Move to Jagran APP

ऑपरेशन के बावजूद मरीज को नहीं आया आराम, डॉक्टर को ब्याज समेत खर्चा लौटाने के आदेश Jalandhar News

फोरम ने डॉक्टर को दो लाख रुपये ऑपरेशन खर्च ब्याज समेत और हर्जाने व केस खर्च के तौर पर 80 हजार रुपये लौटाने के आदेश जारी किए।

By Vikas KumarEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:42 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 08:50 AM (IST)
ऑपरेशन के बावजूद मरीज को नहीं आया आराम, डॉक्टर को ब्याज समेत खर्चा लौटाने के आदेश Jalandhar News
ऑपरेशन के बावजूद मरीज को नहीं आया आराम, डॉक्टर को ब्याज समेत खर्चा लौटाने के आदेश Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। चूले के ऑपरेशन के बावजूद मरीज को आराम नहीं आया और दूसरे डॉक्टर के ऑपरेशन से वो ठीक हो गया। इस पर मरीज ने पहले ऑपरेशन करने वाले आस्था अस्पताल के डॉ. एलएस चौधरी के खिलाफ कंज्यूमर फोरम को शिकायत कर दी। फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद डॉक्टर को दो लाख रुपये ऑपरेशन खर्च ब्याज समेत और हर्जाने व केस खर्च के तौर पर 80 हजार रुपये लौटाने के आदेश जारी किए।

loksabha election banner

जसप्रीत सिंह धामी निवासी गुरुदेव नगर, न्यू ग्रेन मार्केट ने जिला कंज्यूमर फोरम को शिकायत दी कि पांच नवंबर 2015 को उनका एक्सीडेंट हो गया था और उनके चूले के दाईं तरफ चोट लग गई। उन्हें तुरंत आस्था अस्पताल में डॉ. एलएस चौधरी के पास ले जाया गया, जहां उनका ऑपरेशन हुआ। चूले की हड्डियों को स्क्रू से जोड़ा गया। तीन माह बेड रेस्ट के लिए कहा गया और एक साल बाद स्क्रू निकालने की बात भी कही गई। कुछ समय बाद उन्हें ऑपरेशन वाले हिस्से में तेज दर्द होने लगा। डॉक्टर के कहने पर उन्होंने उनके ही अस्पताल से एक्सरे करवाया। रिपोर्ट देख डॉक्टर ने उन्हें कहा कि वे रिकवरी कर रहे हैं। इसके बाद नियमित इलाज चला, लेकिन तीन माह बाद तो वे अपने पैरों पर चलने में भी असमर्थ हो गए। इसके बाद भी कई बार वे डॉक्टर के पास गए व सीटी स्कैन भी करवाए, लेकिन डॉक्टर रिकवरी का ही आश्वासन देते रहे। इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें डिजिटल एक्सरे के लिए कहा। फिर रिपोर्ट देखकर कहा कि चूले की हड्डी की बॉल डैमेज हो गई है और फिर से ऑपरेशन करना पड़ेगा।

चूले की बॉल पहले से ही थी डैमेज

इसके बाद जसप्रीत ने अन्य अस्पताल से इलाज शुरू करवाया और आस्था अस्पताल की रिपोर्टें वहां के डॉक्टर को दिखाईं। इस पर डॉक्टर ने कहा कि उनके चूले की बॉल पहले से ही डैमेज थी और स्क्रू भी ठीक ढंग से नहीं लगे। इसके बाद ऑपरेशन कर डॉक्टर ने डैमेज बॉल भी रिप्लेस कर दी और स्क्रू भी निकाल दिए। इसके बाद जसप्रीत ठीक से चलने-फिरने लगे। फोरम ने नोटिस निकाला तो आस्था अस्पताल व डॉ. एलएस चौधरी ने संयुक्त जवाब दाखिल किया। उन्होंने कहा कि जसप्रीत का इलाज बिल्कुल सही किया गया था। उन्हें कहा गया था कि दो-तीन महीने तक पैर पर कोई भार न डाले। इसके बाद भी वो जब अस्पताल चेकअप कराने पहुंचे तो लाठी की मदद से चलते हुए आए।

फोरम ने कहा, लापरवाही का सीधा सुबूत तो नहीं मिला, लेकिन गलती तो हुई है

इसके बाद फोरम ने फैसला देते हुए कहा कि डॉ. चौधरी के किए ऑपरेशन में किसी तरह की लापरवाही या गलती का कोई सीधा सुबूत नहीं है। मगर, ऐसे सुबूत इकट्ठा करने भी बड़े मुश्किल हैं। बिना किसी कारण के कोई दूसरा डॉक्टर अपने ही पेशे वाले के किए उपचार पर सवाल क्यों उठाएगा? उन्होंने कहा कि डॉक्टर के अपने स्टाफ पर निर्भर रहने से गलती हो सकती है। फोरम ने कहा कि डॉक्टर ने खुद रिकवरी के लिए एक साल का वक्त बताया था, लेकिन इतने वक्त के बाद भी शिकायतकर्ता को दर्द होता रहा। यह दिखाता है कि कहीं न कहीं गलती हुई है। इसके बाद जिला कंज्यूमर फोरम के प्रेसिडेंट करनैल सिंह व मेंबर ज्योत्सना ने डॉ. एलएस चौधरी को आदेश दिए कि शिकायतकर्ता के ऑपरेशन के वक्त लिए दो लाख रुपये ऑपरेशन की तारीख से लेकर अब तक नौ फीसद ब्याज के साथ वापस लौटाए जाएं। इसके अलावा मानसिक परेशानी व केस खर्च के तौर पर भी 80 हजार रुपए चुकाने के आदेश दिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.