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सफाई व्यवस्था से नाराज कांग्रेस पार्षद सतिंदरजीत खालसा का हेल्थ कमेटी से इस्तीफा, मीटिंग छोड़ कर गई

शहर में सफाई व्यवस्था और सफाई सेवकों के बंटवारे में भेदभाव को लेकर नगर निगम की हेल्थ एंड सेनिटेशन एडहाक कमेटी की मेंबर पार्षद सतिंदरजीत कौर खालसा ने कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सतिंदरजीत कौर खालसा ने कमेटी के चेयरमैन बलराज ठाकुर को इस्तीफा सौंप दिया।

By Edited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 05:40 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 05:40 AM (IST)
सफाई व्यवस्था से नाराज कांग्रेस पार्षद सतिंदरजीत खालसा का हेल्थ कमेटी से इस्तीफा, मीटिंग छोड़ कर गई
कांग्रेस पार्षद ने अपने वार्ड 71 में लगाए गए सभी 12 सफाई सेवकों को लौटाने की भी घोषणा की।

जालंधर, जेएनएन। शहर में सफाई व्यवस्था और सफाई सेवकों के बंटवारे में भेदभाव को लेकर नगर निगम की हेल्थ एंड सेनिटेशन एडहाक कमेटी की मेंबर पार्षद सतिंदरजीत कौर खालसा ने कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। शुक्रवार को एडहाक कमेटी की मीटिंग के दौरान सतिंदरजीत कौर खालसा ने कमेटी के चेयरमैन बलराज ठाकुर को इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही कांग्रेस पार्षद ने अपने वार्ड 71 में लगाए गए सभी 12 सफाई सेवकों को लौटाने की भी घोषणा की।

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वह बीच मीटिंग से पति प्रीत खालसा के साथ बाहर चली गई। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि एडहाक कमेटी की जिम्मेवारी शहर में सफाई व्यवस्था को बेहतर करना है। कूड़ा उठाने के लिए रेहड़ी, ट्रैक्टर-ट्राली और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर बार मीटिंग में यह तय किया जाता है कि इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर जोर रहेगा और सभी वार्डो में सफाई सेवकों का बंटवारा भी ठीक होगा, लेकिन ढाई साल बाद भी नगर निगम इस पर काम नहीं कर पाया है।

इस बारे में मेयर, कमिश्नर, कमेटी चेयरमैन और अफसरों से कई बार बात की गई, लेकिन किसी ने भी गौर नहीं किया। 31 जुलाई को इसको लेकर अल्टीमेटम भी दिया था कि 10 दिन में उनकी मांगें पूरी न हुई तो वह इस्तीफा दे देंगी। दो महीने से ज्यादा का समय दिया, लेकिन कोई हल नहीं निकला तो इस्तीफे के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं है। पार्षद ने आरोप लगाया कि कमेटी के गठन से पहले भी वह नगर निगम के हेल्थ अफसरों को यह शिकायत देती रही हैं कि उनके वार्ड में सफाई सेवक कम हैं। कूड़ा उठाने का पूरा प्रबंध नहीं है, बावजूद किसी भी अफसर ने सुनवाई नहीं की।

खालसा ने बताया कि उनके वार्ड में 37 मोहल्ले हैं। इसके लिए 80 से 90 सफाई सेवकों की जरूरत है, जबकि निगम ने सिर्फ 12 सफाई सेवक ही उपलब्ध करवाए हैं। इनमें से भी 8 से 10 मुलाजिम ही काम पर आते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह अपने वार्ड में ही मूलभूत सुविधाएं देने में सफल नहीं हो पा रही हैं तो पूरे शहर में यह जिम्मेवारी कैसे निभाएंगी? इसलिए वह कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं। हालांकि चेयरमैन बलराज ठाकुर ने इस मुद्दे पर उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी।

इस्तीफा स्वीकार नहीं, मेयर से करूंगा बात : चेयरमैन

हेल्थ एडहाक कमेटी के चेयरमैन बलराज ठाकुर ने कहा कि स¨तदरजीत कौर खालसा ने अचानक इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा स्वीकार नहीं है। खालसा के वार्ड में 90 सफाई सेवकों की जरूरत है। कूड़े की लिफ्टिंग के लिए भी ट्रैक्टर-ट्राली व रेहड़े चाहिए। इस पर मेयर से बात करूंगा। नई भर्ती की जरूरत है, तभी समस्याएं हल हो पाएंगी। माडल टाउन, लाडोवाली रोड समेत 10 रोड साइड डंप खत्म होंगे पार्षद जगदीश समराय ने मीटिंग में सुझाव दिया कि शहर में मेन सड़कों पर बने सभी कूड़े के डंप खत्म किए जाएं।

माडल टाउन, फिश मार्केट, जोशी अस्पताल रोड, काकी पिंड, लाडोवाली रोड, चौगिट्टी, खालसा स्कूल समेत करीब 10 डंप खत्म किए जाने चाहिए। जहां पास-पास डंप है, वहां दो डंपों के बजाय एक ही डंप रहना चाहिए। चेयरमैन बलराज ठाकुर ने कहा कि डंप को कम करने की प्लानिंग पर काम तेज किया जाएगा।

ट्रैक्टर ट्रालियों का कंट्रोल पार्षदों के हाथ हो : सुच्चा सिंह

पार्षद सुच्चा सिंह ने मांग की कि शहर में कूड़ा उठाने के लिए हायर की गई 24 ट्रैक्टर ट्रालियों की गिनती बढ़ा कर 48 की जाए। इनका सही इस्तेमाल तभी होगा, जब इनका कंट्रोल पार्षदों के हाथ होगा। कहा कि पार्षद बेहतर जानते हैं कि किस इलाके से कूड़ा उठाना है। उन्होंने यह मांग भी की कि किसी वार्ड से सुपरवाइजर या सफाई सेवक को हटाने से पहले पार्षद से बात जरूर की जाए।

मीटिंग में इन मुद्दों पर हुई चर्चा - 'मेरा कूड़ा मेरी जिम्मेवारी' मुहिम को सराहा गया। इसे आगे बढ़ाने का फैसला हुआ।

- मृत पशुओं के निपटारे के लिए प्रोजेक्ट लाएंगे।

- नारियल की बढ़ती बिक्री को देखते हुए छिलकों के निपटारे के लिए प्लांट लगाएंगे।

- ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अलग इंतजाम होगा।

- कूड़ा उठाने वालों को हार्न या सीटी दी जाएगी।

- कूड़ा उठाने वाले रेहड़ों पर आडियो सिस्टम लगाकर अगले साल 31 जनवरी तक जागरूकता अभियान चलाएंगे - गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग न रखने वाले घरों के बाहर स्टिकर लगाएंगे।

- सफाई सेवकों को दस्ताने व पीपीई किट देंगे।

- बेसहारा पशुओं को गोशाला भेजने का काम तेज होगा।


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