दो साल में 89 केस पकड़ने वाले विजिलेंस के एसएसपी ढिल्लों को सीएम मेडल Jalandhar News
होशियारपुर के दिलजिंदर सिंह ढिल्लों पंजाबी यूनीवर्सिटी पटियाला से साइंस ग्रेजुएट हैं। उन्होंने बतौर इंस्पेक्टर पंजाब पुलिस ज्वाइन की थी। 2002 में तरक्की पाकर वे पीपीएस बने थे।
जालंधर [मनीष शर्मा]। भ्रष्टाचार के खिलाफ दो साल से प्रभावी जंग लड़कर रिजल्ट देने वाले विजिलेंस ब्यूरो के जालंधर रेंज के एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों को पंजाब सरकार ने भी सलाम किया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीरवार को गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में हुए राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में उन्हें मुख्यमंत्री मेडल से सम्मानित किया।
एसएसपी ढिल्लों की अगुवाई में विजिलेंस ब्यूरो ने दो साल में भ्रष्टाचार के 89 केस पकड़े हैं। इसके अलावा 1.85 करोड़ की आय से ज्यादा संपत्ति का भी पता लगाया है। संगठित भ्रष्टाचार के पांच केस भी दर्ज किए हैं। उन्होंने खाकी पहनने वाले जूनियर से लेकर सीनियर अफसरों के लिए उदाहरण पेश की है। यही कारण है कि उन्हें मुख्यमंत्री की तरफ से सम्मानित किया गया। इससे पहले एसएसपी ढिल्लों को साल 2017 में प्रेजिडेंट पुलिस मेडल और तीन डीजीपी डिस्क भी मिल चुकी हैं। एसएसपी ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई भी उनसे काम के बदले रिश्वत की मांग करें तो विजिलेंस को शिकायत जरूर करें।
बतौर इंस्पेक्टर ज्वाइन की थी पंजाब पुलिस
होशियारपुर के दिलजिंदर सिंह ढिल्लों पंजाबी यूनीवर्सिटी पटियाला से साइंस ग्रेजुएट हैं। उन्होंने बतौर इंस्पेक्टर पंजाब पुलिस ज्वाइन की थी। 2002 में तरक्की पाकर वो पीपीएस बन गए। इसके बाद कपूरथला, नकोदर, शाहकोट में डीएसपी, जालंधर शहर के एसीपी ट्रैफिक, फिर एसपी की तरक्की के बाद एडीसीपी क्राइम, एसपी (डी) कपूरथला, एआइजी स्टेट नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, चार व 57वीं बटालियन के कमांडेंट रहे। फिर एसएसपी बटाला व डीसीपी अमृतसर के बाद 6 अप्रैल 2017 को उन्होंने विजिलेंस ब्यूरो एसएसपी के तौर पर जालंधर रेंज ज्वाइन की।
23 विभागों के अफसर, कर्मचारी पकड़े
रिश्वतखोरी रोकने की जिम्मेदारी मिलने के बाद एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों की टीम की नजर हर विभाग पर रही। तभी 23 विभागों के अफसर व कर्मचारी विजिलेंस ट्रैप में फंसे। एसएसपी ढिल्लों के दो साल के कार्यकाल के दौरान पुलिस के 20, कृषि विभाग के सात, माल विभाग के 12, पावरकॉम के पांच, डीसी-एसडीएम दफ्तर के चार, शिक्षा, सेल टैक्स व कर एवं आबकारी विभाग के दो, वाटर सप्लाई व सेनिटेशन के छह और रोजगार, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, माइनिंग, पंचायत, भूमि रक्षा, आरटीए, पुडा, पनग्रेन, सेहत, इन्फोर्समेंट, फूड सप्लाई, फायर व वक्फ बोर्ड के एक-एक रिश्वतखोर को पकड़ा। इस मुहिम में 15 प्राइवेट कारिंदे भी विजिलेंस के हत्थे चढ़े।
12 गजटेड अफसर आए काबू
इन दो सालों में रिश्वतखोरी के पकड़े गए कुल 89 केसों में 12 गजटेड अफसर शामिल हैं। सबसे ज्यादा संख्या नॉन गजटेड कर्मचारियों (59) की है। इसके अलावा दो दर्जा चार कर्मी भी पकड़े गए हैं।