ट्रस्ट में भ्रष्टाचार, फर्जी रसीदों से हड़प लिए लाखों रुपये
सूर्या एन्क्लेव के जिस प्लॉट संख्या-510बी पर ंवर्ष 2013 में नए खरीदार ने आलीशान दो मंजिली कोठी खड़ी की, उसी के पुराने आवंटी को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने नॉन कंस्ट्रक्शन चार्ज का नोटिस थमा दिया है। प्लॉट की रीसेल होने पर अलॉटी से प्रॉपर्टी ट्रांसफर, नक्शा फीस व नॉन कंस्ट्रक्शन चार्ज के रूप में वसूली गई लगभग एक लाख से ज्यादा की राशि विभाग के मुलाजिम फर्जी रसीद से हजम कर गए।
सत्येन ओझा, जालंधर: सूर्या एन्क्लेव के जिस प्लॉट संख्या-510बी पर ंवर्ष 2013 में नए खरीदार ने आलीशान दो मंजिली कोठी खड़ी की, उसी के पुराने आवंटी को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने नॉन कंस्ट्रक्शन चार्ज का नोटिस थमा दिया है। प्लॉट की रीसेल होने पर अलॉटी से प्रॉपर्टी ट्रांसफर, नक्शा फीस व नॉन कंस्ट्रक्शन चार्ज के रूप में वसूली गई लगभग एक लाख से ज्यादा की राशि विभाग के मुलाजिम फर्जी रसीद से हजम कर गए। सरकारी रिकार्ड में न ट्रांसफर राशि जमा हुई, न नक्शा फीस। ऐसे में रजिस्ट्री करने के बावजूद आज भी प्लॉट पर कागजों में कोई निर्माण नहीं हुआ है और ट्रस्ट ने पुराने आवंटी गु¨रदर ¨सह को 7 जून 2017 को नॉन-कंट्रक्शन चार्जेज का नोटिस थमा दिया। पिछले दिनों निकाय मंत्री सिद्धू की गाज गिरी तो फाइलों से फर्जी रसीद व डॉक्यूमेंट भी गायब कर दिए गए हैं।
ट्रस्ट में चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों का दैनिक जागरण में लगातार पर्दाफाश किए जाने के बाद पिछले दिनों स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की छापामारी ने अब विभाग के मुलाजिमों के हाथ-पांव फुला दिए हैं। ऐसे में वे तेजी से भ्रष्टाचार के सबूतों को फाइलों से गायब करने में जुट गए हैं। हालांकि कुछ केस दैनिक जागरण के हाथ लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि सूर्या एन्क्लेव में प्लॉट संख्या 510 बी साल 2011 में गु¨रदर ¨सह ने गगनदीप ¨सह नाम के व्यक्ति को बेच दिया था। प्लॉट री सेल करते समय इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के मुलाजिमों ने प्रॉपर्टी ट्रांसफर के रूप में 32 हजार रुपये, नक्शा फीस के रूप में 28 हजार रुपये एवं नॉन कंस्ट्रक्शन चार्जेज व इन्हांसमेंट के रूप में लगभग इतनी ही राशि आवंटी से लेकर खुद हजम कर ली। वसूली गई राशि के एवज में फर्जी रसीदें आवंटी की फाइल में लगा दीं। साथ ही इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने 1 मार्च 2012 को प्लॉट की रजिस्ट्री नए खरीदार के नाम पर करा दी। प्लॉट संख्या 319ए और 145बी में भी दोहराया गया 'खेल'
प्लॉट संख्या-319ए में भी यही खेल खेला गया। इस प्लॉट के पहले आवंटी धर्मपाल थे। बाद में ये प्लॉट रजनीबाला ने खरीदा। रजनीबाला ने ये प्लॉट नीता भारद्वाज के नाम पर बेच दिया। ट्रस्ट के मुलाजिमों ने इस केस में भी 30 हजार रुपये प्रॉपर्टी ट्रांसफर फीस, 44800 रुपये इन्हांसमेंट, 25 हजार रुपये नॉन कंस्ट्रक्शन चार्जेज वसूलकर खुद हजम कर लिए। नियमानुसार प्रॉपर्टी टैक्स जमा किए बिना आवंटी को मालिक नहीं माना जा सकता है, ऐसे में वह किसी को अपने नाम आवंटित प्लॉट नहीं बेच सकता है। चूंकि इस मामले में आवंटी से नकली रसीदों पर सारी राशि मुलाजिमों ने खुद हड़प ली थी तो बाद में खुद को बचाने के लिए ट्रस्ट ने 2.25 लाख रुपये की राशि नई खरीददार नीता भारद्वाज से जमा करा ली। ट्रस्ट के रिकॉर्ड में इस फाइल से भी प्रॉपर्टी ट्रांसफर, इन्हांसमेंट व नॉन कंट्रक्शन के डॉक्यूमेंट गायब कर दिए गए हैं। अफसरों को डर है अगर मंत्री सिद्धू ने फाइल मंगाकर जांच कराई तो कई लोग फंस जाएंगे। प्लाट संख्या-145बी के मामले में भी ट्रस्ट के अधिकारियों ने पूर्व आवंटी से वसूली राशि हजम कर नए खरीदार से राशि वसूली है।
ये कहते हैं इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के ईओ
ये मामला मेरी जानकारी में नहीं है, कल ही इस मामले की जांच कराऊंगी कि फाइलों से डॉक्यूमेंट कैसे गायब हुए हैं, अगर ऐसा हुआ है तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-सु¨रदर कुमारी, ईओ, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट