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पुलिस ने चुंबक से खंगाला थाने की जमीन का चप्पा-चप्पा

मकसूदां थाने में बम ब्लास्ट मामले में फॉरेंसिक और एनएसजी के बम निरोधक दस्ते की जांच के बाद अब तक पुलिस किसी नतीजे तक नहीं पहुंची है। न ही यह सुराग लगा है कि विस्फोटक किस पदार्थ से किए गए थे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 07:47 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 07:47 PM (IST)
पुलिस ने चुंबक से खंगाला थाने की जमीन का चप्पा-चप्पा
पुलिस ने चुंबक से खंगाला थाने की जमीन का चप्पा-चप्पा

जागरण संवाददाता, जालंधर : मकसूदां थाने में बम ब्लास्ट मामले में फॉरेंसिक और एनएसजी के बम निरोधक दस्ते की जांच के बाद अब तक पुलिस किसी नतीजे तक नहीं पहुंची है। न ही यह सुराग लगा है कि विस्फोटक किस पदार्थ से किए गए थे।

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शुक्रवार दोपहर एडिश्नल डीसीपी हैडक्वार्टर व सिक्योरिटी सचिन गुप्ता पुलिस अधिकारियों के साथ मकसूदां थाने पहुंचे। पुलिस कर्मचारियों ने चुंबक से थाने का चप्पा चप्पा खंगाला। जहां विस्फोट किए गए थे, थाने के उन हिस्सों और उसके आस-पास के जमीनी क्षेत्र की चुबंक से जांच की गई। चुंबक का इसलिए प्रयोग किया गया कि हो सकता है विस्फोटक पदार्थ के अंश मिल सके।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार चुबंक का इस्तेमाल जांच के लिए इसलिए किया जा रहा है ताकि विस्फोट के बाद बमों से निकल कर थाने के अंदर जमीन पर बिखरे तत्व चुंबक से चिपक कर जांच के लिए इकट्ठा किया जा सके। हालांकि चुंबक से थाने की जमीन पर से लौह तत्व इक्टठे हो पाए या नहीं इस बारे में पुलिस अधिकारियों ने कुछ भी बताने से मना कर दिया। विस्फोट के समय थाने में मौजूद एक एक पुलिस कर्मी से की पूछताछ

शुक्रवार दोपहर को एडिश्नल डीसीपी हैडक्वार्टर एवं सिक्योरिटी सचिन गुप्ता ने मकसूदां थाने में उन सभी पुलिस कर्मचारियों से एक-एक कर पूछताछ की, जो कि बम विस्फोट के समय थाने के अंदर मौजूद थे। बता दें कि जांच एजेंसियां इस थ्यूरी पर भी काम कर रही हैं कि बम ब्लास्ट मामले में थाने के किसी कर्मचारी की भी मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। हो सकता है कि थाने के अंदर बम फैंकने वालों को कोई कर्मी थाने के अंदर से ही इनपुट दे रहा था। थाने के अंदर विस्फोट के समय की टाइ¨मग पर जांच एजेंसियां सवाल उठा रही हैं। थाने में विस्फोट उस समय किया गया, जब थाने के एसएचओ रमनदीप थाने के मुलाजिमों की अपने दफ्तर में बैठक ले रहे थे। संतरी भी पोस्ट पर मौजूद नहीं था। थाने के अंदर चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे लेकिन डीवीआर खराब थी, जिस कारण सीसीटीवी की रिकार्डिग नहीं चल रही थी। डीवीआर खराब होने के बारे में केवल थाने के कर्मचारी ही जानते थे। मामले की जांच में जुटी खुफिया एजंसियों उक्त सारे तथ्यों को आधार बना कर भी जांच कर रही हैं।


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