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'दलबीर कौर नहीं है सर्बजीत की बहन, डीएनए टेस्‍ट हो'

सर्बजीत सिंह की बहन के तौर जानी जाने वाली दलबीर कौर पर सवाल उठ रहे हैं। सर्बजीत सिंह की बहन और भाई होने का दावा करने वाली बलजिंदर कौर व हरभजन सिंह ने का कहना है कि दलबीर कौर का सर्बजीत से कोई रिश्‍ता नहीं है। उन्‍होंने दलबीर कौर का डीएनए टेस्‍ट करने की मांग की।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2015 12:14 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2015 01:06 PM (IST)
'दलबीर कौर नहीं है सर्बजीत की बहन, डीएनए टेस्‍ट हो'

जागरण संवाददाता, जालंधर। पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में 23 वर्षों तक रहने के बाद दम तोडऩे वाले सर्बजीत सिंह मामले ने दो वर्ष के बाद नया मोड़ ले लिया है। सर्बजीत सिंह की बहन के तौर जानी जाने वाली दलबीर कौर पर सवाल उठ रहे हैं। सर्बजीत सिंह की बहन और भाई होने का दावा करने वाली बलजिंदर कौर व हरभजन सिंह ने का कहना है कि दलबीर कौर का सर्बजीत से कोई रिश्ता नहीं है। उन्होंने दलबीर कौर का डीएनए टेस्ट करने की मांग की।

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दोनों के साथ भाजपा नेता एमपी सिंह गोराया साथ यहां पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने यहां कई सनसनीखेज दावे किए। उन्हाेंने कहा कि सर्बजीत के पिता का नाम सुलखन सिंह नहीं, बल्कि महंगा सिंह है। महंगा सिंह की 10 संतान थीं। इनमें छह बेटे तथा चार बेटियां हैं। उन्होंने कहा कि पारिवारिक सदस्यों में कहीं भी दलबीर कौर का नाम नहीं है। पूरे मामले को दलबीर कौर ने साजिश के तहत बुना है।

सर्बजीत के भाई व बहन हाेने का दावा करने वाले हरभजन सिंह अौर बलजिंदर कौर ने कहा कि दलबीर कौर ने सर्बजीत को जेल से रिहा करवाने का दावा करते हुए सर्बजीत के तमाम सरकारी दस्तावेज उनसे ले लिए तथा इसमें पिता का नाम महंगा सिंह से सुलखन सिंह करवा लिया। यही नहीं, सर्बजीत को रॉ का एजेंट होने का डर दिखाकर वह पूरे परिवार को अपने हिसाब से चलाती रही।

उन्हाेंने कहा कि भारत व पंजाब सरकार को गुमराह कर खुद को सर्बजीत की बहन दर्शा कर दलबीर कौर ने अपनी बेटी स्वपनदीप कौर को नायब तहसीलदार बनवा दिया और सहायता राशि भी हासिल कर ली। इस दौरान सर्बजीत सिंह की हत्या की आशंका जताते हुए उन्होंने कहा कि दलबीर कौर का हुर्रियत नेता सैय्यद अली शाह गिलानी के साथ अच्छा संबंध है, जिसके चलते इससे इन्कार नहीं किया जा सकता।

ब्लड मनी की बात भी दलबीर ने दबाई

बलजिंदर कौर ने दावा किया कि पाकिस्तान के मानवीय अधिकार मामले के प्रभारी अंसार बर्नी ने दलबीर कौर को ब्लड मनी अदा करके सर्बजीत की रिहाई की पेशकश की थी, जिसे दबा दिया गया। एमपी सिंह गोराया ने दलबीर कौर द्वारा 25 करोड़ रुपये की लागत से सर्बजीत पर फिल्म बनाने पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआइ जांच करवाई जाए व इसके फैसले के बाद ही फिल्म बनाने की इजाजत दी जाए।


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