मेंबरशिप के बाद नहीं दी सुविधाएं, क्लब को ब्याज समेत फीस लौटाने के आदेश Jalandhar News
वादा करने के बावजूद नौ साल बाद भी नहीं सुविधाएं नही मिलीं तो क्लब कबाना के खिलाफ तीन सदस्यों ने जिला कंज्यूमर फोरम को शिकायत कर दी।
जालंधर, जेएनएन। मेंबरशिप देते वक्त जो सुविधाएं देने का दावा किया गया था, वो नौ साल बाद भी नहीं मिलीं तो तीन सदस्यों ने क्लब कबाना के खिलाफ जिला कंज्यूमर फोरम को शिकायत कर दी। जिसकी सुनवाई करते हुए फोरम ने क्लब कबाना को 12 फीसद ब्याज समेत मेंबरशिप लौटाने और हर्जाने व केस खर्च के तौर पर 42-42 हजार रुपए लौटाने के आदेश दिए हैं।
कैंट रोड स्थित डिफेंस कॉलोनी एक्सटेंशन 21 में रहने वाले अनिल कुमार अग्रवाल ने फोरम को शिकायत दी कि उन्होंने जून 2007 में एक लाख 25 हजार 845 रुपये देकर क्लब कबाना की मेंबरशिप ली थी। यह पैसे चार किश्तों में चुकाए थे। उन्हें मेंबरशिप देते वक्त कहा गया कि क्लब में उन्हें स्वी¨मग पूल, जिम, स्टीम व सोना बाथ के साथ लॉन टेनिस, बैडमिंटन, स्क्वाश, गोल्फ आदि कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। जिसे वो सपरिवार एंज्वाय कर सकते हैं। इसके अलावा भी कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी।
उस वक्त कहा गया कि क्लब अप्रैल 2007 से ऑपरेशनल हो जाएगा। मगर, नौ साल बीतने के बाद भी क्लब कबाना गोल्फ कोर्स आदि सुविधाएं नहीं दे सका। उन्होंने कई पत्र लिखे, लेकिन क्लब कबाना ने कोई जवाब नहीं दिया। इसी तरह की शिकायत राजन कुमार अग्रवाल निवासी 20, डिफेंस कॉलोनी एक्सटेंशन ने भी फोरम को दी थी। उन्होंने मेंबरशिप के बदले एक लाख 25 हजार 845 रुपये भरे थे।
तीसरी शिकायत भी इसी तरह की डॉ. दीपक कुमार अग्रवाल निवासी फर्स्ट फ्लोर, 20 डिफेंस कॉलोनी एक्सटेंशन ने फोरम को की। इसमें उन्होंने बताया कि मेंबरशिप के बदले 1.15 लाख रुपए दिए थे। तीनों शिकायतों के मामले में जिला कंज्यूमर फोरम ने क्लब कबाना के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर और कबाना इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा. लि. को नोटिस निकाला। अपने जवाब में उन्होंने कहा कि क्लब कबाना फगवाड़ा में है, इसलिए जालंधर कंज्यूमर फोरम के अधिकार क्षेत्र में न होने से इसकी सुनवाई नहीं की जा सकती।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि इन मेंबरों ने मंथली ड्यू नहीं दिए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद फोरम के प्रेजिडेंट करनैल सिंह व मेंबर ज्योत्सना ने अपनी टिप्पणी में कहा कि शिकायत करने वालों ने क्लब कबाना में सुविधाएं न मिलने की शिकायत की, लेकिन इसके जवाब में क्लब की तरफ से कोई दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किए गए कि क्लब में सुविधाएं दी जा रही हैं या नहीं। इसलिए क्लब के दावे को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
वहीं क्लब कबाना की तरफ से शिकायत करने वालों के डिफाल्टर होने के दावे पर फोरम ने कहा कि क्लब कबाना ने ऐसा कोई दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किया। अगर ऐसा था तो फिर क्लब को मेंबरों को नोटिस जारी करना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा कोई सबूत फोरम के समक्ष पेश नहीं किया। वहीं फोरम के अधिकार क्षेत्र के मामले में मेंबरों की तरफ से दी गई फीस व उसके कैश होने से स्पष्ट हुआ कि शिकायत करने वालों के बताए क्लब कबाना के ओल्ड रेलवे रोड सेंट्रल मिल्स में ही उनका दफ्तर है। इसलिए फोरम इसे सुनने का पूरा अधिकार रखता है। तीनों मामलों में फोरम ने 26 जुलाई 2016 को शिकायत करने के दिन से लेकर पैसे चुकाने तक 12 फीसद सालाना ब्याज के साथ मेंबरशिप फीस वापस लौटाने और तीनों शिकायतकर्ताओं को हर्जाने व केस खर्च के तौर पर 42-42 हजार रुपए देने के आदेश दिए।
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