अब सिविल अस्पताल में बेरोकटोक एंट्री नहीं कर पाएंगे मरीजों के परिजन, जानें क्या हैं नए नियम
अब सिविल अस्पताल जालंधर में मरीज भर्ती करते समय परिजनों के लिए दो पास दिए जाएंगे। दिन में दो और रात में एक परिजन मरीज के पास रुक सकेगा।
जागरण संवाददाता, जालंधर : सिविल अस्पताल में अब कोई भी ऐसे ही एंट्री नहीं कर पाएगा। अस्पताल प्रशासन अनुशासन और सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के मकसद से प्राइïवेट अस्पतालों की तर्ज पर मरीजों के परिजनों के लिए एंट्री पास देने की तैयारी कर रहा है।
सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. जसमीत कौर बावा के मुताबिक अस्पताल की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए योजनाएं तैयार कर उन्हें जल्द ही अमली जामा पहनाया जाएगा। डॉ. बावा ने बताया कि वार्डों में मरीजों के परिजनों की भीड़ कम करने के लिए स्पेशल पास सिस्टम शुरू किया जाएगा। दाखिल होने वाले मरीज की फाइल तैयार होने के साथ ही उसे दो पास दिए जाएंगे। दिन में मरीज के साथ परिवार के दो सदस्य ही वार्ड में रह सकेंगे और रात को एक ही रहेगा। बिना पास के परिवार के सदस्य का अस्पताल में प्रवेश नहीं होगा। ट्रोमा सेंटर व जच्चा-बच्चा वार्ड में इस प्रोजेक्ट को सख्ती से लागू किया जाएगा।
वार्ड में तैनात स्टाफ व सुरक्षा कर्मी इस पर सख्त निगरानी करेंगे। रात को जच्चा-बच्चा सेंटर के लिए केवल एक एंट्री रखी जाएगी। इससे संबंधित अन्य तमाम रास्ते बंद किए जाएंगे। जच्चा-बच्चा वार्ड में दाखिल मरीज के लिए आशा वर्कर के साथ मरीज के परिवार का एक सदस्य को रहने की अनुमति दी जाएगी। वहीं, ब्लड बैंक में भी सख्ती की जाएगी। रक्तदान करने के लिए खूनदानी के साथ एक सहायक का प्रवेश होगा। खून लेने के लिए मरीज के परिवार का एक ही सदस्य अंदर प्रवेश कर पाएगा।
पार्किंग व्यवस्था भी होगी दुरुस्त
डॉ. बावा ने बताया कि अस्पताल में लगातार बढ़ रही गाडिय़ों की पार्किंग का बोझ कम करने के लिए अस्पताल के ठेकेदार व सुरक्षा प्रभारी के साथ बैठक की गई है। गाडिय़ों का पार्किंग के लिए जगह निर्धारित की गई है। वहीं अस्पताल के पिछले गेट को बंद कर सुरक्षा कर्मी की तैनाती की गई हैं। वहां से अस्पताल से संबंधित गाडिय़ां ही प्रवेश कर सकेंगी।