Corona Health Update: कोरोना संक्रमण घटने पर भी दिख रहे लक्षण, अस्पतालों में पहुंचने लगे लोग; जानें क्या कहते हैं डाक्टर्स
कोरोना के मरीजों की संख्या शून्य के करीब पहुंच गई है। लोगों में कोरोना से जुड़े लक्षण आने की वजह से खासी परेशानियां होने लगी है। लोगों में अफरी-तफरी का माहौल है। मामले को लेकर लोग सरकारी व गैर अस्पतालों में पहुंचने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर। कोरोना के मरीजों की संख्या शून्य के करीब पहुंच गई है। लोगों में कोरोना से जुड़े लक्षण आने की वजह से खासी परेशानियां होने लगी है। लोगों में अफरी-तफरी का माहौल है। मामले को लेकर लोग सरकारी व गैर अस्पतालों में पहुंचने लगे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि उनका कोरोना जांच के लिए करवाया गया आरटीपीसीआर टेस्ट नेगेटिव आ रहे हैं और लोग बीमार होने पर 10-12 दिन तक बिस्तर से नहीं उठ पा रहे हैं। डाक्टर इसे कोरोना की बजाय मौसमी वायरल बता रहे हैं। गली-मोहल्ले व कालोनियों में बैठे डाक्टरों के पास इस तरह से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कुछ दिन इलाज करवाने के बाद लोग निजी व सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में पहुंच रहे है।
सिविल अस्पताल में पहुंचे बूटा मंडी इलाके के रहने वाले रोशन लाल का कहना है कि उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है। इसके बावजूद पिछले छह दिन से बुखार, गला खराब व सूखना, मन मचलना ,उलटी आने के बाद अब पेट और जोड़ों में दर्द उठने लगा है। उनका कहना है कि कोरोना में भी ऐसे लक्षण आते है। कोरोना का शक दूर करने के लिए डाक्टरों ने आरटीपीसीआर का टेस्ट करवाया जो नेगेटिव पाया गया है. कमजोरी की वजह से बिस्तर से नही उठा जा रहा है। पहले निजी डाक्टर से इलाज करवाते रहे और अब सरकारी अस्पताल में डाक्टरों से भी इलाज शुरू किया है। डाक्टरों ने तीन-चार दिन में ठीक हो जाने की बात कही है।
सिविल अस्पताल के डा.भूपिंदर सिंह की माने तो इन दिनों बरसाती मौसम में कभी बारिश और कभी धूप निकलने के शरीर का तापमान गड़बड़ा रहा है. इस दौरान सीजनल वायरल की वजह से बुखार सहित अन्य लक्षण आने लगते है। इनमें से कुछ लक्षण कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी से मिलते है परंतु टेस्ट में नेगेटिव आ रहे है। उन्होंने कहा कि लोगों को घबराना नही चाहिए, यह कोरोना नही है सीजनल बुखार है जो जो दो सप्ताह तक ठीक हो जाता है। अस्पताल की ओपीडी में रोजाना आने वाले मरीजों में से 15-20 फीसदी मरीज वायरल फीवर के है।
वायरल ग्रस्त मरीज से बुखार दूसरों को भी होने का खतरा
डा. भारत भूषण का कहना है कि वायरल ग्रस्त मरीज से बुखार दूसरों को भी होने का खतरा है। मरीज के साथ हाथ इत्यादि मिलाने के बाद काम्प्यूटर के कीबोर्ड, दरवाजे के हैंडल आदि पर कुछ समय के लिए वायरस जिंदा रहता है। एसी में इसकी आयु बढ़ जाती है। शरीर में प्रवेश करने के बाद वायरस 7-10 दिन कर खासा तंग करता है। इसके बाद खुद ही कमजोर पड़ जाता है।
वायरल के मरीजों का दायरा बढ़ रहा
सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. सीमा का कहना है कि इन दिनों अक्सर वायरल के मरीजों का दायरा बढ़ रहा है। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां व वार्ड की व्यवस्था कर दी गई है। ब्लड बैंक में भी प्लेटलैट्स व सिंगल डोनर प्लाजमा तैयार करने के इंतजाम है।
लक्षण
- तेज बुखार
-सिर व जोड़ों में भयंकर दर्द
-भूख का कम होना
-पेट दर्द
-नाक से पानी बहना व जुकाम।
-कमर दर्द
-सिर का चक्कराना
-दस्त व उलटी का बार बार आना
- मन का मचलना
-आंखे लाल होना व पानी का बहना
-गला दर्द होने व खांसी आना।
परहेज
-ओआरएस का घोल पीएं।
-पीने वाले पानी का उबाल कर प्रयोग करे।
-तरल पदार्थो और हलके खाने का सेवन करे।
-खाना खाने से पहले हाथ धोएं।
-मुंह पर मास्क पहने।
-साबुन से बार बार हाथ धोएं।
-आपस में कम से कम दो मीटर की दूरी बनाए रखे।
-बाजार में खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थो से गुरेज।
-शरीर व अपने आसपास सफाई रखे।
-डाक्टर की सलाह के अनुसार दवाई ले।