शहर में जलभराव के लिए विधायक, मेयर और कमिशनर जिम्मेवार : पूर्व मेयर ज्योति
पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने कहा कि एलईडी स्ट्रीट लाइट्स प्रोजेक्ट में सरकार को कई जांच के बाद भी कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। यह प्रोजेक्ट राजनीतिक कारणों से रद किया गया।
जालंधर, जेएनएन। भाजपा नेता और पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने शहर में जलभराव के लिए शहर के चारों विधायकों, मेयर जगदीश राजा और कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा को जिम्मेवार ठहराया है। पूर्व मेयर ने कहा कि मेयर जगदीश राजा की पकड़ कमजोर होने के कारण शहर में दो साल से जलभराव के हालात हैं और लोगों का भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। पूर्व मेयर यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ अकाली नेता बलबीर सिंह बिट्टू, भाजपा नेता कंवलजीत सिंह बेदी, अश्विनी भंडारी, भगवंत प्रभाकर, वेद वशिष्ठ भी मौजूद थे।
पूर्व मेयर ने कहा कि बरसात आने से पहले रोड, गलियों और सीवरेज सफाई की व्यवस्था का इंतजाम नहीं किया गया, जिसके कारण यह हालात बने हैं। जब वह मेयर थे तब साल में तीन बार सीवरेज की सफाई होती थी। मानसून आने से दो महीने पहले ही रोड और गलियों की सफाई करवा दी जाती थी। बरसात के बाद भी रोड और गलियां साफ की जाती थी। उन्होंने कहा कि 120 फुटी रोड पर 69 इंच सीवरेज की सफाई के लिए दो साल पहले टेंडर लगाया गया था, लेकिन इस पर काम नहीं करवाया गया। विधायक सुशील रिंकू ने भी इस पर गौर नहीं किया जिस कारण वहां हालात बिगड़ रहे हैं।
एलईडी लाइट्स प्रोजेक्ट में सरकार को नहीं मिला घोटाला
पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने कहा कि एलईडी स्ट्रीट लाइट्स प्रोजेक्ट में सरकार को कई जांच के बाद भी कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से प्रोजेक्ट रद किया गया है। यह राज्य में सभी शहरों के मुकाबले सस्ता प्रोजेक्ट था। नगर निगम को कोई भी रुपया खर्च नहीं करना था। अब स्मार्ट सिटी फंड के 50 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
अवैध कॉलोनियों और बिल्डिंगों पर नहीं हो रही कार्रवाई
पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने आरोप लगाया कि शहर में बिना मंजूरी कॉलोनियां डवलप हो रही हैं। हर वार्ड में अवैध इमारतें बन रही हैं और इसमें पार्षद ही शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सोढल एरिया में एक फैक्टरी की जमीन पर, कालिया कॉलोनी के पास, एसडी स्कूल संतोखपुरा के पास, लम्मा पिंड इलाके में कॉलोनियां बन रही हैं। कैंट हलके में पंजाब एवेन्यू के पास एक पार्षद के सरंक्षण में अवैध दुकानें बन रही हैं। इससे नगर निगम को आर्थिक नुकसान का हो रहा है।
प्रॉपर्टी टैक्स और पानी के रेट बढ़ाने के प्रस्ताव की निंदा
अकाली-भाजपा नेताओं ने प्रॉपर्टी टैक्स और पानी की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव की निंदा की है। सुनील ज्योति ने कहा कि नगर निगम टैक्स बेस बढ़ाने की बजाय टैक्स की दरें बढ़ाने पर जोर दे रहा है। अगर जीपीएस मैपिंग सिस्टम को लागू कर दिया जाए तो टैक्स 4 गुणा हो जाएगा और दरें बढ़ाने की जरुरत नहीं रहेगी। जब अकाली-भाजपा सरकार थी तब 2 विधायकों की पार्षद पत्नियां प्रॉपर्टी टैक्स खत्म करने की मांग को लेकर धरना देती थीं लेकिन अब अपनी सरकार में टैक्स की दरें और पानी का रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी चुप हैं।
ट्रेडर्स फोरम ने कोठियां सील करने को गलत ठहराया
कारोबारियों के संगठन ट्रेडर्स फोरम ने प्रॉपर्टी टैक्स न देने पर 2 कोठियां सील करने की निंदा की है। फोरम के मेंबर रविंदर धीर, बलजीत सिह आहलुवालिया, अमित सहगल, सुरेश गुप्ता, अरुण बजाज, विपन परिंजा, संदीप गांधी ने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार के समय कांग्रेस नेताओं ने प्रॉपर्टी टैक्स के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था। तब मौजूदा मेयर जगदीश राजा ने कहा था कि कांग्रेस सरकार आते ही इसे खत्म करेंगे। अब हालात यह है कि प्रॉपर्टी टैक्स न देने वालों के मकान सील करके जनता को डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स खत्म करने का वादा पूरा किया जाए। पानी के पुराने बकाया खत्म हों और नए बिल के लिए सरल पॉलिसी लाई जाए।