सिविल में खांसी के मरीजों को नहीं मिल रही दवा
से ठिठुरन बढ़ने से नजला जुकाम के साथ खांसी के मरीजों का ग्राफ भी तेजी बढ़ा। मरीजों की संख्या बढ़ी परंतु सरकार सीजनल बीमारियों को लेकर सरकारी अस्पतालों में दवाइयों का स्टाक मुहैया करवाने में नाकाम साबित हो रही है। पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में खांसी की दवा का स्टाक पूरी तरह से खत्म हो चुका है। मरीजों को बाजार से दवा खरीदनी पड़ रही है। मरीजों की जेब कट रही है और निजी कंपनियों की चांदी हो रही है। राज्य सरकार के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवा देने के वायदे भी खोखले साबित हो रहे है। अस्पताल प्रशासन डिमांड सेहत विभाग के वेरका स्थित डिपो में डिमांड भेज कर दवा का इंतजार कर रहा है। वीरवार को सिविल
जागरण संवाददाता, जालंधर : सर्दी बढ़ने के साथ ही सिविल अस्पताल में खांसी-जुकाम के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। लेकिन विभाग सरकारी अस्पतालों में दवाइयों का स्टॉक मुहैया करवाने में नाकाम साबित हो रहा है। अस्पताल में खांसी की दवा का स्टॉक पूरी तरह से खत्म है। मरीजों को बाजार से दवा खरीदनी पड़ रही है। ऐसे में मरीजों की जेब कट रही है और निजी कंपनियों की चांदी हो रही है। राज्य सरकार के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवा देने के वादे खोखले साबित हो रहे हैं। अस्पताल प्रशासन सेहत विभाग के वेरका स्थित डिपो में मांग भेजकर दवा आने का इंतजार कर रहा है।
वीरवार को सिविल अस्पताल में इलाज करवाने आने वालों को खांसी की दवा न मिलने से निराशा झेलनी पड़ी। अस्पताल की फार्मेसी में तैनात स्टाफ ने मरीजों को दवा बाजार से लेने की सलाह दी। सिविल अस्पताल में रोजाना 1200-1500 के करीब लोग ओपीडी में इलाज करवाने आ रहे है। इनमें से मेडिसन व टीबी विभाग में 700 के करीब मरीज नजला, जुकाम, खांसी और बुखार की वजह से इलाज करवाने पहुंच रहे हैं। इन मरीजों में से करीब 525 मरीजों को इन दिनों खांसी की दवा लेने की सलाह दी जा रही है। गरीब मरीज अस्पताल से मुफ्त मिलने वाली दवा पर निर्भर रहते हैं।
सिविल अस्पताल में मेडिसन विभाग के एसएमओ डॉ. कश्मीरी लाल का कहना है कि इन दिनों सर्दी से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की तादाद ज्यादा हैं। हर तीसरे चौथे मरीज को इलाज के लिए खांसी की दवा देने जरूरी है। सिविल अस्पताल में सेहत विभाग की ओर से वेरका स्थित डिपो से दवाइयां सप्लाई होती हैं। गत दिवस दवाइयां लेने के लिए मुलाजिम गए थे परंतु खांसी की दवा नहीं मिली। अस्पताल की ओर से डिपो को मांग भेज दी गई है।
डॉ. मनदीप कौर, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, सिविल अस्पताल मरीजों की कट रही जेब
अस्पताल में इलाज के लिए बस्ती दानिशमंदा से आए मरीज के परिजन मनोहर लाल ने कहा कि पिछले चार दिन से खांसी, जुकाम व बुखार की वजह से परेशान हैं। अस्पताल में दवा लेने गए तो डॉक्टरों ने खांसी की दवा लिख दी। फार्मेसी में तैनात स्टाफ ने स्टॉक में न होने की वजह से दवा बाहर से लेने को कहा। बाजार से खांसी की दवा की बोतल 65 रुपये की मिली। वहीं, आबादपुरा निवासी रोशन लाल का कहना है कि वह खांसी की वजह से खासे परेशान हैं। टीबी विभाग में जांच करवाई तो उन्होंने दवा लिखकर दी। फार्मेसी से उन्हें चार में से दो दवा नहीं मिली उनमें एक खांसी की दवा है।