंद मुलाजिम भी शामिल हैं। गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों से यदि अच्छी सेटिंग है तो गेट के रास्ते भी मोबाइल व नशीले पदार्थ जेल में पहुंचाना काफी आसान है। अमृतसर जेल से तीन माह में 16 मोबाइल फोन बरामद हो चुके हैैं।

लुधियाना जेल में मिले सबसे ज्यादा मोबाइल

जेल विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार सीआरपीएफ की तैनाती वाली लुधियाना जेल में पिछले वर्ष 339 मोबाइल मिले थे, जबकि इस वर्ष छह माह से भी कम समय में 223 मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं। इसी प्रकार कपूरथला जेल में पिछले साल 110 मोबाइल मिले थे, इस साल 117 मोबाइल बरामद हो चुके हैं। पंजाब जेल विभाग की सुरक्षा वाली फिरोजपुर जेल में पिछले साल 112 की बजाय इस साल 130 और फरीदकोट जेल में 105 के मुकाबले 127 मोबाइल बरामद हो चुके हैं।

जेल के अंदर गैैंगस्टर अपडेट करते हैैं फेसबुक

सीआरपीएफ की तैनाती के बाद पंजाब सरकार ने कई दावे किए थे। लुधियाना सेंट्रल जेल चार जेलों में जहां सीआरपीएफ तैनात की गई थी वहां दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल की तर्ज पर थ्री लेयर सिक्योरिटी के दावे किए, लेकिन यह ज्यादा देर तक टिके नहीं। लुधियाना जेल में बंद गैंगस्टर जेल के अंदर से फोटो खींच कर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर कर रहे हैं। तीन सप्ताह पहले धर्मपुरा में हुई फायरिंग की जिम्मेदारी भी जेल में बंद गैंगस्टर निक्का जटाणा ने फेसबुक पर पोस्ट डाल कर ली थी। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने जेल में दबिश देकर निक्का जटाना का मोबाइल कब्जे में लेकर केस दर्ज किया था।

जेल मंत्री ने किया था दावा

पिछले साल 26 जून को हुए लुधियाना जेल ब्रेक कांड के बाद जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दावा किया था कि सीआरपीएफ की तैनाती से जेलों में नशा व मोबाइल ले जाने पर अंकुश लगेगा। सीआरपीएफ जवानों को जेल की छत, मुख्य एंट्री व मुलाकात वाली जगहों पर तैनात किया जाएगा। जेल के दो हाई सिक्योरिटी जोन में पंजाब के 27 गैंगस्टर बंद हैं निकी सुरक्षा का जिम्मा भी सीआरपीएफ के सुपुर्द रहेगा।

मुख्य गेट पर तैनात है पंजाब पुलिस

लुधियाना जेल सूत्रों के अनुसार तीन शिफ्टों में काम करने वाली सीआरपीएफ को ड्योढ़ी सर्च, मुलाकात व दोनों हाई सिक्योरिटी जोन में तैनात किया है। जवान ड्योढ़ी में आने वाले विजिटर व मुलाजिमों की सर्च करते हैं। सीआरपीएफ की क्यूआरटी गाड़ी जेल के अंदर व बाहर राउंड लगाती है और सर्च का काम भी करती है, लेकिन ताजपुर रोड से जेल के मुख्य गेट पर पंजाब पुलिस की टीम तैनात है। सेंट्रल जेल, वूमेन जेल व ब्रोस्टल जेल के लिए जो रास्ता जाता है उस प्वाइंट पर भी सीआरपीएफ की तैनाती जरूरी है।

देश की सुरक्षा के लिए खतरा

पंजाब की जेलों में कई आतंकवादी, नशा तस्कर व गैैंगस्टर बंद हैैं। कुछ के संबंध पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से भी हैैं। पिछले कुछ समय से गैैंगस्टरों व आतंकियों में गठजोड़ की खबरें भी सामने आ रही हैैं। जेलों में मोबाइल फोन का लगातार पहुंचना प्रदेश के साथ ही देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा साबित हो सकता है।

------

मोबाइलों की बढ़ी रिकवरी जेल विभाग की सफलता : सिन्हा

एडीजीपी (जेल) पीके सिन्हा जेलों में मोबाइलों की बढ़ी रिकवरी को जेल विभाग की सफलता बताते हैैं। उन्होंने कहा कि जेलों में इस वर्ष की शुरुआत में तलाशी अभियान चलाने के कारण ज्यादा मोबाइल फोन की रिकवरी हुई है। पिछले साल चार जेलों में तैनात की गई सीआरपीएफ को मुख्यत: प्रवेश द्वार पर ही तैनात किया गया है। इनमें बठिंडा, लुधियाना, कपूरथला व अमृतसर की जेलें हैं। इन सभी जेलों में सीआरपीएफ की एक-एक कंपनी तैनात है जिसमें 135 जवान शामिल होते हैं। लुधियाना जेल के पीछे घनी आबादी के कारण बाहर से मोबाइल फेंकने पर रोक लगाना मुमकिन नहीं है। इसे रोकने का एक ही तरीका है कि जेल को शिफ्ट किया जाए। इसके लिए सरकार को लिखा जा चुका है।

                            (इनपुट : चंडीगढ़ से कमल जोशी, अमृतसर से नवीन राजपूत व लुधियाना से राजन कैंथ)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.