सिम स्वैप कर बैंक खाते से निकाल लिए साढ़े 17 लाख रुपये, आप न हो जाएं शिकार, एेसे रहें सावधान
SIM Swap Fraud Jalandhar नाईजीरिया के साइबर अपराधियों ने शहर के एक व्यक्ति का सिम स्वैप कर उनके खाते से बड़ी रकम उड़ाई दी है।
जालंधर [मनीष शर्मा]। अगर आपके मोबाइल पर अचानक इमरजेंसी कॉल ओनली लिखा आ रहा है और नेटवर्क उड़ गया है तो इसे नजरअंदाज ना करें, हो सकता है कि आपका सिम कार्ड किसी ने स्वैप कर लिया हो। ऐसा ही मामला जालंधर देहात पुलिस के पास आया है, जहां सिम स्वैप करके एक व्यक्ति के खाते से साढे 17 लाख रुपए निकाल लिए गए। खास बात यह है कि जब यह ट्रांजेक्शन नाइजीरिया के आईपी से होते हुए देखी तो बैंक ने कस्टमर का खाता ब्लॉक कर दिया। इसके बाद पूरे मामले का राज खुला।
जालंधर देहात के एसपी रवि कुमार को शिकायतकर्ता ने बताया कि रविवार को उनके मोबाइल में अचानक नेटवर्क उड़ गया और सिर्फ इमरजेंसी कॉल ओनली लिखा आने लगा। उन्हें लगा कि शायद नेटवर्क में कोई खराबी होगी और उन्होंने सिम को निकालकर दोबारा मोबाइल में डाला, लेकिन नेटवर्क नहीं आया। उन्हें लगा कि सिम में कोई दिक्कत आ गई है लेकिन उस दिन रविवार था, इसलिए उन्होंने सोचा कि इसे सोमवार को बदलवा लेंगे। जब उन्होंने नेट बैंकिंग के जरिए फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन करने की कोशिश की तो वह ब्लॉक दिखा रहा था।
उन्होंने बैंक में पता किया तो उन्हें टोल फ्री नंबर पर बात करने को कहा गया। तब बैंक वालों ने बताया कि कुछ लोग नाइजीरिया से उनके अकाउंट को इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे थे, इसकी वजह से उनके अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया। अगले दिन वह बैंक गए तो पता चला कि उनके खाते से पैसे निकाले गए हैं।
क्या है सिम स्वैप फ्रॉड
जालंधर रूरल पुलिस के एसपी हेडक्वार्टर रवि कुमार बताते हैं कि इसमें किसी एक व्यक्ति का सिम दूसरे मोबाइल पर चलने लगता है और उनके बैंक से आने वाले ओटीपी आदि उस ठग को जाने लगते हैं और वह उसका इस्तेमाल कर बैंक खाते से पैसे निकालने के साथ दूसरों को धमकाने, फिरौती मांगने जैसे कई गलत काम कर सकता है।
SP रवि कुमार सिम स्वैप फ्रॉड के बारे में जानकारी देते हुए।
कैसे होता है सिम स्वैप फ्रॉड
एसपी रवि कुमार बताते हैं कि इसमें 4 स्टेप होते हैं। जिसमें पहले ठगी करने वाला आपके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाता है और इसके लिए आपके सोशल मीडिया अकाउंट का भी इस्तेमाल करता है। फिर धोखा करने वाला आपके जाली दस्तावेज लेकर मोबाइल कंपनी के पास जाता है और असली कस्टमर की तरह क्लेम कर सिम को स्वैप करा लेता है। इसमें मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर ठग को असली कस्टमर समझकर सिम को स्वैप कर देता है। इसके बाद ठग के मोबाइल पर आपके ओटीपी जाने लगते हैं क्योंकि आपका नंबर अब उसके पास चलने लगता है।
सिम स्वैप हुआ तो यह है संकेत
एसपी रवि कुमार के मुताबिक इसका सबसे बड़ा संकेत मोबाइल से नेटवर्क का गायब हो जाना है। इसके बाद हम किसी को कॉल या मैसेज नहीं कर पाते। इसका दूसरा संकेत ईमेल पर फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की ईमेल आनी है। इस तरह पता चल जाता है कि हमारा सिम स्वैप हुआ है या नहीं।
सिम स्वैप हुआ है तो ये कदम उठाएं
एसपी रवि कुमार के मुताबिक अगर आपको लगता है कि आपका सिम स्वैप हो गया है तो आपको तुरंत अपने मोबाइल कंपनी के साथ संपर्क करना चाहिए और नंबर को तुरंत बंद करवाना चाहिए। आप जितनी देर करेंगे, आपको उतना बड़ा नुकसान होगा। इसके अलावा तुरंत अपने अकाउंट की स्थिति चेक करें कि कहीं ठग ने आपके अकाउंट से पैसे तो नहीं निकाल लिए हैं। वहीं, अपने सभी सेंसिटिव अकाउंट का पासवर्ड और खासकर बैंक से जुड़े पासवर्ड को तुरंत बदल लें।
सिम स्वैप से कैसे बचें
एसपी रवि कुमार के मुताबिक सिम के पीछे लिखे नंबर को किसी के साथ भी साझा ना करें। अगर आप एक ऑपरेटर से दूसरे में नंबर पोर्ट करवा रहे हैं तो अपना पोर्टिंग कोड भी किसी को ना बताएं। अगर आप किसी अनजान आदमी को वह कोड बता देते हैं तो वह बड़े आराम से आपके नाम वाला सिम ले सकता है। सिम स्वैप होने से पहले आपको मोबाइल कंपनी ऑपरेटर से एक वार्निंग मैसेज आ सकता है, अगर आपको ऐसा कोई मैसेज दिखे तो उसे नजरअंदाज ना करें और अपने मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को तुरंत कांटेक्ट कर इसके बारे में पता करें।
क्यों है सिम स्वैप की सुविधा
असल में सिम स्वैप की सुविधा कंपनियां ही देती हैं। जैसे अगर आप अपना मोबाइल खो देते हैं, उस समय आप मोबाइल कंपनी के पास जाकर नया सिम ले लेते हैं। वहीं, जब हम एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में अपना मोबाइल नंबर पोर्ट करवाते हैं। इसके अलावा अगर सिम टूट गया हो तो हम उसे पुराने सिम को नए सिम से रिप्लेस करवा लेते हैं। वहीं अगर हम अपने सिम साइज को चेंज करना चाहे तो भी हम माइक्रो से मिनी या फिर मिनी से माइक्रो सिम लेते हैं इसी का मिसयूज धोखाधड़ी करने वाले करते हैं।