सावधान! अब जालंधर में पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबंध, इस्तेमाल पर एक लाख तक का जुर्माना
दुकानदारों के दबाव में पालिथिन पर छूट का निगम का प्रस्ताव सरकार ने खारिज कर दिया है। इसी के साथ अब जालंधर में पालिथिन पर पूर्ण पाबंदी लग गई है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। सरकार ने महानगर में पॉलिथीन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध न लगाने को लेकर निगम प्रशासन को शनिवार को जमकर फटकार लगाई। साथ ही कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सिफारिश पर मंत्रिमंडल द्वारा पास किए गए कानून की हर हाल में पालना की जाए। सरकार के सख्त रवैये से मसले पर तीन माह से चल रहा चूहे-बिल्ली का खेल खत्म हो गया है।
निगम ने पहली अगस्त से पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था, लेकिन व्यापारियों व नेताओं के दबाव में निगम हाउस ने प्रस्ताव पास करके सरकार को भेजा था कि 50 माइक्रॉन से अधिक के पॉलिथीन के इस्तेमाल पर छूट दी जाए। अब सरकार के आदेश के बाद पॉलिथीन का इस्तेमाल करने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
निगम हाउस द्वारा इस बाबत सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में स्पष्ट तौर पर लुधियाना का हवाला देकर कहा गया था कि 50 माइक्रॉन से अधिक के पॉलिथीन इस्तेमाल को प्रतिबंधित न किया जाए। इससे पहले जून के अंतिम सप्ताह में मेयर और शहर के चारों विधायकों की बैठक में एक अगस्त से शहर में पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया था। कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की गई थी। नॉर्थ हलके के विधायक जूनियर हैनरी के बार-बार कहने के बावजूद नगर निगम प्रशासन ने पॉलिथीन के खिलाफ अभियान नहीं चलाया।
हैनरी के शोर मचाने के बाद अक्टूबर में नगर निगम की ओर से तहबाजारी और हेल्थ ब्रांच की संयुक्त टीम गठित कर पॉलिथीन के खिलाफ ड्राइव चलाते हुए मकसूदां मंडी में पॉलिथीन के व्यापारियों के गोदामोंं और दुकानों में छापामरी कर करीब 30 क्विंटल पॉलिथीन जब्त किया। दो से तीन दिन तक चली इस ड्राइव के बाद पॉलिथीन कारोबारियों ने मेयर और कमिश्नर से मुलाकात कर केंद्र सरकार के नियम के तहत 50 माइक्रॉन से अधिक के पॉलिथीन के इस्तेमाल की इजाजत देने का दबाव बनाया।
ये कहा था निगम कमिश्नर ने
निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा ने बताया कि पॉलिथीन कारोबारियों का कहना था कि लुधियाना नगर निगम ने 50 माइक्रॉन से अधिक के पॉलिथीन के इस्तेमाल का प्रस्ताव पारित किया है। लिहाजा, जालंधर में भी ऐसा किया जाना चाहिए।
सरकार का जवाब
इसके जवाब में सरकार ने शनिवार को स्पष्ट आदेश जारी किए कि कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कानून की पालना करवाने में अगर निगम प्रशासन फेल होता है तो निगम अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई तय है।
दुकानदारों और ग्राहकों पर ये कार्रवाई संभव
- दुकानदार का लाइसेंस रद किया जाएगा
- ग्राहक के पास पॉलिथीन मिलने पर ग्राहक का चालान काटा जाएगा
- कम से कम चालान एक हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का होगा
- बार-बार चालान के बाद भी कोई इस्तेमाल करने से नहीं हटता है तो चालान कोर्ट भेजा जाएगा। उसके बाद कोर्ट सजा देगा।
निगम को 0181-242411 पर करें शिकायत
निगम प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वह जहां भी पॉलिथीन का इस्तेमाल होता देखें तो तत्काल निगम को 0181-242411 नंबर पर फोन करके सीधी शिकायत करें। शिकायतकर्ता का नाम व पहचान गुप्त रखा जाएगा।
प्रतिदिन 8 से 10 टन पॉलिथीन का होता है इस्तेमाल
निगम के हेल्थ अफसर डा. श्रीकृष्ण बताते हैं कि एक अनुमान के मुताबिक शहर में प्रतिदिन 8 से 10 टन पॉलिथीन का इस्तेमाल होता है। यह बहुत बड़ी समस्या है। शहर में प्रतिदिन जो 500 टन कचरा होता है उसमें पांच टन से अधिक पॉलिथीन है।
सीवरेज जाम होने का सबसे बड़ा कारण है पॉलिथीन
निगम की ओएंडएम ब्रांच के एसई किशोर बांसल बताते हैं कि सीवर जाम होने की समस्या अधिकतर पॉलिथीन की वजह से ही पेश आती है। लोग गारबेज में पॉलिथीन को भी डाल देते हैं। नालियों में पॉलिथीन फेंक दिया जाता है। सीवर लाइन में पॉलिथीन जाने से लाइन चोक (जाम) हो जाती है। पॉलिथीन नष्ट नहीं होता और इसके चलते सीवर लाइनें जाम हो जाती हैं और पानी सड़कों पर भर आता है।
चार कचरा प्लांट लगाने का मामला पीएमआईडीसी को भेजा
शहर के अलग-अलग इलाकों में चार वेस्ट टू कंपोज्ट प्लांट लगाने के प्रस्ताव को भी सरकार ने अटका दिया है। इस प्रस्ताव को मंजूरी न देते हुए सरकार ने इस पर पंजाब म्यूनिसिपिल इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कंपनी (पीएमआईडीसी) की टिप्पणी मांगी है। माना जा रहा है कि अब शहर में वेस्ट टू कंपोज्ट प्लांट लगाने का मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा।