कर्फ्यू इफैक्ट: वीरान पड़े रेलवे स्टेशन तो चूहों ने भी बदला ठिकाना, घरों में घुस मचा रहे आतंक
रेलवे स्टेशन पर अक्सर नजर आने वाले चूहों ने भी खाना नहीं मिलने के कारण अपना ठिकाना बदल लिया है। यह अब लोगों के घरों में आतंक मचा रहे हैं।
जालंधर [अंकित शर्मा]। ट्रेनों का संचालन न होने से इन दिनों रेलवे स्टेशन पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां अक्सर नजर आने वाले चूहों ने भी खाना नहीं मिलने के कारण अपना ठिकाना बदल लिया है। यह चूहे रेलवे के लिए सिरदर्द होते थे। अब अपनेआप ही ये भागने लगे हैैं। इससे रेलवे की परेशानी तो कम हो सकती है, लेकिन आसपास के मोहल्लों में रहने वालों की दिक्कत जरूर बढ़ रही है।
भोजन की तलाश में इन चूहों ने स्टेशन के आसपास की कालोनियों का रुख कर लिया है। स्टेशन से सटी काजी मंडी, मद्रासी मोहल्ला, संतोषी नगर सहित आसपास की कॉलोनियों के लोग अब घरों में चूहों को मारने व पकडऩे के लिए लोहे की कड़क्कियां (पिंजरे) लगा रहे हैैं। लोगों ने कहा कि एक सप्ताह में लगभग 15 से 20 चूहों को कड़क्की लगाकर पकड़ा जा रहा है। चूहे भूखे होने के कारण आपस में भी लड़कर मर रहे हैं।
यह हालात केवल जालंधर के ही नहीं पूरे राज्य व सभी डिवीजनों के अधीन आते स्टेशनों से सटी कालोनियों में बन गए हैं। काजी मोहल्ला के सुरेश कहते हैं कि उनके पड़ोस में स्टेशन की दीवार लगती है। इन दिनों चूहे रोजाना उनके घर में घुसकर बैग व कपड़ों आदि को नुकसान पहुंचा रहे हैंं। वहीं संतोषी नगर के राकेश कहते हैं चूहों का आतंक इतना बढ़ गया है कि घर पर दो-तीन जगहों पर ट्रैप लगा रहे हैं। यह चूहे आम चूहों के मुकाबले बड़े हैं।
चूहे मारने के लिए 2017 में मिली थी ट्रेनिंग
चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर मनोज कुमार कहते हैं कि वर्ष 2017 में पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से जीव विज्ञान विभाग के माहिरों ने रेलवे स्टेशन पर डेमो देकर चूहे मारने का तरीका बताया था। उन्होंने बताया था कि एक किलोग्राम गेहूं, 20 ग्राम तेल, 20 ग्राम चीनी पाउडर व 25 ग्राम जिंक फॉस्फेट का मिश्रण तैयार कर चूहों की बिलों में डालें। इससे स्टेशनों के चूहे मर गए थे। आज भी इसी तरह स्टेशन पर चूहे मारे जाते हैं।
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