कोरोना संक्रमित हुए, फिर भी निभाते रहे फर्ज
डॉ. टीपी सिंह कोरोना के लिए जिले के नोडल अफसर हैं। कोरोना के खिलाफ जंग लड़ते हुए वो खुद इसकी चपेट में आ गए थे।
जागरण संवाददाता, जालंधर : डॉ. टीपी सिंह कोरोना के लिए जिले के नोडल अफसर हैं। कोरोना के खिलाफ जंग लड़ते हुए वो खुद इसकी चपेट में आ गए थे। उन्होंने कोरोना का डटकर मुकाबला किया और उसे मात देकर वापस ड्यूटी पर पहुंचे। डॉ. टीपी सिंह बताते हैं कि कोरोना का जायजा लेने के लिए टीमों के साथ विभिन्न जगहों पर दौरा करते रहे। काफी एहतियात बरती, लेकिन कोरोना ने गिरफ्त में लिया। दफ्तर में एक मुलाजिम कोरोना की चपेट में आने के बाद सभी के टेस्ट हुए तो उन्हें कोरोना होने का मामला सामने आया। हालांकि उन्हें कोई लक्षण नहीं थे तो वे होम आइसोलेट हो गए। 17 दिन तक घर में रहे। इस दौरान कोरोना का मुकाबला करने के लिए रोजमर्रा की तरह सुबह उठकर व्यायाम करते थे। दिन में पौष्टिक आहार का सेवन किया। तरल पदार्थों के सेवन पर थोड़ा ज्यादा जोर रखा। इसके अलावा जिक और विटामिन सी की एक गोली रोजाना लेते थे। उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगों के लिए सबसे जरूरी है अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखें।
घर से रखा तालमेल
डॉ. सिंह बताते हैं कि घर में रहकर भी वे अपनी ड्यूटी निभाते रहे। कोरोना के मरीजों को लेकर आंकड़े जुटाना, विभाग की योजनाओं को लागू करवाना तथा स्टाफ के साथ तालमेल कर रिपोर्ट तैयार करवा आला अधिकारियों तक पहुंचाना उनकी दिनचर्या में शामिल रहा।
कोरोना से डरे नहीं, एहतियात बरतें
उनका कहना है कि कोरोना भी दूसरी बीमारियों की तरह है और इससे डरने की जरूरत नही हैं और केवल एहतियात बरतने से ही इससे बचाव संभव हैं।