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निजी दौरे पर आए सीएम कार्यकर्ताओं से बिना मिले लौटे, श्री देवी तालाब मंदिर में इंतजार करते रहे कांग्रेस नेता

सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का शाम पांच बजे जालंधर पहुंचने का कार्यक्रम था लेकिन बाद में पता चला कि वह निजी कार्यक्रम में आए हैं। दूसरी ओर शाम पांच बजे तक उनके इंतजार में देवी तालाब मंदिर किया जाता रहा।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 11:42 AM (IST)
निजी दौरे पर आए सीएम कार्यकर्ताओं से बिना मिले लौटे, श्री देवी तालाब मंदिर में इंतजार करते रहे कांग्रेस नेता
सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के आगमन को लेकर देवी तालाब मंदिर में तैनात पुलिस बल।

जासं, जालंधर : मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद एक महीने में जालंधर के दूसरे दौरे पर भी लोगों और कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए रखी। पिछली बार वह डेरा सचखंड बल्लां आए थे। तब भी किसी से नहीं मिले थे। बुधवार को भी वह करीब दो घंटे जालंधर में रहे लेकिन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम पब्लिक व विभिन्न सोसायटियों से दूरी बनाए रखी। मुख्यमंत्री चन्नी एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे।

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हालांकि इस दौरान चर्चा रही कि वह भगवान वाल्मीकि महाराज के प्रकटोत्सव के संबंध में आयोजित हो रहे कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं। उनके श्री देवी तालाब मंदिर में माथा टेकने जाने का भी प्लान था। मंदिर में तो सीएम सिक्योरिटी की टीम भी पहुंच गई थी पर जब मुख्यमंत्री ने मंदिर आने का कार्यक्रम नहीं बनाया तो शाम को टीम लौट गई। हालांकि मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए सीएम सिक्योरिटी ने मंदिर के बाहर लगने वाली फड़ियों को नहीं लगने दिया। इस दौरान लोगों को परेशानी ङोलनी पड़ी। हालांकि सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पब्लिक डीलिंग में मजबूत हैं लेकिन जालंधर में वह अब तक जनता से रुबरू नहीं हो पाए।

सीएम सिक्योरिटी से यूथ कांग्रेस प्रधान की हुई बहस

बुधवार दोपहर 12 बजे चन्नी के डिफेंस कालोनी में व्यक्तिगत दौरे के दौरान सुरक्षा के लिए लगाई सिक्योरिटी में तैनात इंस्पेक्टर रविंदर कुमार से जालंधर शहरी यूथ कांग्रेस के प्रधान अंगद दत्ता की बहस हो गई। दौरे को लेकर सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई थी। अंगद अपनी कार में कुछ साथियों के साथ पहुंचे, जिन्हें पुलिस ने रोक लिया। बहस देख इंस्पेक्टर रविंदर पहुंचे तो उनकी भी दत्ता से बहस हो गई। एसीपी ओमप्रकाश ने हस्तक्षेप कर शांत कराया और कांग्रेस नेता को उसी रास्ते से जाने दिया गया। अंगद ने कहा कि उन्होंने किसी पुलिसकर्मी के साथ बदसलूकी नहीं की। दोपहर में किसी जानकार से संस्कार से वापस घर आ रहे थे। उधर, इंस्पेक्टर रविंदर कुमार का कहना है कि ब्लाक किए गए रास्ते पर अंगद को जाने से रोका था जिसे लेकर बहस हुई थी।


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