पंजाब रोडवेज के अस्तित्व के लिए खतरा बन रहा कोरोना और अवैध निजी बस परिचालन
कोरोना संक्रमण के चलते पहले ही यात्रियों की संख्या 65 फीसद से भी नीचे लुढ़क चुकी है और बाकी बची यात्रियों की संख्या में से 50 फीसद को निजी बस माफिया अपनी कमाई का साधन बना रहा है।
जालंधर, मनुपाल शर्मा। बीते छह माह से बरप रहा कोरोना का प्रकोप और धड़ल्ले से हो रहा निजी बसों का अवैध परिचालन पंजाब रोडवेज के अस्तित्व के लिए ही खतरा बनता दिखाई दे रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते पहले ही यात्रियों की संख्या 65 फीसद से भी नीचे लुढ़क चुकी है और बाकी बची यात्रियों की संख्या में से 50 फीसद को निजी बस माफिया अपनी कमाई का साधन बना रहा है।
हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि भारी आर्थिक संकट से घिरी पंजाब रोडवेज की अफसरशाही अब निजी बस माफिया पर नकेल डालने के लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (एसटीसी) को शिकायत भेजने जा रही है। वीरवार रात निजी बस माफिया की तरफ से पंजाब रोडवेज की अफसरशाही को खुलेआम चुनौती देते हुए जालंधर के शहीद ए आजम भगत सिंह इंटर स्टेट बस टर्मिनल के भीतर से ही स्लीपर बस का संचालन कर डाला।
दैनिक जागरण द्वारा इस संबंध में समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद पंजाब रोडवेज की समूची अफसरशाही में हड़कंप मच गया है और अब अवैध परिचालन को बंद करवाने के लिए एसटीसी को शिकायत भेजी जा रही है। पंजाब रोडवेज के डिप्टी डायरेक्टर परनीत सिंह मिन्हास ने डीसी को शिकायत भेजे जाने की पुष्टि की है।
पंजाब रोडवेज के पास बस स्टैंड के बाहर अवैध बस परिचालन पर कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है, जबकि आरटीए कार्यालय ने एक दो बार कार्रवाई करने के बाद अवैध बस परिचालन को लेकर आंखें ही मूंद ली हैं। पंजाब रोडवेज के स्थानीय अधिकारियों द्वारा कई बार अवैध बस परिचालन के फोटो खींचकर भी लिखित में शिकायत आरटीए को भिजवाई गई है। बावजूद इसके अवैध बस परिचालन पर अंकुश नहीं लग सका है। पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने कहा है कि अवैध परिचालन को लेकर कई बार आरटीओ कार्यालय को शिकायत भिजवाई जा चुकी है।