कपूरथला पुलिस ने जिसे दी थी क्लीन चिट, उसी ने सुपारी दे करवाया था कांग्रेसी नेता पर हमला
कपू्रथला के कांग्रेसी नेता के कत्ल की सुपारी देने वाले टांडा निवासी कुलविदर सिंह उर्फ बब्बल को छह माह पहले ही कपू्रथला पुलिस क्लीन चिट दे चुकी थी।
जागरण संवाददाता, जालंधर
कपू्रथला के कांग्रेसी नेता के कत्ल की सुपारी देने वाले टांडा निवासी कुलविदर सिंह उर्फ बब्बल को छह माह पहले ही कपू्रथला पुलिस क्लीन चिट दे चुकी थी। कपूरथला पुलिस ने बब्बल के खिलाफ कत्ल की साजिश रचने व सुपारी देने के संबंध में किसी तरह का सबूत न पाए जाने पर उसे मामले में निर्दोष बताया था। वहीं, कपूरथला पुलिस द्वारा बब्बल को क्लीन चिट मिलने और दो साल तक पुलिस द्वारा मामले में किसी आरोपित को गिरफ्तार न किए जाने पर कांग्रेसी नेता को ही लोगों ने गुनहगार समझना शुरू कर दिया था। मंगलवार को प्रेस क्लब पहुंचे कांग्रेसी नेता कपूरथला निवासी दलजीत सिंह नडाला उर्फ डॉन ने कहा कपूरथला पुलिस द्वारा आरोपित को क्लीन चिट देने के बाद उनके इलाके में यह बात फैला दी गई कि दो साल पहले उन्होंने खुद ही अपने ऊपर जानलेवा हमला दिखावे के तौर पर कराया था। उन्होंने कहा वह तो जालंधर देहात पुलिस के शुक्रगुजार हैं कि उन्होंने मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करते हुए न सिर्फ उन पर गोली चलाने वालों को पकड़ा, बल्कि इस बात को भी साबित किया कि कुलविदर सिंह उर्फ बब्बल ने 20 लाख रुपये में उनके कत्ल की साजिश रची थी। इस के लिए कुलविदर ने गोली चलाने वाले अपने ड्राइवर को एडवांस में पांच लाख रुपये भी दिए थे।
ज्ञात हो कि पांच जून 2017 रात आठ बजे करीब दलजीत सिंह पर उनके फार्म हाऊस के पास बाइक सवार दो युवकों ने गोली चला दी थी। गोली लगने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल दाखिल कराया गया था, जहां इलाज के बाद उनकी जिदगी बाल बाल बच गई थी। दलजीत सिंह ने कपूरथला पुलिस को दिए बयान में कहा था कि उन्हें पूरी यकीन है कि उक्त हमला होशियारपुर के टांडा निवासी कुलविदर सिंह उर्फ बब्बल जो की उनकी तरह ही कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हुआ है। इस पर पुलिस ने बब्बल के खिलाफ केस दर्ज किया था, लेकिन सबूतों को अभाव व पुलिस जांच के बाद करीब छह माह पहले पुलिस ने उसे क्लीन चिट देकर मामले से मुक्त कर दिया था। -लोकसभा चुनाव की टिकट को लेकर शुरू हुआ था विवाद
दलजीत सिंह ने बताया कि 2017 पंजाब विधानसभा चुनाव में वे भुलत्थ की टिकट लेने के चाह्वान थे। इसी कतार में उनकी तरह ही कुलविदर सिंह उर्फ बब्बल भी अन्य सात लोगों सहित टिकट लेने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहा था। इस दौरान पार्टी की मीटिग की दौरान टिकट को लेकर विवाद हुआ जो इतना बढ़ गया कि मीटिग के दौरान ही बब्बल और उनके सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच में हाथापाई हो गई। इस दौरान बब्बल की पगड़ी उतर गई थी, जिस पर उसने उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का केस भी दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि यह कोई जानबूझकर किसी ने उसकी पगड़ी नहीं उतारी थी, बल्कि हाथापाई के दौरान यह सब हुआ था। इस बात को बब्बल ने अपनी इज्जत मिट्टी में मिलने से देखा और उनको जान से मारने की सुपारी दे डाली।