पूर्व पार्षद डिप्टी के हत्यारों के गिरेबान तक पहुंची पुलिस
युवा काग्रेस के पूर्व प्रधान सुखमीत सिंह डिप्टी हत्याकाड से पुलिस कभी भी पर्दा उठा सकती है। हत्याकाड के किंगपिन सहित हत्यारोपियों के गिरेबान तक पुलिस के हाथ पहुंच चुके हैं।
मनोज त्रिपाठी, जालंधर
युवा काग्रेस के पूर्व प्रधान सुखमीत सिंह डिप्टी हत्याकाड से पुलिस कभी भी पर्दा उठा सकती है। हत्याकाड के किंगपिन सहित हत्यारोपियों के गिरेबान तक पुलिस के हाथ पहुंच चुके हैं। पुलिस किसी भी समय इस हत्याकाड से पर्दा उठा सकती है। एक साल पहले डिप्टी की हत्या गोपाल नगर में शाम को छह बदमाशों ने गोलिया मारकर कर दी थी। जालंधर में बीते दो सालों में सबसे ज्यादा चर्चित रहे इस हत्याकाड में पुलिस ने आर्मेनिया की जेल में बंद गौरव पटियाल को मुख्य आरोपित बनाया था। गैंगेस्टर दविंदर भंबिया ग्रुप ने डिप्टी की हत्या की जिम्मेवारी ली थी लेकिन एक साल से पुलिस इस मामले में हवा में हाथ पैर मार रही थी। हाल ही में जालंधर व आसपास के इलाकों में दविंदर भाबिया ग्रुप की सक्रियता और कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नंगल अंबिया की हत्या के बाद भंबिया ग्रुप की संलिप्तता की जाच के बाद डिप्टी हत्याकाड का सुराग भी पुलिस के हत्थे लगा। हाल ही में पुलिस अधिकारियों के बड़े फेरबदल के बाद पुलिस ने मथुरा, हरियाणा, कोलकाता, पीलीभीत व पंजाब की जेलों में बैठे गैंगेस्टरों के कनेक्शन की पड़ताल के बाद डिप्टी हत्याकाड के आरोपितों व किंगपिन का सुराग लगाने में कामयाबी हासिल कर ली है। उम्मीद है कि जल्द ही पुलिस जालंधर से सबसे चर्चित हत्याकाड से पर्दा उठा देगी। इसकी पड़ताल में पुलिस की तीन टीमें विभिन्न स्थानों पर तैनात की गई थीं। पुलिस के पुष्ट सूत्रों के अनुसार सभी आरोपितों की गिरफ्तारी पुलिस कभी भी दिखा सकती है। हत्या की साजिश रचने वाला भी पुलिस के शिंकजे में है।
एक साल से जांच कर रही पुलिस ने इस मामले में गौरव पटियाल के अलावा गुरुग्राम के गैंगेस्टर विकास मलय व जालंधर के पुनीत सहित एक अन्य को आरोपित बनाया था।जालंधर की जेल में बंद अजय व विजय से पूछताछ भी की थी, लेकिन कोई सुराग नहीं निकाल सकी थी। इसके बाद गैंगेस्टर दविंदर भाबिया ग्रुप ने इसकी जिम्मेवारी ली थी, लेकिन पुलिस ने संगत सिंह हत्याकाड के आरोपित कालू और काकू और टिंकू हत्याकाड के आरोपित पुनीत को रडार पर लिया था। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर की जालंधर में तैनाती के दौरान यह सबसे बड़ी घटना थी जिसे वह हल नहीं करवा सके थे। नतीजतन जब उनका तबादला हुआ तो उन्होंने इस हत्याकाड में चार लेागों को आरोपित बनाने की सूचना देकर जालंधर से रवानगी कर ली थी। दो साल से डिप्टी हत्याकाड की तफ्तीश व किंगपिन तक पहुंच पाने में फेल रहने वाली जालंधर की पुलिस अब इस मामले से पर्दा उठाने की तैयारी में है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में हो गया था शुमार
जालंधर में डिप्टी 2005 से सक्रिय हुआ था। उस दौर में काग्रेस नेता दिनेश ढल्ल काली व डिप्टी की जोड़ी शहर में मशहूर हुआ करती थी। अपनी सक्रियता के चलते डिप्टी को युवा काग्रेस जालंधर देहाती का प्रधान बनाया था। डिप्टी ने प्रधान बनने के बाद देहात से लेकर शहर में अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी थी। कुछ ही समय में काग्रेसियों को इस बात का अहसास होने लगा था कि कोई तेजतर्रार नेता उभर रहा है। इसके बाद 2007 में विधानसभा चुनाव के बाद हुए नगर निगम के चुनाव में डिप्टी काग्रेस की टिकट पर वार्ड नंबर 26 से चुनाव जीतकर पार्षद भी बन गया था। प्रचार के दौरान डिप्टी कुछ बड़े अपराधियों के संपर्क में आ गया था। डिप्टी के सिर पर एक दिग्गज काग्रेसी नेता का भी हाथ था। नतीजतन काग्रेस में अच्छी पैठ के चलते डिप्टी ने कम समय में अपना अच्छा रसूख कायम कर लिया था। 20 जून 2021 को हुई थी हत्या, अपहरण के मामले में सजा होने के बाद पैरोल पर आया था बाहर
पार्षद बनने के बाद डिप्टी ने आठ दोस्तों के साथ मिलकर जालंधर के प्रसिद्ध फिल्म डिस्ट्रीब्य़ूटर सुभाष नंदा के बेटे गगन उर्फ मिक्की के अपहरण की साजिश रच डाली थी। इस मामले में पुलिस ने डिप्टी के अलावा वरिंदर सिंह उर्फ किंडा, जसबीर सिंह उर्फ जस्सी, जसविंदर सिंह साबी, प्रभजीत सिंह मंगा, हरप्रीत सिंह हैप्पी, हरपाल सिंह को आरोपित बनाया था। डिप्टी को पुलिस ने 2008 में गिरफ्तार किया था। उसके बाद से डिप्टी जेल में था। हत्या से कुछ दिन पहले ही डिप्टी पेरोल पर जेल से अपने घर आया था। शाम को करीब पाच बजे डिप्टी को उसके करीबी ने घर से बुलाया था उसके बाद डिप्टी गोपाल नगर की तरफ जा रहा था कि गोपाल नगर के चौक के पास डिप्टी को स्विफ्ट कार सवीर बदमाशों (शूटर्स) ने चारों तरफ से घेर कर गई गोलियां मारी थीं। डिप्टी की मौके पर ही मौत हो गई थी। डिप्टी के शरीर से नौ गोलिया निकली थीं जबकि हत्याकांड स्थल से 13 गोलियों के खोल बरामद किए गए थे।