जालंधर में काला संघिया ड्रेन पक्के तौर पर बंद करने की मांग, पार्षद जगदीश ने निगम की ज्वाइंट कमिश्नर को दिया ज्ञापन
पार्षद ने कहा कि ड्रेन के आसपास कई कालोनियां बस चुकी हैं और करीब 35 साल से लोग गंदगी के कारण बीमारियां झेल रहे हैं। ड्रेन को पक्के तौर पर बंद करके यह जगह पर साइकिल ट्रैक और ग्रीनलैंड डेवलप किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। पार्षद जगदीश समराय ने नगर निगम की ज्वाइंट कमिश्नर अनीता दर्शी को ज्ञापन देकर मांग की है कि काला संघिया ड्रेन को पक्के तौर पर बंद किया जाए। पार्षद ने ज्ञापन में कहा है कि स्मार्ट सिटी कंपनी के तहत गंदे नाले को साफ करके सुंदरीकरण का प्रोजेक्ट बनाया गया है लेकिन उसमें ड्रेन को पक्के तौर पर बंद करने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि ड्रेन के आसपास कई कालोनियां बस चुकी हैं और करीब 35 साल से लोग गंदगी के कारण बीमारियां झेल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ड्रेन को पक्के तौर पर बंद करके यह जगह पर साइकिल ट्रैक और ग्रीनलैंड डेवलप किया जा सकता है। इससे लोगों को नए रास्ता मिल जाएगा और बीमारियों से भी मुक्ति मिलेगी। ड्रेन को साफ करने पर हर साल 35 से 40 लाख रुपए खर्च किया जाता है और वह भी बचेगा। उन्होंने कहा कि काला संघिया ड्रेन अब गंदा नाला बन चुका है और इससे बचने के लिए यही एकमात्र जरिया है कि इसे परमानेंट तौर पर बंद कर दिया जाए।
गंदे नाले के सौंदर्यीकरण के लिए नगर निगम ने करीब 3 सप्ताह पहले पौधारोपण अभियान भी शुरू किया था जिसका उद्घाटन पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने किया था। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत गंदे नाले का ड्रोन से सर्वे किया गया है ताकि किस किस इलाके में क्या-क्या काम करना है वह तय किया जा सके। शहर में करीब 13 किलोमीटर की लंबाई वाले गंदे नाले के 7 किलोमीटर इलाके में लोगों के कब्जे हैं जिसे लेकर केस चल रहे हैं। फिलहाल 6 किलोमीटर का एरिया विकसित किया जाएगा।
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