वेंटिलेटर पर सिविल अस्पताल का शवगृह
सिविल अस्पताल का शवगृह खुद वेंटिलेटर पर है। शवगृह की दयनीय स्थिति में सुधार करने के लिए अस्पताल प्रशासन गंभीर ही नहीं है।
जगदीश कुमार, जालंधर : सिविल अस्पताल का शवगृह खुद वेंटिलेटर पर है। शवगृह की दयनीय स्थिति में सुधार करने के लिए अस्पताल प्रशासन गंभीर ही नहीं है। फंड के लिए अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई डा चुकी है लेकिन नतीजे शून्य हैं। हालात ये हैं कि शवगृह की एक तरफ पार्किग और दूसरी तरफ गंदगी के ढेर लगे हैं। वहां तक पहुंचने के लिए लोगों को खासी परेशानियों से जूझना पड़ता है। गंदगी और शवों की बदबू की वजह से शव को लेने के लिए आने वाले व आसपास रहने वाले लोगों को परेशानियों से गुजरना पड़ता है। शवगृह की इमारत की रिपेयर के लिए लंबे समय से अस्पताल प्रशासन और सेहत विभाग में चल रहा पत्राचार फाइलों का भार बढ़ा रहा है, हो कुछ भी नहीं रहा।
हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अस्पताल में शव रखने के लिए 10 शवों की क्षमता वाले फ्रीजर थे। पिछले साल दो फ्रीजर खराब हो चुके हैं लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनकी जगह नए फ्रीजर खरीदने का कोई प्रयास ही नहीं किया। वर्तमान में चार शव रखने की क्षमता वाले फ्रीजर का एक हिस्सा बुरी तरह से गल चुका है। वह किसी समय भी बंद हो सकता है। अस्पताल प्रशासन को शव गृह में एसी चला कर खुले में शव रखने पड़ रहे हैं। दरवाजे और खिड़कियां कई जगह से टूट चुकी हैं
शवगृह के दरवाजे और खिड़कियां कई जगह से टूट चुकी हैं। ऐसे में हमेशा अंदेशा रहता है कि आवारा कुत्ते शवों को नोच सकते हैं। बदबू की वजह से आवारा हरदम यहां आसपास मंडराते रहते हैं। अस्पताल प्रशासन शवों के साथ होने वाले किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। पोस्टमार्टम की तकनीक भी अपडेट नहीं
सिविल अस्पताल में शवगृह में हर साल 350-450 के करीब शव पहुंचते हैं। उनका पोस्टमार्टम करने के लिए पुरानी हथौड़ी व छैनी से चीरफाड़ किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन पोस्टमार्टम के लिए आधुनिक उपकरण भी खरीद नहीं पाया। वहीं शवगृह में डॉक्टर व स्टाफ के लिए बैठने व कामकाज करने की व्यवस्था नहीं है। नतीजतन लोगों को पोस्टमार्टम की रिपोर्ट लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। एमपी लैड फंड के लिए रखी थी पेशकश
जालंधर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सुरिंदर सैनी ने बताया कि अस्पताल प्रशासन को सांसद नरेश गुजराल से शवगृह के निर्माण के लिए फंड लेकर देने की बात कही थी। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को एस्टीमेट तैयार कर देने की बात कही थी। अस्पताल की ओर से इस से संबंधित कोई भी कागजी नहीं की गई। ऐसी में बात आगे ही नहीं बढ़ी।
शव गृह की इमारत बनाने के लिए प्रस्ताव पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन को भेजा गया है। फंड आने के बाद काम शुरू किया जाएगा शवगृह की टूटी खिड़कियां और दरवाजे की जल्द ही रिपेयर करवा दी जाएगी।
- डॉ. त्रिलोचन, कार्यकारी मेडिकल सुप¨रटेंडेंट, सिविल अस्पताल