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सावधान! सामान खरीदने के बाद बंद बैंक खातों के चेक देकर दुकानदारों को ठग रहे शातिर

ठग सामान लेकर पेमेंट के नाम पर बंद पड़े बैंक खाते का चेक देकर रफूचक्कर हो जाते हैं। दुकानदार को ठगी का पता तब चलता है जब चेक कैश करने के लिए बैंक में लगाया जाता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 01:21 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 01:21 PM (IST)
सावधान! सामान खरीदने के बाद बंद बैंक खातों के चेक देकर दुकानदारों को ठग रहे शातिर
सावधान! सामान खरीदने के बाद बंद बैंक खातों के चेक देकर दुकानदारों को ठग रहे शातिर

जालंधर [मनीष शर्मा]। अगर आप दुकानदार हैं तो सावधान हो जाइए। शहर में ठगों का ऐसा गिरोह सक्रिय है जो नए तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहा है। ठग सामान लेकर पेमेंट के नाम पर बंद पड़े बैंक खाते का चेक देकर रफूचक्कर हो जाते हैं। दुकानदार को ठगी का पता तब चलता है जब चेक कैश करने के लिए बैंक में लगाया जाता है। एक जगह से ठगी के बाद ये तुरंत उस इलाके को छोड़कर दूसरे एरिया में निकल जाते हैं। अब इन ठगों व उनके तरीके के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी लिया जा रहा है। मॉडल टाउन के जसकरन सिंह ने एक फेसबुक ग्रुप पर डालकर इसे उजागर किया।

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'मैंने ओएलएक्स पर आलमारी बेचने के लिए एड डाली थी। वहां 9,800 रुपये में सौदा तय होने के बाद एक युवती घर आई। उसने कहा कि उसके पास अभी कैश नहीं है। इसके बाद वह चेक देकर आलमारी ले गई। साथ ही उसने कहा कि अगर उसके पास कैश आ गया तो वह पैसे देकर चेक ले जाएगी। वो डेढ़ महीने बाद नहीं आई तो मैंने चेक बैंक में लगाया। पता चला कि यह बैंक खाता तो बंद पड़ा है। इसके बाद उसके द्वारा दिए पते पर गए तो मालूम हुआ कि वह कमरा खाली कर जा चुकी है।
-जसकरन सिंह, मॉडल टाउन।

जान-पहचान बढ़ाकर एक युवती ने मुझसे मां के ऑपरेशन के नाम पर पैसे ले लिए। इसके बदले में चेक दे दिए कि अगर वो कैश न लौटा सकी तो बैंक में लगा पैसे ले लेना। इसके बाद न तो उसका फोन आया और न ही वह पैसे देने आई। मैंने चेक बैंक में लगाए तो पता चला कि खाता तो बंद पड़ा है। अब इसके खिलाफ कोर्ट में केस कर चुका हूं। उसने बीमा एजेंट बनकर भी लोगों से पैसे लेकर जाली रसीदें दीं और पोल खुली तो लोगों को चेक दे दिए पर संबंधित बैंक खातें बंद हैं।

-बैंक कर्मचारी (पहचान नहीं बताना चाहते)।

मुझसे जान-पहचान निकालकर विदेश जाने की फाइल लगी होने के बहाने पैसे ले लिए। महिला खुद को बैंक कर्मी बता रही थी, इसलिए मैंने भरोसा भी कर लिया। इसके बाद न तो वो बाहर गई और न ही पैसे लौटाए। मैंने पैसे मांगे तो वो बहानेबाजी करती रही और फिर मुझे चेक दे दिया। जब मैंने चेक बैंक में लगाया तो पता चला कि अकाउंट बंद है।
-करन पुरी, न्यू ग्रीन मॉडल टाउन।

युवती ने जस्ट डायल से शॉप का नंबर लिया और फोन पर बात कर अगले दिन 26 सितंबर को 43,400 रुपये के तीन मोबाइल खरीदे। इसके बदले में वह 28 सितंबर का चेक दे गई। 27 सितंबर को वो फिर आई और एक और मोबाइल ले गई। इसके बदले भी चेक दे दिया। उसने चेक उस अकाउंट का दिया, जिसमें मिनिमम एक लाख बैलेंस रखना पड़ता है। इसलिए हमने यकीन कर मोबाइल दे दिए। बाद में चेक बाउंस हो गए। जब उसे फोन किया तो वह मां के डीएमसी अस्पताल में भर्ती होने की बात कहकर टालती रही। मैंने थाना भार्गव कैंप में शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
-आदित्य, वडाला चौक

ठगी के यह भी हैं तरीके

  • फर्जी वेबसाइट बनाकर इनकम टैक्स भरने पर रिबेट का लालच दिया जाता है। लोग जब इसके माध्यम से टैक्स भरते हैं तो सारी जानकारी ले ली जाती है और बाद में बैंक अकाउंट से पैसा साफ कर दिया जाता है।
  • फर्जी बैंक अधिकारी बन एटीएम कार्ड खराब, पुराना या फिर ब्लॉक होने की बात कह लोगों से कार्ड नंबर, उसका सीवीवी कोड लिया जाता है। फिर ठग उससे कैश निकलवाने की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं।
  • सिम कार्ड खराब या ब्लॉक होने की बात कह एक नंबर पर एसएमएस करने को कहा जाता है। जैसे ही एसएमएस हुआ तो सिम कार्ड ब्लॉक कर देते हैं और उस नंबर का नया सिम निकलवा बैंक से पैसे निकलवा लेते हैं।
  • ईमेल भेजकर करोड़ों की लॉटरी लगने इनाम निकलने, करोड़ों का दान दिए जाने जैसे लालच दिया जाता। जब लोग उस पर संपर्क करते तो उनसे कुछ पैसे अपने खाते में जमा करवा लेते हैं।
  • ओएलएक्स, क्विकर जैसी वेबसाइट पर सस्ते रेट पर मोबाइल या अन्य कोई कीमती चीज की एड डालते हैं। इसके बाद सौदा तय होने पर खरीददार को पैसे लेकर किसी सुनसान जगह पर बुलाते हैं। वहां पर वे उससे पैसे लूट लेते हैं और फरार हो जाते हैं।
  • ऑनलाइन शॉपिंग में डिस्काउंट के बहाने फर्जी वेबसाइट पर बैंक डिटेल्स भरवाई जाती है। उसे भरते ही ठग खाते से पैसा उड़ा लेते हैं।
  • महंगा गिफ्ट देने के बहाने भी ठगी की जा रही है। सोशल मीडिया पर दोस्ती गांठ गिफ्ट देने के लिए कस्टम ड्यूटी या अन्य जरूरी टैक्स चुकाने के बहाने पैसा मांगा जाता है। पैसे मिलते ही ठग गायब हो जाते हैं।
  • ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से मिलती-जुलती वेबसाइट बना कम रेट पर चीजें दिखाई जाती हैं। मजबूरी ये रखी जाती है कि चीज सस्ती तभी मिलेगी, जब पेमेंट पहले हो। ऑनलाइन पेमेंट करते ही ऐसी वेबसाइट गायब हो जाती हैं।

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