परिजनों का आरोप, मृतकों के शव से 45 हजार और सोने के गहने हड़प गई पुलिस Jalandhar News
देहात पुलिस के थाना करतारपुर पुलिस पर हादसे के मृतकों के शवों से कैश व ज्वेलरी चुराने का आरोप लगा है।
जालंधर, जेएनएन। देहात की थाना करतारपुर पुलिस पर सड़क हादसे में मरने वाले लोगों की 45 हजार रुपये के करीब की नकदी और करीब एक तोले सोने के गहने चुराने का आरोप लगा है। मृतकों के परिवार ने सीधे तौर पर पुलिस पर आरोप लगाया है कि पोस्टमार्टम के बाद मृतकों का सामान देने की बात कही थी, लेकिन यह सामान नहीं दिया गया। इसमें 45 हजार कैश और एक तोले सोने के गहने हैं।
ज्ञात हो कि मंगलवार शाम पांच बजे के करीब राष्ट्रीय राजमार्ग अमृतसर स्थित गांव काहलवां गेट के पास कार और पानी के टैंकर के बीच टक्कर हो गई थी। इस हादसे में कार सवार लुधियाना निवासी सर्बजीत सिंह पुत्र सुच्चा सिंह और उनकी बुआ लुधियाना निवासी गुरदीप कौर पत्नी करनैल सिंह की मौत हो गई थी। वहीं, उक्त हादसे के अगले दिन बुधवार को सिविल अस्पताल (जालंधर) में मृतकों को पोस्टमार्टम करवाने से उनके परिजनों ने मना कर दिया।
मृतक सर्बजीत सिंह के चचेरे भाई सुखविंदर सिंह के मुताबिक उक्त हादसे के बाद पुलिस ने उनकी बुआ का सामान तो लौटा दिया था। जबकि सर्बजीत सिंह का सामान यह कर नहीं लौटाया गया कि पोस्टमार्टम के बाद वह सामान मिलेगा। सुखविंदर ने बताया कि बुधवार को अस्पताल में पोस्टमार्टम होने से पहले उन्होंने पुलिस से अपने भाई का सामान मांगा तो उन्हें साफ इंकार कर दिया गया कि कोई सामान नहीं है, जो था वह सब दे दिया गया है।
शादी में शामिल होने जा रहे थे दोनों
सुखविंदर ने कहा कि उनका चचेरा भाई सर्बजीत और बुआ गुरदीप कौर अमृतसर में शादी में शामिल होने जा रहे थे। सर्बजीत ने अपने पास 45 हजार रुपये के करीब नकदी रखी हुई थी जो उसने भाई को अमृतसर में देने थे। जबकि सर्बजीत ने अपनी भाभी को सोने के टोपस देने थे, जो उसकी जेब में ही रखे थे। सुखविंदर ने कहा कि बुआ के जो गहने थे वह तो हादसे के दिन ही पुलिस ने लौटा दिए थे, लेकिन बाकी सामान व नकदी नहीं लौटाई गई।
एसएचओ बोले, कोई और चुरा ले गया होगा सामान
थाना करतारपुर के एसएचओ राजीव ने कहा कि उक्त हादसे की सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने अपनी पुलिस टीम के साथ मिलकर मृतकों को सामान वीडियोग्राफी के करवाकर अपने कब्जे में लिया था, जिसे उन्होंने परिजनों को सौंप दिया। पोस्टमार्टम के बाद सामान देने जैसी कोई बात नहीं हुई थी। उन्होंने अंदेशा जताया कि ऐसा हो सकता है कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही कोई सामान चोरी कर ले गया हो।
एसएसपी के आश्वासन के बाद नहीं आया एसएचओ
सुखविंदर सिंह ने बताया कि सिविल अस्पताल में पुलिस मुलाजिमों ने उनकी फोन पर एसएसपी नवजोत सिंह माहल से बात करवाई थी। एसएसपी ने उन्हें कहा था कि जब तक एसएचओ मौके पर आते हैं आप शवों का पोस्टमार्टम करवाएं। इसके बाद सुखविंदर सिंह ने पोस्टमार्टम के लिए साइन कर दिए, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद एसएचओ ने आने से साफ मना कर दिया।
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