जालंधर सिविल अस्पताल में मरीजों संख्या बढ़ने से चरमराई सफाई व्यवस्था, लगे गंदगी के ढेर
सिविल अस्पताल के फ्लू कार्नर में कोरोना जांच करवाने तथा अस्पताल की सेवाएं लेने के लिए रोजाना करीब 850 लोग पहुंच रहे हैं। अस्पताल में पहुंचने पर लोगों को शव गृह के नजदीक तथा जच्चा बच्चा वार्ड व वन स्टाप सेंटर के बाहर गंदगी के आलम से गुजरना पड़ता है।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना मरीजों की संख्या में गिरावट आने के बाद सिविल अस्पताल में नान कोविड मरीजों की सुविधाएं शुरू होने के बाद अव्यवस्था का आलम बन गया है। मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अस्पताल का स्टाफ भी सुस्त पड़ने लगा है। गंदगी के ढेर लगने की वजह से वहां आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। समस्या का समाधान करने के लिए अस्पताल प्रशासन असमर्थ दिखाई दे रहा है और सफाई कर्मियों की कमी बता कर पल्ला झाड़ रहे है।
सिविल अस्पताल के फ्लू कार्नर में कोरोना जांच करवाने तथा अस्पताल की सेवाएं लेने के लिए रोजाना करीब 850 लोग पहुंच रहे हैं। अस्पताल में पहुंचने पर लोगों को शव गृह के नजदीक तथा जच्चा बच्चा वार्ड व वन स्टाप सेंटर के बाहर गंदगी के आलम से गुजरना पड़ता है। बदबू की वजह से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं फ्लू कार्नर के सामने 24 लाख रूपये की लागत बनाया गया शौचालय भी बंद कर दिया गया।
अस्पताल में आए मरीज के परिजन सतीश कुमार ने बताया कि कोरोना काल में मास्क लगाने के बावजूद बदबू की वजह से नाक बंद कर गुजरना पड़ रहा है। इस वजह से कोरोना के खतरे के साथ साथ लोगों को पेट खराब व एलर्जी होने जैसी बीमारियां हो सकती हैं। वहीं शौचालय पर ताला लगा होने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. मनदीप कौर ने मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों की कमी के चलते समस्या आ रही है। विभाग को स्टाफ की तैनाती के लिए पत्राचार चल रहा हैं।
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