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संगत ने नम आंखों से दी बाबा को अंतिम विदाई

बाबा बालक नाथ के हजारों अनुयाइयों की उपस्थिति में करतारपुर के शिवपुरी श्मशानघाट में बाबा बालक नाथ के गद्दीनशीन बाबा बलवीर गिरी का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 07:14 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 07:14 PM (IST)
संगत ने नम आंखों से दी बाबा को अंतिम विदाई
संगत ने नम आंखों से दी बाबा को अंतिम विदाई

दीपक कुमार, करतारपुर

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बाबा बालक नाथ के हजारों अनुयाइयों की उपस्थिति में करतारपुर के शिवपुरी श्मशानघाट में बाबा बालक नाथ के गद्दीनशीन बाबा बलवीर गिरी का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुबह से ही राज्य भर के बाबा बालक नाथ मंदिर डेरों से संबंधित संत-महापुरुष व संगत करतारपुर में पहुंचना शुरू हो गए थे। दोपहर 11.30 बजे मोहल्ला खटीकां से बाबा बलवीर गिरि की शवयात्रा शिवपुरी के श्मशानघाट के लिए रवाना हुई। उनकी शव यात्रा में शामिल होने को हजारों संगत साथ जुड़ गई। भक्तों की आस्था व भारी जनसैलाब के चलते पुलिस ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए थे। घर से लेकर श्मशानघाट तक पुलिस कर्मी तैनात थे। संगत बाबा बालक नाथ के भजन गाती हुई आगे बढ़ रही थी।

दोपहर 12 बजे शवयात्रा श्मशानघाट पहुंची। संस्कार से पहले रीति रिवाज व रस्में पूरी की गई। संत-महापुरुषों व संगत ने बाबा बालक नाथ जी के भजन गाए तो सारा परिवार बाबा के गले लगकर चीख-चीख कर रोने लगा। संगत ने परिवार को ढांढस बंधाया और शव से दूर ले जाने के बाद बाबा जी का अंतिम संस्कार किया गया। शादी के लिए जोड़ी राशि व कमेटी की राशि ले गया विक्की : सागर

बाबा बलवीर गिरि के अंतिम संस्कार के मौके पर पहुंची संगत के सामने डीएसपी रंजीत सिंह को दिए बयान में बाबा के बेटे सागर ने बताया कि फरवरी 2019 को उसकी अंगेजमेंट हुई थी। उस समय पिता बलवीर गिरि ने कहा था कि उसकी शादी के लिए उन्होंने करीब 3.30 लाख रुपये व गहने जोड़ रखे हैं, इसके अलावा उनके पास कुछ नहीं है। इसके अलावा उसने (सागर) ने भी कमेटी के तीस हजार रुपये अलमारी में रखे थे, जोकि गायब हैं। मौके पर मौजूद लोगों का अनुमान है कि हो सकता है कि विक्की रात को उनके घर ही सोया था। विक्की अलमारी से पैसे चुराने लगा हो तो बाबा की आंख खुलने पर उसने खुद को फंसा देख उन्हें मौत के घाट उतार दिया होगा। दूर-दूर से अनुयाई अफसोस जताने पहुंचे

बाबा की हत्या की खबर जैसे ही राज्य भर में फैली तो दूर-दूर से बाबा बलवीर गिरि के अनुयाई उनके घर पहुंचे और परिवार से दुख जताया। बाबा के अंतिम संस्कार के बाद भी दूर-दूर से अनुयाई बाबा के घर अफसोस प्रकट करने पहुंच रहे थे।


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