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रिटायर्ड मेजर जनरल की दोहती को अगवा कर एक करोड़ की फिरौती मांगने वाले दंपती को उम्रकैद

जालंधर में रिटायर्ड मेजर जनरल की दोहती का अपहरण करके एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगने वाले दंपती को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 10:32 AM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 10:32 AM (IST)
रिटायर्ड मेजर जनरल की दोहती को अगवा कर एक करोड़ की फिरौती मांगने वाले दंपती को उम्रकैद
रिटायर्ड मेजर जनरल की दोहती को अगवा कर एक करोड़ की फिरौती मांगने वाले दंपती को उम्रकैद

संवाद सहयोगी, जालंधर : रणजीत एन्क्लेव, दीप नगर निवासी रिटायर्ड मेजर जनरल हरिंदर सिंह की दोहती का अपहरण करके एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगने वाले डिफेंस कालोनी निवासी फर्नीचर व्यापारी सतबीर सिंह और उनकी पत्नी मेघना को आजीवन कारावास भुगतना पड़ेगा। यह सजा अतिरिक्त जिला एवं सेशन जज गुरमोहन सिंह की अदालत में आरोप साबित होने पर सुनाई गई है। इसके अलावा उन पर 22 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने पर छह महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

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24 फरवरी 2014 को हरिंदर सिंह ने थाना सदर में शिकायत दी थी कि उनकी बेटी लवप्रीत कौर पत्नी मेजर सुखजीत सिंह उनके साथ रहती थी। उनकी साढ़े चार साल की दोहती दीया कैंट स्कूल में पढ़ती है। शाम के समय कालोनी में ही डांस क्लास में डांस सीखती थी। 24-2-14 को वह शाम को करीब साढ़े छह बजे डांस क्लास से लौटी। वह घर के बाहर सहेली गुणदास के साथ खेल रही थी। इस दौरान सफेद रंग की ऑल्टो कार आई जिसमें एक महिला व पुरुष मुंह पर कपड़ा बांधकर बैठे थे। वे उनकी दोहती का अपहरण कर ले गए थे।

सूचना मिलते ही तत्कालीन एसएसपी ईश्वर सिंह दल-बल सहित खुद मौके पर पहुंचे। पूरी रात सर्च की गई लेकिन बच्ची का कुछ पता नहीं चला। अगले दिन बच्ची की तलाश की जा रही थी तो वह पास ही एक खाली प्लाट में बोरे में लिपटी हुई मिली। पुलिस ने जांच के बाद सतबीर सिंह चिंटू और उसकी पत्नी मेघना को गिरफ्तार कर लिया था। जांच में सामने आया था कि मेघना का हरिंदर सिंह के घर पर आना जाना था। उसे पता था कि परिवार की इकलौती दोहती दीया है और सभी उसे बेहद प्यार करते हैं। वह यह भी जानती थी कि परिवार अपनी दोहती के लिए बड़ी से बड़ी रकम आसानी से दे सकता है। ऐसे में उन्होंने अपहरण की योजना बना कर बच्ची को उठा तो लिया लेकिन 24 घंटे में ही पुलिस की इतनी सख्ती देखकर बच्ची को देर रात ही खाली प्लाट में फेंक गए थे।

सारी रात ठंड में सिकुड़ती रही दीया, अदालत ने माना संगीन अपराध

दीया को फरवरी की सर्द रात में ही सतबीर और मेघना बोरी में डालकर खाली प्लाट में फेंक गए थे। पूरी रात बच्ची ठिठुरती रही। यहां तक कि कुत्ते भी बोरी के आसपास घूम रहे थे। सुबह जब सैर कर रहे लोगों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी थी तो उस वक्त भी कुछ कुत्ते बोरी को खोलने का प्रयास कर रहे थे। लोगों ने जब बोरी खोली तो उसमें से बच्ची मिली और उसे चोटें भी लगी हुई थी। ऐसे में अदालत ने इसे संगीन अपराध मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

व्यापार में घाटा पड़ा, लोन नहीं चुका पाया तो किया था अपहरण

सतबीर सिंह ने मेघना के साथ लव मैरिज की थी। फर्नीचर व्यापारी सतबीर के परिजन शादी के लिए राजी नहीं थे। शादी के बाद सतबीर ने घर लोन पर लिया, बाकी सामान भी लोन पर ले लिया लेकिन काम नहीं चला तो लोन उतारने में तंगी आने लगी। दोनों पति पत्नी में क्लेश भी रहने लगा था। ऐसे में सतबीर और मेघना ने रिटायर्ड मेजर जनरल की दोहती के अपहरण की योजना बना डाली।

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