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सावधान! ऑक्सीजन लेवल चेक करने वाला एप डाउनलोड करवा फिंगर प्रिंट चोरी कर सकते हैं साइबर अपराधी

पुलिस के साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार जब आप आक्सीमीटर एप को डाउनलोड करते हैं तो साइबर अपराधी आप से कैमरा गैलरी मैसेज कॉल लॉग आदि का भी एक्सेस ले लेते हैं। फिर इनका दुरुपयोग करते हैं। इसलिए एक्सेस न दें और पहले एप को प्ले स्टोर में चेक करें।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 02:02 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 02:02 PM (IST)
सावधान! ऑक्सीजन लेवल चेक करने वाला एप डाउनलोड करवा फिंगर प्रिंट चोरी कर सकते हैं साइबर अपराधी
जालंधर पुलिस कमिश्नरेट व देहात पुलिस के साइबर सेल ने लोगों को साइबर अपराधियों से बचने की सलाह दी है।

जालंधर [मनीष शर्मा] कोरोना वायरस की घबराहट में शरीर में ऑक्सीजन लेवल चेक करने के लिए अगर आपने मोबाइल में ऑक्सीमीटर एप डाउनलोड किया है तो सावधान हो जाएं। साइबर ठग आपके फिंगर प्रिंट चोरी करके उसका दुरुपयोग कर सकते हैं। यह चेतावनी जालंधर पुलिस कमिश्नरेट व देहात पुलिस के साइबर सेल ने दी है।

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असल में लोगों में कोविड-19 यानि कोरोना वायरस का डर देख साइबर क्रिमिनल्स ने ऐसे एप बना लिए हैं। लोगों को और डराकर एप को आसानी से डाउनलोड कराया जा सके, इसके लिए बकायदा वाट्सएप के जरिए भी लिंक भेजे जा रहे हैं। लोग अनजाने में ही इसे डाउनलोड कर रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट इसकी जगह पर मोबाइल के अंदर पहले से बने हेल्थ एप को इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं।

पुलिस के साइबर एक्सपर्ट्स की मानें तो जब भी आप इस एप को डाउनलोड करते हैं तो वह आपसे कैमरा, गैलरी, मैसेज, कॉल लॉग आदि का भी एक्सेस ले लेते हैं। इससे गैलरी में पड़ी फोटो व वीडियो के साथ आपके कॉल रिकॉर्ड और मैसेज व खासकर बैंक या अन्य कैश ट्रांजेक्शन के बारे में हैकर्स पता लगा लेते हैं। इसके अलावा जब आप ऑक्सीजन लेवल नापने के लिए इसमें अपना फिंगर प्रिंट देते हैं तो उससे ऑक्सीजन स्तर का तो पता नहीं लेकिन फिंगर प्रिंट रिकॉर्ड किया जा सकता है। फिर उसका इस्तेमाल आपके फिंगर प्रिंट के जरिए लॉक किए ई-वॉलेट व अन्य महत्वपूर्ण पासवर्ड साइबर क्रिमिनल क्रैक कर सकते हैं। इसके अलावा आपके फिंगर प्रिंट के जरिए आपके अकाउंट्स के वैकल्पिक यानि ऑल्टरनेट पासवर्ड भी तैयार किया जा सकता है।

एप डाउनलोड करने से पहले प्ले स्टोर से वेरिफाई करें

एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर आपको कोई ऐसा एप डाउनलोड भी करना है तो पहले उसके बारे में प्ले स्टोर से सारी चीजें वेरीफाई जरूर कर लें। जिसमें उसकी रेटिंग, डाउनलोडिंग, रिव्यूज आदि जरूर देख लें, इससे उसके असली या नकली होने का पता चल जाएगा। खास बात यह भी है कि अगर हमें किसी एप से अपना अॉक्सीजन लेवल देखना है तो फिर उसमें कैमरा, एसएमएस या कॉल रिकॉर्ड जैसी चीजों की जरूरत नहीं होती। अगर उसे इंस्टाल करते वक्त इनकी परमिशन मांगी जाती है तो यह एक्सेस कतई न दें। हाल ही में केंद्र सरकार ने भी इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर लोगों काे सचेत किया था।


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